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Keshav pratap Kannaujia
White अगर हमें कोई गाली देता है या भला बुरा कहता है तो कहे,लेकिन हम उसे भला बुरा ना कहें। क्योंकि हीरे को हीरे से तरासा जा सकता है किंतु कीचड़ से कीचड़ को साफ़ नहीं किया जा सकता।। ©Keshav pratap Kannaujia #Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,
#Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,
read moreHealth Is Wealth DK
Health is wealth dk ©Health Is Wealth DK अगर हम स्वाद को छोड़ दें तो शरीर को फायदा।
अगर हम स्वाद को छोड़ दें तो शरीर को फायदा।
read moreShashi Bhushan Mishra
तुम्हें पता अधिकारों का है भुला दिया कर्तव्यों को, कैसे कोई भूल पाएगा दिये हुए वक्तव्यों को, तौर तरीके बदले सबने अपने उच्च विचारों से, बदल सकेगा कोई कैसे लोगों के मंतव्यो को, मेले में प्रवास करने को संगम हुआ सितारों का, कहां से आए किसे पता लौटेंगे फिर गंतव्यों को, कर्म प्रधान धरा है इसमें फल पर कोई जोर नहीं, बदल सकेगा कौन यहां जीवन के भवतव्यों को, ज्ञान ध्यान आनन्द प्रेम है विषय हृदय का ही 'गुंजन', द्रोणाचार्य मिले हर युग में श्रद्धावान एकलव्यों को, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #श्रद्दावान एकलव्यों को#
#श्रद्दावान एकलव्यों को#
read moreTripurari Pandey
New Year 2025 नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐🙏🙏✍️ ©Tripurari Pandey #Newyear2025 सभी को
#Newyear2025 सभी को
read moreअदनासा-
"जनता, पत्रकार और सरकार" हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है। परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है। वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है। आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है। इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा। जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest #Instag
चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest Instag
read moreRAMLALIT NIRALA
Unsplash यार मेरे तरह किसी को इतना प्यार मत करना कि जिन्दगी क्या है तुम भुल जाओ चलो प्यार कर ही लिया तो ठिक है पर किसी भी तरह का लत मत लगाना क्योकि एक बार लत लग गई तो मरते दम तक नहीं छोडती प्यार मे मीलना या बात करना यार में खूद को भीड मे रह कर भी अकेला महसुस करता हूं प्यार के शिवा उस तन्हाई को कोई भी नहीं दुर कर सकता। ©RAMLALIT NIRALA जिवन को जिना है तो दूसोरो को रूलाना छोड दो
जिवन को जिना है तो दूसोरो को रूलाना छोड दो
read moreF M POETRY
Unsplash थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने.. आती है मुसलसल तुम्हारे हाथ कि खुश्बू.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
#थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
read moreबेजुबान शायर shivkumar
तुम्हारी हर एक सहमति / या " असहमति " का मैं मान करना जनता हूं, तुम्हारे घर के मान का स्वाभिमान का भी सम्मान करना जनता हूं, मैं जानता हूं की तुम्हारा ये प्रेम है किसी पर ये थोपा नहीं जा सकता इसलिए मैं हर वो पक्ष -विपक्ष और मैं हर वो पहलू का ध्यान करना जनता हूं, किंतु जितना तुम्हे मैं मानता हूं उतना ही स्वयं को भी पहचानता हूं, मैं अपने भी स्वाभिमान पर मैं अभिमान करना जनता हूं , तुम्हारी स्वीकृति - अस्वीकृति का तुमको पूर्णतः का ये अधिकार है , पर यु गिड़गिड़ाकर के मेरा प्रेम पाना कभी भी मुझे यु स्वीकार नहीं है , यदि तुम्हे प्रेम हो तो , पूर्ण हो परिपूर्ण हो , सम्पूर्ण हो यदि भीख में मिले प्रेम तो प्रेम पर भी धिक्कार है ...🥀 ©बेजुबान शायर shivkumar तुम्हारी हर एक #सहमति / या " #असहमति " का मैं मान करना जनता हूं, तुम्हारे घर के मान का #स्वाभिमान का भी #सम्मान करना जनता हूं, मैं जानत
तुम्हारी हर एक #सहमति / या " #असहमति " का मैं मान करना जनता हूं, तुम्हारे घर के मान का #स्वाभिमान का भी #सम्मान करना जनता हूं, मैं जानत
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