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sarwan.kumar.singh
ये जो ज़िन्दगी है ना मेरे भाई यहां कुछ पने के लिए कुछ खोना भी पढ़ता अगर कुछ पाना है तो कुछ तो खोना तो पड़ेगा ©sarwan.kumar.singh हमारी बात सिधी आपके दिल तक
sarwan.kumar.singh
रख हौसला वो मंजर भी आएगा प्यासे के पास चल कर खुद समुंदर भी आएगा थक कर ना बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी है 🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃 🏃🏃🏃🏃🏃🏃🏃 ©sarwan.kumar.singh हमारी बात सिधी आपके दिल तक 🙏🙏🙏🙏🌻🌻🌻🌻🌻
yogesh atmaram ambawale
हिंदी अपनी राष्ट्रभाषा है जो बहुत ही प्यारी,मिठी, सरल और सिधी भाषा है. अच्छा लगता है मुझे हिंदी भाषा बोलना,सूनना हिंदी लिखना,हिंदी पढना. वैसे तो मेरी मातृभाषा मराठी है, फिर भी मुझे हिंदी बहुत भाती है. सभी को हिंदी भाषा दिवस की बधाई.. प्रिय लेखकों को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई। #विश्वहिंदीदिवस #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#yqdidi #colla
Rashmi Hule
कधी सहजसोपी वाटही खडतर कधी चढावे सहजच डोंगर गळून पडे कधी पाण्यावीन मोहर खडकाळ जमीनीला फुटे कधी पाझर झुलत सुखदुःखाच्या झुल्यावर एकच आयुष्य हे व्हावे मनोहर जिवन बिताते हूये कभी सिधी राहें भी खडतर हो जाती है. तो कभी उंचे परबत भी सहजता से चढ सकते है कभी बिना जल बहारे सुख जाती हैं तो कभी पथरीले ज
Siddharth Balshankar
lockdown आज खाली घर मे कुछ अलग सा खालीपण सा लग रहा हैं कभी खामोशी को इतने करीब से रुबरु होते नही देखा था , घड़ी की आवाज कुछ सिनी सुनायी सी लग रही थी, रास्तो पर खामोशिका त्योहार सजा हैं गलियो मे हवाओं का घुमता शोर सजा हैं आसमान भी कुछ साफ सा लगता हैं अभी बादलो से घिरा गगन आज टिम टिमाते तारो सा लग रहा हैं कुछ लोग घर के बाहर बाते कर दिख तो रहे हैं पर मन के भीतर घबराहट सा बीज उमलता दिख भी रहा हैं बातो मे सच्चायी जरुर है ,फिर भी उसमे फिक्र की डाट भी जरुर हैं गाडियो पे धुल सजी देख रहा था जैसे लग रहा था की सदिया गुजर रही थी हर पल की खामोशी हर पल आती खबरे दिल पे एक घाव सा दे जा रही थी बात कल की करो या आज की मोहताज सभी को बना रही थी लग रहा था की पिंजरो में एक जान तडप रही थी खयाल आते आते रूह को मजार की आस लग रही थी हर पल रेत सा गुजर ने लगा था बंजर बनी रिश्तेदारी फिर से हरीभरी लग रही थी हालत तो कुछ इस कदर बदले बदले से लग रहे थे दूर बेठे आज करीब से लग रहे थे ये वक्त मे सभी के किरदार एक नाटक से लग रहे थे , सभी अपने किरदार बखुबी निभा रहे थे , कुछ दिनो में ईन्सान ईन्सान से लग तो रहे थे, आज ईन्सान खुदसे ही दूर भाग रहा था लग रहा था की ईन्सान अपने घर लोट रहा था कुछ काम नजर नही था कुछ हाल नजर नही था जान बचाने के खतिर सभी अपनी जान की पुकार लगा रहे थे ये वक्त ऐसे करवट यू बदल रहा था लग रहा था आप बिती सुना रहा था आज सभी जगे ताले क्यु हैं ,जग जगह ये पेहेरे क्यु हैं बात तो सिधी सरल ऐसे लग तो नही लग रही थी जो गुजरा हो वो कल था जो कुछ केहेनी की कोशिश सी लग रही थी सभल तो हर कोई सकता था ,बस सभल पानी की बात थी बस थोडी सी कोशिश से ये हालातो को सुधारा जा सकता था बस थोडी सी कोशिश से ये हालातो को सुधारा जा सकता था #Lockdown_ आज खाली घर मे कुछ अलग सा खालीपण सा लग रहा हैं कभी खामोशी को इतने करीब से रुबरु होते नही देखा था , घड़ी की आवाज कुछ सिनी सुनायी सी
Motivational indar jeet group
आखिर क्यों !! हमें सुनने व कहते हुए देखने में आता है कि शास्त्र सुनने व पढ़ने में या यूं कहलें की सत्संग सुनने में मन नहीं लगता । मुझे समय नहीं मिलता मैं घर के काम में व्यस्त रहता हूँ , मुझे कहते तो सभी भाई अपने लिए भी जरा वक्त निकाला करो । लेकिन आखिर एैसा क्यों होता है ? 👉 भाई सिधी बात है मन के कहे अनुसार चलने वाले का यही हाल होता है , वो अपने जीवन में कोई भी काम सही तरीके से समय पर नहीं करपाते , इस प्रकार के व्यक्ति को मन के गुलाम कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । जब तक आप मन के कहे अनुसार चलोगे तो यही हश्र होगा आप अपने अच्छे जीवन को अंधेरे की ओर धकेलने में स्वयं जवाबदार हो । यह तो संसार सागर है यहाँ हर जीव किसी न किसी कारण से दु:खी है इस लिए यहां दूसरों की चिंता करने से अच्छा है अपने स्वयं को पहचानलें वर्णा रोते हुए आए हो रोते हुए इस संसार से चले जाओगे । 👉 आपको अपना जीवन सुखी करना है मन में शांति लानी है संसार का आवागमन खत्म करना है तो आपको सुखी होने का सबसे बड़ा जर्या है आप गुरुमुख बन जाए । गुरूमुखी कभी भी अपने जीवन में डगमगाते नहीं वो हमेशा सत्संग सुनना , सुमिरन में बैठना , शास्रों को पढ़ने में रूची रखना अपनी ड्यूटी समझते हैं । 👉 काम , क्रोध , मोह , लोभ , लालच , आपके लिए ये मछली के जाल की तरह है इसमें आना याने अपने आपका जीवन को नष्ट करना है । अत: इन पांच इन्द्रियों से बचने का सही तरीका है ईश्वर ध्यान करें , मन के कहे अनुसार न चलें क्योंकि मन इन इन्द्रियों का गुलाम है ओर आपको नाना प्रकार के व्यसन , कुकर्मों में उलझाए रखेगा यह आपको अच्छे काम की तरफ जाने नहीं देगा, आप अपना ज्यादा तर समय सत्संग ( शास्रों ) में बीताएं । 👉 अगर आपकी संगती मनमुखी से है तो स्वभाविक है वह आपको भी अपने जैसा बनाए रखेगा । अत: अपनी संगती गुरूमुखी से बनाए रखे । आप चाहे जीतनी कोशिश करलें मक्खी चंदन या खुशबू वाली जगह पर नहीं बैठेगी क्योंकि उसको वहाँ का पता ही नहीं है और उसको गंदगी पर बैठना उसका अपना स्वभाव है , अत: इस प्रकार के व्यक्ति आपको भी अपने साथ रखने का प्रयास करेगें । राधास्वामी जी ।👏👏 ©motivationl indar jeet guru # आखिर क्यों !! हमें सुनने व कहते हुए देखने में आता है कि शास्त्र सुनने व पढ़ने में या यूं कहलें की सत्संग सुनने में मन नहीं लगता । मुझे स
SIDDHARTH.SHENDE.sid
happy birthday day ayesha 🎂🎂 🍫 ©SIDDHARTH.SHENDE.sid Ayesha Aarya Singh 🍫🎂🍫🎂🍫🎂🍫🎂 ≿━━━━༺❀༻━━━━≾ 🎂🍫🎂🍫🎂🍫🎂🍫 घंडी की सुईया कर रही है इशारा Happy birthday day To you ayesha arya औझा भैया ने तीन द
Namit Raturi
"माफ किजिएगा" "माफ किजिएगा" कहानी के सारे पात्र वास्तविक है,बस नाम काल्पनिक है ।। उसूलों के बिना जीवन जिना मेरे लिए मौत के समान है,एक छोटा सा और बडा आम
sandy
तेलकट चेहर्याची सावळ्या रंगाची हडकलेली एक लग्नाचं वय झालेली मुलगी माझ्या मित्राकडे फोटॊ काढून घ्यायला तिच्या घरच्यानी आणली होती. तशी पद्धत
sandy
तेलकट चेहर्याची सावळ्या रंगाची हडकलेली एक लग्नाचं वय झालेली मुलगी माझ्या मित्राकडे फोटॊ काढून घ्यायला तिच्या घरच्यानी आणली होती. तशी पद्धत