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हिमांशु Kulshreshtha
White ख्वाबों का मासूम सा सवाल कुछ उम्मीद है बाकी या फ़िर टूट जाएं हम ©हिमांशु Kulshreshtha ख्वाबों का...
ख्वाबों का...
read moreRamji Tiwari
Unsplash विधा-दोहा छंद नेट प्रमाण प्रदान कर, करते हैं सम्मान। सहयोग राशि के रूप, लेते कवि से दान।। जो देकर पैसा मिला,वह कैसा सम्मान। जो धन देकर मान ले, नहीं है कवि महान।। गाना आता है नहीं, करते कविता पाठ। जो चोरी कविता पढ़ें, उनके हैं अब ठाठ।। रचना पढ़ते हैं नहीं, देते सुन्दर राय। गैरों की रचना कभी, तनिक नहीं मन भाय।। करे सृजन अवहेलना,कैसा रचनाकार। सच्चे लेखक के हृदय,बहे प्रेम रस धार।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #दोहा #कवि #poem #Friend #साहित्य
Ramji Tiwari
Unsplash विधा-सोहाशेष आदरणीय श्री शेष मणि शर्मा जी द्वारा रचित नवीन विधा सोहाशेष जो कि दोहा+सोरठा के संयोग से बनती है। मेरे द्वारा रचित एक रचना आप सबके समक्ष सादर समीक्षा हेतु प्रस्तुत है - कनक वर्ण सरसों खिली, रही खूब इठलाय। बैठी तरुवर डाल पे, कोयल गाना गाय। गाय मनोहर गीत, तान छेड़ती अति मधुर। प्रीति प्रणय मन मीत, उमड़े अंतस में प्रचुर। लगे प्रभात तुषार, मन अनंग बढ़ती हनक। मधुप करे गुंजार , धरती दिखती मनु कनक।। कमल कीच में खिल गया,भँवरा गाए गान। कोयल ने भी छेड़ दी, अपनी मीठी तान। तान सुरीली छेड़, गीत सुनाती अति मधुर। पड़ी भानु की एड़, फूटे बीजों में अँकुर। बदले मौसम रूप,समीर बहती अति चपल। भोर सुबास अनूप, खिले सरोवर में कमल।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #poem #Spring #beatyfullnature #सोहाशेष(दोहा+सोरठा)
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read moreSatish Kumar Meena
इतिहास गढ़ने के लिए दृढ़ संकल्प होना और हिम्मत होना बहुत जरुरी है, एक ने हिम्मत से मुकाबला किया और दूसरी तरफ अपनी अस्मिता बचाने के लिए संकल्प के साथ जौहर कर लिया। ©Satish Kumar Meena इतिहास
इतिहास
read moreTARUN KUMAR VIMAL
New Year 2024-25 किसी का गुलाम बनने से अच्छा है बागी बन जाओ. इतिहास गवाह है सेवकों को गुलामी मिली और बागीयों को तख्त. ©TARUN KUMAR VIMAL #NewYear2024-25 किसी का #गुलाम बनने से अच्छा है #बागी बन जाओ. #इतिहास गवाह है #सेवकों को गुलामी मिली और बागीयों को #तख्त.ले #tarun_kumar_v
Praveen Jain "पल्लव"
Google पल्लव की डायरी वैश्वीकरण के दौर में भारत को विश्व की धारा से जोड़ा था आमजन भी मुख्यधारा में आये सबकी सम्पन्नता का द्वार खोला था वित्तमंत्री रहे हो या प्रधानमंत्री लोहा अपनी नीतियों का मनवाया था कम बोलते थे पर मनमोहन सिंह ने आर्थिक सम्पन्नता से विश्वपटल पर झंडा भारत का गाड़ा था याद रहेंगे युगों युगों तक गैर राजनीतिक के रूप में प्रधनमंत्री धरोहर इतिहास की कहलायेंगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Manmohan_Singh_Dies धरोहर इतिहास की कहलायेंगे
#Manmohan_Singh_Dies धरोहर इतिहास की कहलायेंगे
read moreVivek Dixit swatantra
.आज का दोहा बची संस्कृति नाम की, हैं नूतन परिधान! जितने ओछे वस्त्र हैं , उतने ही इंसान !! -विवेक दीक्षित 'स्वतंत्र ' ©Vivek Dixit swatantra दोहा
दोहा
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreSatish Kumar Meena
इतिहास गवाह है इतिहास गवाह हैं जब भी किसी ने अहंकार किया है उसका सर्वनाश निश्चित रूप से हुआ ही है। ©Satish Kumar Meena इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है
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