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Mayank Sharma
काशी फ़िर से आना पड़ेगा (कविता अनुशीर्षक में) बनारस की धरती पर हमारे पहले अनुभव की व्याख्या ❣️ नैन तेरे दर्शन की प्यासी लाख पुकारा मिली तब काशी मिला नहीं वो ज्ञान यहाँ ढूंढे जिसे हर
Technocrat Sanam
भाँति भाँति की ड्रिंक्स के दौर में गर्म पानी गटका जाएगा 'हैलो-हाय व्हाट्सअप ब्रो' भूल, हाथ जोड़, दूर से सटका जाएगा, अच्छे-बुरे सभी तरह के प्राणी अपना मुँह-नाक छिपाएंगे पिज्जा-फिज्जा खाने वाले लौकी-तुरई भी चाव से चबाएंगे , खुली सड़क में मटरगस्ती करने वाले बाबू-शोना बस जैसे-तैसे ऑनलाइन रिश्ता निभाएंगे, सूट-बूट टाइप प्रोफेसर ऊपर टी-शर्ट पहन, नीचे सिर्फ़ लोअर या लुंगी में ही पढ़ाएंगे, "अपना टाईम आयेगा" कहने वाले गबरु बांके मजबूरन फिर गुज़रे दिनों के ही स्टैटस लगाएंगे, थोड़ा-बहुत 'जान-पाडे़', 'अध-जल गगरी छलकाएंगे' घर-घर, भर-भर, घरेलू-नुस्खे बता, छाती-चौड़ियाएंगे, दुल्हन के साथ दूल्हा, बराती और जनाती सब सुबक-सुबककर सैनेटाईजर के आँसू रोएंगे , विस्की-ठर्रा से कुल्ला करने वाले जीजा-फुफा भी ग़म के मारे झुंझला कर पानी से मुँह-हाथ धोएंगे, 'सड़क-मकान बनाने वाले' और विकास लाने वाले आंसुओं के घूंट पी-पीकर दर-दर की ठोकरें खाएंगे, घर में सोफ़े पर लेटे-बैठे और पड़े-पड़े बाबू लोग रुपया-पैसा खूब कमाएंगे, महानुभाव कह गए 'सनम' से देखना- फ्यूचर में इतने भी अच्छे दिन आएँगे गिद्ध-विद्ध चील-कौवे मरेंगे भूखे-प्यासे लोग एक दूसरे को नोच-नोचकर खाएंगे ©technocrat_sanam कृपया इधर पढ़े.. 🙏 "समय-असमय" (part-2) भाँति भाँति की ड्रिंक्स के दौर में गर्म पानी गटका जाएगा 'हैलो-हाय व्हाट्सअप ब्रो' भूल, हाथ जोड़, दू
कृपया इधर पढ़े.. 🙏 "समय-असमय" (part-2) भाँति भाँति की ड्रिंक्स के दौर में गर्म पानी गटका जाएगा 'हैलो-हाय व्हाट्सअप ब्रो' भूल, हाथ जोड़, दू
read morePramod Kumar
Mayank Sharma
Chai date with a city girl बिना पढ़ें रिएक्ट ना करें 🙏 कल शाम सोचा अपनी शहर 'की' दोस्त को चाय पिलाने ले चलते हैं। इसी बहाने थोड़ी सी चाय पे चर्चा भी हो जाएगी। बस इसी
Ghumnam Gautam
दिल पराली-सा जला है इश्क़ में जिस्म दिल्ली हो गया है आजकल घपोचन जी कहिन―७ """"”""”""""""" (घपोचन जी 'ठाकुर जी' के साथ 'इंग्लिश' लेते हुए) 'हे भगवान! हे भगवान! देश का दुश्मन सिर्फ़ किसान।' 'अरे घपोचन