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Anuj Ray
White इश्क़ हक़ीक़त है " इश्क़ हक़ीक़त है, इसे रूह से महसूस करो तब तक। इश्क़ हक़ीक़त है, इसे में रिश्तों में क़ैद ना करो तब तक । इश्क़ हक़ीक़त है, इसे पूजा की आरती कहोगे तब तक इश्क़ हक़ीक़त है ,इसे बिना शर्त के चाहोगे जब तक। ©Anuj Ray # इश्क़ हक़ीक़त है"
Sarvesh kumar kashyap
Sarvesh kumar kashyap
koko_ki_shayri
वक़्त के रेत फ़िसल रहे हैं, आईने भी करवटें बदल रहे हैं! फ़रेब के दाँव अब नहीं चलेंगे हमपर, तेरे हक़ीक़त से हम रूबरू हो रहें है!! ©koko_ki_shayri #तेरे हक़ीक़त से रूबरू हो रहे हैं...🙏🙏
Rabindra Kumar Ram
" फिर तुझसे यकीनन कैसे कब कहां क्या मिला जाये , हक़ीक़त बनाम की फिर इसे फ़साना ही रहने दिया जाये , तेरे हिज़्र कि तिजारत फिर किस से क्या करते तेरे तसव्वुर में, जहां तक जाहिर बात बन परती फिर वही दहलीज तक जाहिर किया जाये. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " फिर तुझसे यकीनन कैसे कब कहां क्या मिला जाये , हक़ीक़त बनाम की फिर इसे फ़साना ही रहने दिया जाये , तेरे हिज़्र कि तिजारत फिर किस से क्या करत
Rabindra Kumar Ram
" कोई मिली हैं हुबहू तुमसा वो तुम नही थी , ख्वाब हक़ीक़त बनते बनते ख्वाब ही रहा , आखिर कब तक ये मलाल रखा जाये , तेरे मौजूदगी का होने और ना होने यकीनन कुछ यकीन आये मुझको . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कोई मिली हैं हुबहू तुमसा वो तुम नही थी , ख्वाब हक़ीक़त बनते बनते ख्वाब ही रहा , आखिर कब तक ये मलाल रखा जाये , तेरे मौजूदगी का होने और ना
संगीत कुमार
धरती है इतिहासों की धर्म ,ज्ञान के भंडारों की विद्वानों की महानायक की वीरों और बलवानों की भाषा की संस्कृति की अधिकारियों की कर्मवीरों की बिहार है पहचानों की ऋषियो की भगवानों की धर्म और विचारों की धरती है बलिदानो की बिहार तो है सबके सम्मान की ©संगीत कुमार #HappyRoseDay धरती है इतिहासों की धर्म ,ज्ञान के भंडारों की विद्वानों की महानायक की वीरों और बलवानों की भाषा की संस्कृति की अधिकारियों की क
Neema Pawal
White तू कितनी अनमोल है, मां, ये तो मैं जानती हूं। पर तेरे जाने के बाद , अहसास हुआ, की तेरी कीमत, दुनिया की बदलती नज़रें, हर पल मुझे, बताती हैं। ©Neema Pawal #mothers_day मां की की कीमत।
Anuj Ray
सुबह की चाय की चुस्की" एक तुम्हारी चाह जैसे, सुबह की चाय की चुस्की बना देती है दिन मेरा, किरण हो जैसे सूरज की। बिना मांगे ही मिल जाते , अनमोल सागर के खिले मोती काश ! छू करके तुम्हें ,महसूस कर पाता, असल की ज़िन्दगी होती। ©Anuj Ray सुबह की चाय की चुस्की"