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Pandit Anuj vashishth
आज लाख तक भी कोई दिक्कत नही हैं...... पर उन सिक्कों की अहमियत भूला नही हूँ मैं..... बचपन की पॉकेट मनी..... Saurabh Jhon Kandari ✔️ Akash Rathod Aditya Raj 'rabare' Das bairagi
बचपन की पॉकेट मनी..... Saurabh Jhon Kandari ✔️ Akash Rathod Aditya Raj 'rabare' Das bairagi #Quote
read moresana saadgi
बाल कविता-पॉकेट मनी #sana #merikalamse #hindipoetry #hindilines #maa #nojoto2023 #nojotohindi #nojotopoetry Irfan Saeed suresh anjaan Sudha
read moreBobby(Broken heart)
कॉलेज के वो दिन हर दिन एक धमाल और मेरे क**** यार क्लास से बंक मारने को हरदम तैयार मेरे क**** यार कैंटीन में बैठ वह मस्तियां और टाइमपास हर काम में आगे बस ना कोई पढ़ने को तैयार मेरे क**** यार खुद को चाहे एग्जाम में कुछ आए ना आए लेकिन एक दूसरे की मदद को हरदम तैयार मेरे क**** यार जब तक होती थी पॉकेट मनी तब तक होते थे हम राजा खत्म होते ही पॉकेट मनी ले उधार पर उधार मेरे क**** यार अब जिंदगी की दौड़ धूप से परेशान होकर जब भी हम मिलते हैं अभी एक दूसरे के सुख दुख से होता है हमको वास्ता होता है हमको प्यार मेरे क**** यार Plz read....👇👇👇👇 मेरे क**** यार....कॉलेज के वो दिन हर दिन एक धमाल और मेरे क**** यार क्लास से बंक मारने को हरदम तैयार मेरे क**** यार कैं
Plz read....👇👇👇👇 मेरे क**** यार....कॉलेज के वो दिन हर दिन एक धमाल और मेरे क**** यार क्लास से बंक मारने को हरदम तैयार मेरे क**** यार कैं #Memories #Emotions #Friendship #december #2words #merayalfaz #bobby_sadeyes
read morelalitha sai
मैं हूं सीधी सादी सी.. एक मासूम सी लड़की प्रिये.. मैं पली बड़ी हूं..अपना.. एक छोटा सा.. पत्थर के मकान में प्रिये... बचपन से ही सुख के साथ.. दुःख भी देखा है प्रिये.. इसलिए आज जीवन के.. हर मुश्किल का सामना.. धर्य से करती हूं प्रिये..❤️❤️ #lalithasai #myworld सुनो.. हमारा माध्यम वर्ग परिवार है.. ना हमारे पास.. बड़े बड़े गाड़ीया है ना ही अपना खुद का मकान.. इतना हिम्मत तो है.. मेह
#lalithasai #myworld सुनो.. हमारा माध्यम वर्ग परिवार है.. ना हमारे पास.. बड़े बड़े गाड़ीया है ना ही अपना खुद का मकान.. इतना हिम्मत तो है.. मेह
read moreJALAJ KUMAR RATHOUR
यार कॉमरेड, आज जब पुरानी किताबों को बेचने के लिए पलट रहा था तो तुम्हारा दिया गुलाब मिला।बिल्कुल मुरझाया हुआ सा था मेरी तरह।मेरी आंखो में वो आखिरी रोज डे चित्रित होने लगा जो मैंने तुम्हारे साथ बिताया था।तुम्हारे दिए ग्रीटिंग कार्ड हो या पेन, मैंने सदैव सभी को सम्भाल के रखा था और मैं हर वो हर चीज संभालना चाहता था जिसे तुम्हारा स्नेह मिला था। 7 Feb की उस कड़कड़ाती ठंड में ,मैंने तुम्हारे लिए नहाया था।दादी बोलती थी कि कुछ अच्छा करने से पहले नहा लिया जाए तो वो कार्य अच्छे से पूर्ण होता है।उस रोज अपनी पॉकेट मनी के 20 रुपए बचा कर लिया था,तुम्हारे लिए वो पन्नी और हरी पत्तियों वाला गुलाब।बात पैसों की थीं और नहीं भी।सच बात तो ये है कि हम मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के प्रेम बेहिसाब करते हैं पर प्रेम में थोड़ा हिसाब भी रखते हैं।हम लड़के होते ही ऐसे हैं सपने तो स्विट्जरलैंड के देखते हैं पर जा पाते हैं मनाली तक भी नही।जब क्लास में तुम्हे देखा तो सोचा दे दूं सबके सामने ये गुलाब तुम्हें।लेकिन तभी मेरे अंदर से आवाज आई" अपनी नहीं तो उसकी इज्जत का ख्याल रख"। मैं थम गया था उस वक्त और सपनों के संसार से निकाल कर वास्तविकता के समक्ष खड़ा था।मेरी उदासी को भांपते हुए जब तुमने आंखो से इशारे कर "क्या हुआ " पूछा तो थोड़ी हिम्मत आयी थी।छुट्टी होने के बाद मैंने तुम्हे वो गुलाब का फूल दिया तो तुमने भी मुझे गुलाब का फूल देकर ,मुस्कराते हुए कहा था "माखनलाल चतुर्वेदी की कविता पुष्प की अभिलाषा कभी पढ़ना"।उस दिन से लेकर आज तक मैंने हजारों कविताएं और किताबे पढ़ी पर सदैव यही अफसोस था कि मैं कभी तुम्हारी आंखे नहीं पढ़ पाया।पता नहीं उनमें मेरे लिए क्या था।खैर जो भी था एक सुकुं देता था ।...#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड, आज जब पुरानी किताबों को बेचने के लिए पलट रहा था तो तुम्हारा दिया गुलाब मिला।बिल्कुल मुरझाया हुआ सा था मेरी तरह।मेरी आंखो में वो
यार कॉमरेड, आज जब पुरानी किताबों को बेचने के लिए पलट रहा था तो तुम्हारा दिया गुलाब मिला।बिल्कुल मुरझाया हुआ सा था मेरी तरह।मेरी आंखो में वो #जलज
read morePriyanshu kashyap
दोस्ती क्या है?? Read caption...!! ©Priyanshu kashyap पता है दोस्ती की सबसे खास बात क्या है, हम किसी भी रिश्ते की गहराई, मिठास या मजबूती आदि भाव को अगर एक शब्द देना चाहते हैं न तो वो है "दोस्ती"
पता है दोस्ती की सबसे खास बात क्या है, हम किसी भी रिश्ते की गहराई, मिठास या मजबूती आदि भाव को अगर एक शब्द देना चाहते हैं न तो वो है "दोस्ती" #Olympic2021
read moreSatish Chandra
#turn #मोड़ #YQbaba #YQdidi #मोड़_एक_प्रेम_कथा जिस मोड़ पर तुम छोड़ गई थी आज भी वहीं बैठकर चाय की चुस्की लेता हूँ
#turn #मोड़ #yqbaba #yqdidi #मोड़_एक_प्रेम_कथा जिस मोड़ पर तुम छोड़ गई थी आज भी वहीं बैठकर चाय की चुस्की लेता हूँ
read moreAnil Pareek
पापा से बात... मन की बात मैं अक्सर मम्मी को ही बतलाता हूं, पापा से बात करने में, मैं आज भी हिचकिचाता हूं। वो भी करना चाहते होंगे बात बहुत, मगर शायद, कर नह
मन की बात मैं अक्सर मम्मी को ही बतलाता हूं, पापा से बात करने में, मैं आज भी हिचकिचाता हूं। वो भी करना चाहते होंगे बात बहुत, मगर शायद, कर नह #FathersDay #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #YQBhaiJaan #FatherLove #FathersDaySpecial
read moreHarshit Shah
👉🏻ऑफिस या तो दुकान की कहीं सारि कठनाईयो के बिच कमरदर्द और सरदर्द को तो आपने सहा ही हे , लेकिन घरमें रहते हुएं 14-15 साल में जो हुआ वो हप्ते भरका पेटदर्द क्या कभी सह सकते हो !!! दोस्तों के साथ पॉकेट-मनी से लेकर गर्लफ्रेंड तक की सब बातें SHARE करते हो , लेकिन कभी रोते हुए अपनी माँ को अपने पहले पेटदर्द की दास्ताँ बयां कर सकते हो!!! कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ , कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान... 👉🏻सिगरेट का बॉक्स ,सराफ की बोतल और अपनी पत्नी के साथ गुज़ारते हो अपनी पूरी ज़िन्दगी , लेकिन क्या कभी 10-12 सेंटीमीटर के पैड्स को 50 साल तक अपने साथ रख सकते हो !!! नवरात्री में जिस माँ की पूजा करके तुम पूरी रात ज़ूम सकते हो , उसी माँ के स्वरुप इन लड़कियों को अपवित्र बोल कर घर में बैठने क्यों देते हो !! कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ , कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान... 👉🏻 द्रौपदी की साडी बचाकर कृष्ण तो हर कोई बन सकता है , लेकिन पुरे कपड़ो में सज्ज निर्भया को बचानेवाला भाई क्यू कोई नहीं बन सकता..!!! किसीकी ज़िन्दगी ख़तम करने वाले कातिल को सजा भी नहीं सुना सकते हो, फिर ज़िंदगी सरु करने वाले इस खून को एक घिलौनी हरकत क्यों बोलते हो !!! कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ , कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान... 👉🏻आप जहांभी जाओ ,जो भी करो,जितनी बार करो,वापस तो पत्नी की सुखी हुयी बाँहों में ही आते हो , और हमसे हुयी एक भी गलती को मेरे पति होने के बावजूद भी मुझे स्वीकार क्यों नहीं कर सकते हो !!! वो कॉलेज का लाल दुपट्टा ,होली का लाल रंग,सादी का लाल टिका तो बहुत पसंद है तुम्हे , बस एक रोज़ देखा हुआ खून के वो लाल दाग को मज़ाक में क्यों उड़ाते हो !! कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ , कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान... 👉🏻पूरी दुनिया के सामने तो पसीना बहाते हो, लेकिन उससे कोई मर्दानगी तो साबित नहीं होगी , कभी आँशु के साथ खून को बहाते-बहाते मातृत्व का अहसास, आप क्या खाख समझोगे !! अभी चल रहा है वैलेंटाइन वीक ,और उसमे भी प्रॉमिस डे . तो आओ खुदसे ,खुदको ही एक वचन दे की अगर में हु कोई मर्द सच्चा . तो बन जाऊ उसका दोस्त पक्का , रखु उसके साथ तालुकात अच्छा , के सामने आपने पर किसीको आये न लज्जा , कैसे कर सकते हो बराबरी हमारे साथ , कैसे कह सकते हो लड़का-लड़की एक समान... हर्षित शाह 👉🏻ऑफिस या तो दुकान की कहीं सारि कठनाईयो के बिच कमरदर्द और सरदर्द को तो आपने सहा ही हे , लेकिन घरमें रहते हुएं 14-15 साल में जो हुआ वो ह
👉🏻ऑफिस या तो दुकान की कहीं सारि कठनाईयो के बिच कमरदर्द और सरदर्द को तो आपने सहा ही हे , लेकिन घरमें रहते हुएं 14-15 साल में जो हुआ वो ह #Poetry
read moreHarshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बचपन का प्यार या कहूं दोस्त थी मैं बचपन का नाम देकर बंध गई थी मैं वो चबूतरे पर बेठ कर ताक रही थी मैं See caption #life #childhoodmemories #respect #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बचपन का प्यार या कहूं दोस्त थी मैं बचपन का न