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Maroof alam
बेटी जहालत की दिवारों पर इल्म का गढ़ना बुरा लगता है आज भी कुछ लोगों को एक बच्ची का पढ़ना बुरा लगता है वो रोकना चाहते हैं रस्ता उजाले का अंधेरों को रोशनी का बढ़ना बुरा लगता है मारुफ आलम बेटी/शायरी
बेटी/शायरी
read moreMaroof alam
बुझे बुझे हैं मुस्कुराना छोड़ दिया खिलखिलाकर हंसना हसाना छोड़ दिया बेटी जबसे पैदा हुई घर मे ऐ 'आलम' कुछ लोगों ने घरों मे चराग़ जलाना छोड़ दिया मारुफ आलम बेटी/शायरी
बेटी/शायरी
read moreAkram Ghaziabadi
अब और कितने ढ़ायगा बेटे की चाह में ज़ुल्म-ओ-सितम का क़हर् तू नन्ही सी जान पर मां के शिकम में क़त्ल जिसे कर दिया गया मासूम थी वो आह गई आसमान पर Akram Ghaziabadi ©Akram Ghaziabadi नन्ही सी जान पर #Stars #बेटी #शायरी #shayri #
नन्ही सी जान पर Stars बेटी शायरी shayri #
read moreKalpana shah
२७ मे को समायरा के जन्म की बधाई बेटी सलोनी को
२७ मे को समायरा के जन्म की बधाई बेटी सलोनी को #nojotophoto
read moreMeenakshi Sharma
बेटी बनकर जन्म लिया तो मुझको यह उपहार मिला बोझ कलंक पराया धन, इन शब्दों का गहरा जख्म, बोझ मुझे जब समझा गया, मेरे दिल पर तब घात हुआ बेटी बनकर मैनें जन्म लिया, तो इन शब्दों का मुझे ताज मिला, बोझ कलंक पराया धन, इन शब्दों का है गहरा जख्म। बोझ कलंक पराया धन, इन बाणों का है तीखा जख्म, कलंक मुझे जब समझा गया, दर्द से मेरा तब नाता बना, बेटी बनकर जब मैंने जन्म लिया, तो इन शब्दों का मुझे उपहार मिला, बोझ कलंक पराया धन, इन बाणों का तीखा जख्म। बोझ कलंक पराया धन, इन खंजरों का है दर्द नाक जख्म, पराया धन जब मुझे समझा गया, अपनेपन का तब अस्तित्व मिटा, दिल पर मेरे तब दर्द उठा, बेटी बनकर जब मैंने जन्म लिया, इन शब्दों से मुझें सुसज्जित किया गया, दर्द से मेरा तब गहरा नाता बना, बोझ कलंक पराया धन, इन खंजरों का है दर्द नाक जख्म। ©Meenakshi Sharma बेटी बनकर जब मैंने जन्म लिया
बेटी बनकर जब मैंने जन्म लिया #कविता
read moreNeeta Bisht
❣️जब जन्म लेती हैं बेटी ❣️ वो दिन भी होता है शुभ जब जन्म लेती हैं बेटी।। घर के आँगन में उछलती और कूदती है बेटी।। चिड़िया के जैसे चहकती और फूलो के जैसे महकती है बेटी।। मां, बहन, बहु, पत्नी, भाभी सभी रूप में नजर आती है बेटी।। जीवन के हर रूप में जीना सिखाती हैं बेटी।। दो घरों की लाज बचाती हैं बेटी ।। दो परिवारों के रिश्तों को मधुर बनाती हैं बेटी।। दीया और बाती है बेटी सबके मन को भाती हैं बेटी।। ©Neeta Bisht जब जन्म लेती हैं बेटी ❤️
जब जन्म लेती हैं बेटी ❤️ #कविता
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