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White एक किनारे से समुद्र देख रहा हु लहरों की तरह में भी बहक रहा हु किसी ने कहा यह समुद्र नहीं आपके लिए कोई रोया हे वह अपने आसू के समुद्र में डूबा हुआ हे जिन्दा तो बहुत रोया अब मारने के बाद भी रो.रहा हे. तुम यह से चले जाओ मुसाफिर तेरे आने से यहां पानी और भी बढ़ रहा हे ©Rk ## लहरें कभी ऐसी भी होती हे##
## लहरें कभी ऐसी भी होती हे##
read moreBhupendra Uikey
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में 🌺👰 ©Bhupendra Uikey बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
बारिश की एक बूंद सागर की तलाश में
read moreMď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
White ✍️["बरसों की तन्हाई"]✍️ "आज मैं उस शख़्स से मिला, जिससे मिलने की बचपन से ख़्वाहिश थी। बातें हुईं कुछ यूँ कि लगा, जैसे बरसों की तन्हाई थी।" 💕💕 💕💕 💕💕 ✍️["चाँदनी की आरज़ू"]✍️ "ऐ काश, चाँद की बाहों में एक चाँदनी भी होती, रात की ख़ामोशी में बस उसी की रोशनी होती।" ©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #Moon ["#चाँदनी की #आरज़ू"] ["#बरसों की #तन्हाई_और_.....# #shayari love
F M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मुहब्बत का तराना गा रही हैं.. ये लहरें मेरी ज़ानिब आ रही हैं.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #ये लहरें मेरी ज़ानिब....
#ये लहरें मेरी ज़ानिब....
read moreSatish Kumar Meena
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सागर लहरें और मनुष्य एक दूसरे से जुड़े हैं क्योंकि सागर से लहरें जुड़ी हुई है और लहरों से मनुष्य,तीनों का एक दूसरे से सामंजस्य है। ©Satish Kumar Meena सागर लहरें और मनुष्य
सागर लहरें और मनुष्य
read moreSatish Kumar Meena
लहरें आती हैं और अपने निशान छोड़ जाती है उसी प्रकार समय परिवर्तनशील है आता है और अपनी छवि छोड़ जाता है। ©Satish Kumar Meena #लहरें
Mayuri Bhosale
समुद्र.... (रहस्यमय न उलगडलेले एक गुपित) उधळती समुद्राच्या वाऱ्याबरोबर लाटा, आतमध्ये दडलेल्या प्रश्नांना मिळतात मनासारख्या वाटा. किनारी ओथंबून वाहे शांत निर्मळ हवा, मेघ बरसती आठवती सुखद क्षणांचा तो गारवा. आकाशाचा रंग तू पांघरलास सभोवती, खळखळाट आवाज पाण्याचा गाणे मंजुळ गाती. आयुष्य हे तुझ्यासारखे खोल रुंद पातळी, स्वतः जळत राहूनही प्रकाश देई मेणबत्ती मधील सुतळी. तुझ्यातील भरती ओहोटीचे कौतुक असे, समुद्राचे ते वेगळेच रूप मग दिसे. भरतीचा नाही कुठला गर्व त्यास, ओहोटीची ही नाही कुठली खंत त्याच्या मनास. रोज नव्याने तू जगुनी घेतो, असला उन्हाळा ही पाटीवर तू झेलतो. रात्री सोबतीस असे चांदण्याचा शिंपलेला सडा, खूप काही शिकण्यासारखे मिळतो जीवनास नवीन धडा. तुझी किती आहे ती अबोल वेगळी भाषा, उमटवतोस जगण्याची नवीन एक आशा. असे तुझे रहस्यमय दडलेले एक गुपित, कधीच न उलगडलेले कोडे सामावून घेऊ आयुष्याच्या मुठीत ©Mayuri Bhosale #समुद्र