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Sumit Raj Chauhan
White "मैं जो हूं मुझे रहने दे, हवा के जैसे बहने दे! एक तन्हा सा मुसाफिर हूं मैं, मुझे बस तू तन्हा ही रहने दे" ©Sumit Raj Chauhan Good morning images
Good morning images #कोट्स
read moreLovely Love
White अंधेरी रात में जिस तरह चांद अकेला है उस आसमा में अपने उपर कई निशान लिए, उसी तरह इस पूरी दुनिया में हम अकेले हैं अपने दिल पर कई जख्म लिए। वो अपने निशा किसी से छुपा नहीं सकता हम अपना दर्द किसी को बता नही सकते, हम दोनो ही तन्हा है अपने अपने जज्बात सीने में लिए। ©Lovely Love #story images
chandru Css
White ಕೋಪದಲ್ಲಿ ತೆಗೆದುಕೊಂಡ ಒಂದು ತಪ್ಪು ನಿರ್ಧಾರ ನಿಮ್ಮ ಜೀವನವನ್ನೇ ನಾಶಮಾಡಬವುದು ಅದಕ್ಕೆ ಹೇಳೋದು ನಮ್ಮ ಬುದ್ದಿ ಜೊತೆ ಸ್ವಲ್ಪ ತಾಳ್ಮೆಯಿಂದ ಇರೋದು ಸಹ ಅಷ್ಟೇ ಮುಖ್ಯ ಅಂತ... ❤️ ©chandru Css #good images
kishor
White क्या हुआ जो आप खुदको नही तोलते हों कभी कभी मेरे लबों से आप भी बोलते हो ©kishor #good_morning images
#good_morning images #शायरी
read moreLove T
White पवन के संग बहते हैं सपने, सागर की लहरों में मिलते हैं। चाँदनी रात में खिले अरमान, तारों की छांव में सजे हैं। जीवन की राह में चलते हुए, हर कदम एक नया गीत है। प्यार और उम्मीद की बुनाई, हर दिल में एक नई रीत है। ©Love T #images
laxmikrish
White very very gm 🙏☕ ©laxmikrish #good_morning images
#good_morning images #ಶಾಯರಿ
read moreAman Agarwal
मैं रोता रहा वो जाती रहीं उसकी याद तो आती रहीं वो किसी और का साथ निभाती रहीं वो खुश हैं अगर नए हमदम से अपने मेरी दुआ हैं ज़िंदगी में उनके खुशी आती रहें मेरा क्या में तो रो लूंगा पल दो पल पर तू हर दम यू ही मुस्कुराती रहें करना ना शिकवा कभी हमारा साथ छोड़ने का खयाल से मेरे वो वक्त ही ख़राब था जिस वक्त तू मुझ से दूर जाती रहीं ©Aman Agarwal #Shayari #poem #Poetry #Dard
PRATIK KALUNGE
Kumar Darpan
White अभी अभी सुबह को एहसास हुआ है उसे रात की कितनी ज़रूरत है थके से दिन में हारे से अरमानों को कहां सहूलियत है रात की उसे बहुत ज़रूरत है ©Kumar Darpan #SAD #दुख #कविता #Poetry #Hindi #Shayari #Dil #Dard #Raat #Morning
SAD दुख कविता Poetry Hindi Shayari Dil Dard Raat Morning
read moreराहुल Shiv
प्रश्न ये की अगर गौतम बुद्ध किसी के प्रेम में पड़े होते तो क्या निर्वाण को प्राप्त हो पाते..? महलों का वैभव तो त्याग दिया था.. क्या प्रेम से विरक्त हो पाते। क्या तज पाते प्रेयसी को पत्नी की तरह । बंध पाते वैराग्य में प्रेम से मुक्त होकर। कर पाते ध्यान किसी और आराध्य का । आँख बंद करते, वही मूरत दिखाई देती ध्यान तो छोड़िए, सो भी नही पाते और हर दिन कोरी आंखों सवेरा होता। जब सवार होती वेदना रूपी प्रताड़ना, तो ज्ञान का बोध चुनते या साथी का । प्रेम के निम्तम रूपों मोह, आकर्षण, वासना पर तो उन्होंने पार पा लिया था। दूसरों से मिले प्रेम को तो उन्होंने भावनाओं का ज्वार समझ कर नकार दिया । लेकिन एक बार अपनी समस्त इन्द्रियों को साक्षी मानकर उन्होंने अपने चंचल ह्रदय में अगर किसी को बसाया होता..सुना होता किसी की सांसों का संगीत..बिताये होते एकांत के कुछ पल हाथों में हाथ लेकर..तो उनके मोक्ष के मायने बदल गए होते। अगर मन हुआ होता रक्तरंजित अपने प्रिय के इंकार से ..होता कभी जो प्रणय निवेदन अस्वीकार.. ह्रदय बिखरा होता छलनी होकर.. तो उन्हें मौन से ज्यादा मृत्यु, मुक्ति का मार्ग लगती। हर स्मृति, हर कल्पना, हर भावना बस एक ही विंदु पर आकर सिमट जाती ..और वो केंद्र विंदु होता प्रेम । ये शायद नियति ही थी कि गौतम बुद्ध के ह्रदय में प्रेम के बीज नही पड़े वर्ना विश्वास कीजिये वो सिदार्थ से गौतम तो हो जाते..पर शायद कभी बुद्ध नही हो पाते। ©राहुल Shiv #Path #लव #Love #Poetry #Dard