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vksrivastav
Unsplash आज फिर बात वही याद मुझे आई है आज फिर से फिज़ा में बह रही पुरवाई है रात भर मेरे बाजुओं से वो लिपटे रहना फुसफुसा कर हर एक बात कान में कहना आज फिर से तेरी खुशबू ये हवा लाई है फुसफुसाहट तेरी वो साथ अपने लाई है ©Vk srivastav आज फिर बात वही #SAD #Shayari #viral #Trending #Love #Videos #vksrivastav
नवनीत ठाकुर
हर चेहरा नया है, मगर दर्द वही है, दिल के किसी कोने में, दबी आवाज़ वही है। किरदार बदलते गए, पर कहानी वही है, साँसें बदल रहीं हैं, पर धड़कन की राग वही है। हर रास्ता अलग है, फिर भी सफर वही है, जो खुशी थी कभी, आज उसकी कसक वही है। आसमान बदलता है, मगर रंग वही हैं, सितारे टूटते हैं, पर अरमान वही हैं। रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये नाटक, बस परछाईं वही है। दिल की ज़ुबां पर सवालों का शोर वही है, ज़िंदगी के हर मोड़ पर, सन्नाटा घना वही है। वक्त ने हर चीज़ को बदला, पर जख्म पुराने वही हैं, वो बातें जो छूट गईं थीं, अफसाने वही हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
#नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं... आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं.. आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreAvinash Jha
White याद आती है वो शाम याद आती है वो शाम, जब सूरज ढलता था, आंगन में बैठकर, चाय का कप सजता था। हवा में थी खुशबू, मिट्टी की सौंधी-सौंधी, हर कोने में थी ख़ुशी, हर बात थी मीठी-मीठी। गली में बच्चों की हंसी, और पतंगों का खेल, उन दिनों का हर लम्हा, जैसे कोई सुंदर मेल। दादी की कहानियां, जो दिल को बहलाती थीं, वो गाने, जो माँ गुनगुनाती थीं। सांझ के दीपक, जो अंधेरे को मिटाते थे, हमारे सपनों में उजाले भर जाते थे। खुला आकाश, तारे गिनने का जुनून, जैसे हर रात थी कोई अनोखा सुकून। वो दोस्ती, जिसमें दिखावा न था, हर बात में बस अपनापन था। मिट्टी के घरों में भी, खुशियों का वास था, कम साधनों में भी, भरपूर उल्लास था। अब वक़्त बदला, पर दिल वही ठहरा है, उन बीते पलों का जादू आज भी गहरा है। याद आती है वो शाम, वो मासूम दिन, जिनमें छिपा था सच्चा जीवन का संगम। ©Avinash Jha #याद #शाम
F M POETRY
White आजा मेरे ख्वाबों की महज़बीन शाम है.. आ देख मेरे साथ क्या हसीन शाम है.. तन्हाँ न समझ आएंगे रंगीन नज़ारे.. आ मैं तुझे दिखाता हुँ रंगीन शाम है.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #शाम है...
#शाम है...
read moreSneh Prem Chand
White आकर वही जलाए रावण जिसमें मर्यादा और प्रतिबद्धता हो श्री राम सी आकर वही जलाए कुंभकर्ण जिसमें शक्ति,सामर्थ्य संग विवेक चिंतन और संयम हो श्री राम सा आकर वहीं जलाए मेघनाथ जिसमें वचनबद्धता,न्यायप्रियता राजनीतिक समझ हो श्री राम जी पहले अपने चित को टटोलो एक भी गुण हो गर श्री राम सा फिर इनके पुतले जलाने के लिए बोलो ©Sneh Prem Chand #happy_diwali आ कर वही जलाए रावण
#happy_diwali आ कर वही जलाए रावण
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