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नवनीत ठाकुर
न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा। हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा। हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से, हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में, आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्
#नवनीतठाकुर न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा, हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्
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जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो था कभी हमारी हर खुशी का हिस्सा, वो अब तन्हाई में खुद को ढूंढ़ने वाला था। जिसे कभी समझा था अपने साथ का साथी, वो अब बिन बताए, दूर जाने वाला था। हमारी आँखों में जो था हर ख्वाब पूरा, वो अब अपनी राहों में अकेला होने वाला था। मोहब्बत का जो वादा था उसने किया, वो आज उस वादे को तोड़ने वाला था। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेल
#नवनीतठाकुर जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेला होने वाला। जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था, वो है आज राहों में अकेल
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चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे खा नहीं पाया, वो सबक बन बैठा। तूफ़ानों से लड़ने का हुनर सिखा दिया, नाव डूब भी गई तो समंदर बना दिया। राह मुश्किल थी, मगर इरादा बुलंद था, ख़ुद को हारा नहीं समझा, यही फ़र्ज़ था। जंग जीतेंगे वही, जो लड़ने का हौसला रखें, हार भी सर पे सजे, वो विजेता बनें। मौत भी कहती रही, मुझसे किनारा कर ले, मैंने हंसकर कहा, जीने का सहारा कर ले। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख
#नवनीतठाकुर चल पड़े हैं तो मुसाफ़िर नहीं रुकने वाले, मंज़िलें कहती हैं, रस्ते भी झुकने वाले। ज़िंदगी शेर थी, अब शेर मैं बन बैठा, जो मुझे ख
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ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में शिकायत क्या थी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श
#नवनीतठाकुर ज़रा सी बात पे बिखर गए जो रिश्ते, कभी सोचो उन लम्हों की क़ीमत क्या थी। तुमने समझा नहीं मेरा हाल-ए-दिल, वरना हमारी मोहब्बत में श
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ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिनसे उम्मीदें थीं, उनसे कोई शिकायत नहीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन
#नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन
read moreVEER NIRVEL
तुम बात समझा करो मेरी,, सुन तो दुनिया भी लेती है... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL तुम बात समझा करो मेरी,, सुन तो दुनिया भी लेती है... #Veer_Ki_Shayari
तुम बात समझा करो मेरी,, सुन तो दुनिया भी लेती है... #Veer_ki_Shayari
read moreSumitGaurav2005
प्रस्तुत कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है। इसका किसी भी तरह का किसी से कोई भी सम्बंध नहीं है। विद्युत उपकरण कंपनी के नाम का इस्तेमाल करके लेखक
read moreneelu
White आपको इस दुनिया में सिर्फ चार लोग समझा सकते हैं क्या आप उनको जानते हैं और उनको पहचान सकते हैं ©neelu #sad_quotes आपको इस दुनिया में सिर्फ चार लोग समझा सकते हैं क्या आप उनको जानते हैं और उनको पहचान सकते हैं
#sad_quotes आपको इस दुनिया में सिर्फ चार लोग समझा सकते हैं क्या आप उनको जानते हैं और उनको पहचान सकते हैं
read moreRakesh frnds4ever
White जब जब भी या जब कभी भी जरूरत थी मुझे ,, तब तो किसी ने कुछ भी मेरे लिए जरूरी समझा नहीं!!!!:::: अब जब की कुछ भी जरूरी नहीं रहा मेरे लिए ,,तो,,फिर किसी की भी या कुछ भी जरूरी क्या है मेरे लिए!!???!!! _________ ©Rakesh frnds4ever #जब जब भी या जब #कभी भी #जरूरत थी #मुझे ,, तब तो किसी ने कुछ भी मेरे लिए #जरूरी समझा नहीं!!!!:::::: अब जब की #कुछ_भी जरूरी नहीं रहा #मे