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shabdon Mein Mohabbat
त्रि शूल शिव का हथियार नहीं, उनका श्रृंगार है। ©shabdon Mein Mohabbat #mahashivratri #त्रि शूल # श्रृंगार
#mahashivratri #त्रि शूल # श्रृंगार
read moreRam Prakash
White हर पहेली बूझ ली है नारी शक्ति पूज ली है ©Ram Prakash #love_shayari नारी
#love_shayari नारी
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White दहलीज़ पर कविता" बहुत पछताए ,घर की लांघ के "दहलीज़"हम लड़कपन में, बड़ा भरोसा था जिनके वादे पे, मौसम की तरह रंग बदल गए कुछ दिन में। अनुजकुमार हेयय क्षत्रिय © # दहलीज़ पर कविता"
# दहलीज़ पर कविता"
read more@Amarjeet Kumar shaksena
White न्याति ,पृथ्वी और प्राकृति तीनो स्त्री है नारी को अपमान कोई करता है न्याति उस जगह पर छोड़ेगा पृथ्वी भार नही थमेगा प्राकृति नष्ट कर देगा 🌍🔥👾💯🧘 ©@Amarjeet Kumar shaksena #Thinking नारी शक्ति
#Thinking नारी शक्ति
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
White नारी.. एक अभिव्यक्ति.. 🧖♂️जब अपने चरणों के स्पर्श से अमंगल को भी मंगल कर जाते हो.. तब तुम ही मंगलाचरण बन जाते हो.. 🧖♂️जब अपने रूप सौंदर्य के गर्व से मुक्त, सहज सरल हो जाते हो . तब तुम ही तो इस सृष्टि की सुंदरता का आधार कहलाते हो... 🧖♂️जब अपने समक्ष आते ही किसी मलिन हृदय को भी निर्मल कर जाते हो.. तब तुम ही तो भुवनेश्वरी कल्याणी बन जाते हो..!! 🧖♂️जब अपने समक्ष किसी दरिद्र हृदय को धनवान बना जाते हो.. तब तुम धन सम्पदा की देवी लक्ष्मी कहलाते हो.. !! 🧖♂️जब अपने समक्ष पाकर किसी निराधम को भी सद्मार्ग दिखा जाते हो .. तब तुम ही तो सरस्वती शारदा कहलाते हो..!! 🧖♂️जब अपने हृदय में प्रेम वात्सल्य ममता क्षमा और करुणा का दीप जलाते हो.. तब तुम ही तो सूर्य चंद्र की आभा कहलाते हो.. 🧖♂️ जब धीरज धर्म त्याग जैसे अलंकारों से सज संवर जाते हो तब तुम ही तो ईश्वर की परम् मनोहर कृति पावन नार कहाते हो.. 🧖♂️जब अपने नारी देह की उलाहना से मुक्त ईश्वर के विधान पर पूर्ण आस्था रख जाते हो.. तब तुम ही तो निराकार ब्रम्ह का साकार स्वरूप कहलाते हो.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #नारी
Ramji Tiwari
Nature Quotes दोहा छंद काले कजरारे नयन,लूटें मन का चैन। मिसरी से मीठे लगें, गोरी तेरे बैन।। शोभित कुंडल कान में,गल में साजे हार। सुन्दर नासा कीर सी,भौंह कमानीदार।। गोरे-गोरे गाल हैं,सेब की तरह लाल। कुंतल काले हैं घने, हिरनी जैसी चाल।। मदिरा के प्याले अधर, गोरे-गोरे हाथ। साड़ी सुन्दर है बदन,तिलक नीलमणि माथ।। पायल पहने पाँव में,कंगन सोहे हाथ। गल में पहने नौलखा,टिकुली साजे माथ।। सर पर ओढ़े चूनरी,कमर करधनी डाल। हिरनी सी चलती मटक, मनमोहक है चाल।। फुर्सत में रब ने गढ़ा, सुन्दर रूप अनूप। मोहित हो जाता जगत,देख नारि का रुप।। सुन्दर नारी रुप का, दीवाना संसार। सुन्दर नारी देखकर, उपजे मन में प्यार।। प्रेमी काया का हुआ, सारा सकल समाज। नारी तेरे रुप ने, लूट लिया जग आज।। गोरी तेरे प्रेम में,पागल सारे लोग। दीवाने सब हो गए,पाल प्रेम का रोग।। स्वरचित रचना- राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #beatyQuotes #दोहे #श्रृंगाररस #नारी #कविता
beatyQuotes दोहे श्रृंगाररस नारी कविता
read morepriyanka pilibanga
❤️❤️ केसरी पत्रिका में प्रकाशित रचना ❤️❤️ ©Priyanka pilibanga हिंदुस्तान की नारी
हिंदुस्तान की नारी
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी चाल चरित्र और कर्तव्य निष्ठा मिट गयी कूरता पर नारी उतर आयी है परिवारों में पुरुषों का दोहन ममता की देवी का पागलपन दिखता है स्वार्थो की पराकाष्ठा हो गयी पुरुत्त्व इनके वश में होकर तड़पता है मर्यादा सब खण्डित हो गयी वहाँ पर जहाँ करवा चौथ छट पूजा के व्रतों से पति का आयु बढ़ता है मगर लालचों ने आज हर हद तोड़ दी अतुलसुभास सुसाइड कर कानून और नारी की उदण्डता का शिकार होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #karwachouth कूरता पर नारी उतर आयी है
#karwachouth कूरता पर नारी उतर आयी है
read morepriyanka pilibanga
Unsplash नारी तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। तू इस बात पर नाज़ कर, तुझसे ही चलता यह संसार है। विनम्रता, धैर्य सब तेरे अंदर है, क्रोध करे, तो भी प्यार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। तू धीरज बंधाएं तो, हर परिस्थिति में हम तैयार है। बात अपनी हर मनवाती है, ना तेरे पास कोई हथियार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। मेरे घर की रौनक है, तुझसे से ही मेरा परिवार है। तू जो साथ दे, तो हर चीज का आविष्कार है। तू नारी नहीं, तू एक देवी का अवतार है। ©Priyanka Poetry नारी
नारी
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White बगल सीसे में दिखती थी,जो फूलों में महकती थी, वो कैसे खो गई तस्वीर जो धड़कन में बसती थी। बड़ा बेचैन होता मन ,वो पल जब याद करता हूं। समंदर के लहर जैसे मेरे बाहों में हंसती थी।। मैं पहले सोचता था रात में इक रात आयेगी। सजेगा घर उसी का और मेरी बारात आयेगी। कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे दिन भी देखूंगा। खिले मौसम में आंखों से मेरे बरसात आयेगी।। जो मुझपे प्यार का शबनम परोसा ही नहीं होता। तेरे जाने पे मुझको ग़म जरा सा भी नहीं होता। मैं जिससे प्यार करता था जिसे अपना समझता था। वो नफरत भी है कर सकती भरोसा ही नहीं होता।। ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night श्रृंगार
#good_night श्रृंगार
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