Find the Latest Status about डारा डारा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, डारा डारा.
Kajal
अँधेरी रात, ठंडी हवाओं की झंकार, दरिंदगी के शैतानों की आवाज की धमाकार। काली घटाओं के बीच उलझे हुए साये, चुपके से हिलती उनकी सिलवटों की आहट से डर लगता है। बिछड़े अपनों की याद आती है, कुछ अजनबी नजर आते हैं, खोए हुए वक़्त की तस्वीर बन जाते हैं। एक तरफ रात के नीचे आँखें मुँदते हुए जीवन के सपने सजाते हैं, दूसरी तरफ डर उनकी जान लेने का इंतज़ार करता है।😫😫😫😫😱😱😱 ©Kajal #डारावनी
Harshita Dawar
Written by Harshita Dawar ✍️✍️ # jazzbaat बादल भी दिल की तरह रंग बदल रहे है। पिघल रहे है।उमड़ रहे है।बरस रहे है। डारा रहे है। घबरा रहे है।फिसल रहे है। उड़ रहे है।। बस चलते जा रहे है। #baarish #baarishkiboonde #dil #yqdidi Written by Harshita Dawar ✍️✍️ # jazzbaat बादल भी दिल की तरह रंग बदल रहे है। पिघल रहे है।उमड़ रहे
रिंकी✍️
फिर से एक बार लड़का देखने आया साड़ी देख कर ,एक बार मेरा सर फिर से चकराया माँ ने घर का सारा भोजन खुद ही बनाया कहा उनसे कि , मेरी बेटी ने अपने हाथों से है पकाया कहा गया हमे ,थोड़ा चल के तो दिखाइए पैर हाथ ठीक है आता है कोई गाना ,तो जरा गा के भी सुनाइये फिर क्या था मैंने गा दिया कम नही हम उनसे , उन्हें ये जता दिया इतना कुछ कहके भी कहते है हमसे देखिये इस तरह न हमसे घबराइए बड़ी रूखी सूखी सी है , थोड़ा मुस्कुराइए उसके बाद क्या हुआ ...?🤔 मेरी हँसी रावण सी मैं खुल कर हँस पड़ी वो बेहोसी की हालत में नीचे गिर पड़ा मैं डरी , डर से घर के कोने में खड़ी । पानी वानी डाला गया , सबने कहा होश में तो आइए होश में आते ही उनके , मैं मुस्कुराई उसके बाद क्या कहा हमसे 🤔 देखिये रिंकी जी यू न मुस्कुराइए पहले ही डर चुका हूं और न डाराइये। ✍️रिंकी फिर से एक बार लड़का देखने आया साड़ी देख कर एक बार मेरा सर फिर से चकराया माँ ने घर का सारा भोजन खुद ही बनाया कहा उनसे कि , मेरी बेटी ने अपन
sandy
#रात्रीस_खेळ_चाले अशीच एक पावसाळ्यातील काळी कभिन्न रात्र... रपारप कोसळणारा पाऊस..... रातकिड्यांचा किर्र करत शांततेला भेदत जाणारा आवाज...
🇮🇳always_smile11_15
एकाकीपन का एक अंतिम पत्र (part-2) (read in caption) .... ✍️✍️ ©🇮🇳always_smile11_15 नीली आसमान भी अब काली लगती है और जीवन में दुखों को लाद बैठी उन आसमानो को दुनियाँ भर की उदाशी से देखती हूँ। कुछ ना रहा जीवन में पहले के जैसे