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Raxx
ज़रा सा अपने आप में क्या रहने लगे, लोग खिड़कियों के परदे उठा कर देखते है, कही हम चल तो नही बसे... ©Raxx #roshni चल बसे
Arora PR
चल चल रे मुसाफिर चल तू उस दुनिया मे चल जहा न हो कोई फ़िक् जहा न हो मौत का कोई डर ©Arora PR चल चल रे मुसाफिर चल
Anuj Ray
White मेरी यादों में बसे हो तुम" मेरे सुहाग जिंदगी मेरी,बंधी है तुमसे मेरी सांसों की डोरी। नज़र के सामने रहो या मुझसे दूर, तुम्हीं हो दिल की कमजोरी। कहीं भी जाके छिपो,मुस्कुराओ दिल ही दिल में, या रहो गुमसुम, तुम्हें कहीं भी ढूंढने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि, मेरी यादों में बसे हो तुम। ©Anuj Ray # मेरी यादों में बसे हो तुम"
Shishpal Chauhan
Vishnu Bhagwan मिलता है सच्चा सुख भगवान तुम्हारे चरणों में, आशा की किरण जगह देते हो तुम पल भर में। दिल से सेवा जो करता है स्थान दे देते हो अपने चरणन में, मिल जाता है सब कुछ जो आ जाए तेरी शरण में। मिलता है सच्चा सुख भगवान तुम्हारे चरणों में, आप चाहो तो फूल खिला दो पत्थर में। जहां पड़े आपकी नजर दृश्य बदल जाए पल भर में, तुम बसे हो हर कण कण में, मानव ढूंढता फिरे मंदिर मस्जिद में। ©Shishpal Chauhan # भगवान बसे हैं कण कण में
Jashvant
White कितना ढूँडा उसे जब एक ग़ज़ल और कही जब मिला ही नहीं तब एक ग़ज़ल और कही एक उम्मीद मुलाक़ात में लिक्खी सर-ए-शाम और फिर आख़िर-ए-शब एक ग़ज़ल और कही इक ग़ज़ल लिक्खी तो ग़म कोई पुराना जागा फिर उसी ग़म के सबब एक ग़ज़ल और कही उस ग़ज़ल में किसी बे-दर्द का नाम आता था सो पए बज़्म-ए-तरब एक ग़ज़ल और कही जानते बूझते इक मिस्रा-ए-तर की क़ीमत दिल-ए-बेदाद-तलब एक ग़ज़ल और कही दिल की धड़कन को ही पैराया-ए-इज़हार किया सिल चुके जब मिरे लब एक ग़ज़ल और कही दफ़अ'तन ख़ुद से मुलाक़ात का एहसास हुआ मुद्दतों बा'द जो अब एक ग़ज़ल और कही वहशत-ए-हिज्र भी तन्हाई भी मैं भी 'अंजुम' जब इकट्ठे हुए सब एक ग़ज़ल और कही ©Jashvant एक ग़ज़ल और कही Lalit Saxena Mukesh Poonia PФФJД ЦDΞSHI Andy Mann vineetapanchal
Bheem Bheemshankar
White आहिस्त चल जीन्दगी कई कर्ज। चुकान बाकी है। कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है। रफ्तार मे तेरे चलने से। कुछ रूठ गये कुछ छुट गये । रूठो को मनाना बाकी है। रातो को हसाना बाकी है। कुछ रिश्ते बनकर टूट गये कुछ जुडते जुडते छूट गये ऊन टुटे छुटे रिश्तो के। जख्मो को मिटाना बाकी है। कुछ हसरते अभी अधुरी है कुछ काम भी और जरूरी है जिवन की ऊलझ पहेली को पुरा सुलझाना बाकी है। आहिस्ता चल जिन्दी कई फर्ज निभाना बाकी है।। ©Bheem Bheemshankar #emotional_sआहिस्तता चल जिन्दगीad_shayari
( prahlad Singh )( feeling writer)
ll अगर लोग रास्ता गलत दिखा दे गर तो अपने मन के हल से चल पड़ना चल पड़ना ll ©( prahlad Singh )( feeling writer) चल पड़ना#LongRoad