Find the Latest Status about वहशत रेख़्ता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वहशत रेख़्ता.
Arora PR
वहशत की बस्ती मे गुनहगारो द्वारा जुलम होना तो लाज़मी है इन दहशतगर्दो को सुधारने के लिए तो सुधारको की पूरी ज़नात होनी चाहिए ©Arora PR वहशत
Rajani Gupta (Ruhh)
इश्क़ ने इश्क़ के लिए लिवाश-ए- कफ़न मांगा है.. एक घूंट भी ना मिले पानी, ऐसी जगह मौत - ए- दफ़न मांगा है...!! @रजनी..✏️💔 #हिंदीकविता #शायरी #रेख़्ता
Akshay Meena Gupta
अलविदा दिल-ए-ख़ुश-फ़हम उम्मीद न रख उनके लौट आने का खुद से मुख्तलिफ कर उन्हें अलविदा कह के #रेख़्ता #Rekhta #अलविदा
Parasram Arora
मौत की नपुसंकता देखो कि वो केवल मेरा कल छीन सकती हैं लेकिन आज तो सिर्फ मेरा हैं... मेरे आजको वो छीन सकती नही न जाने इस वहशत ने कितनो. को गिराया कितनो को हटाया पर बनने का क्रम इस जगत में कभी रुका नही ©Parasram Arora वहशत....
Gautam_Anand
किसी भी आदमी में अब कोई ग़ैरत नहीं है; अपनी हद में रहने को सभी क़ानून ढूँढ़ते हैं। अपनी वहशतों पर अब किसी को संयम नहीं है; स्त्रीगंध में बौराये, नोचने को देह; नाख़ून ढूँढ़ते हैं। बेखौफ़ हैं वहशी दरिंदे; यहाँ आदमी की शक्ल में, सृष्टि के आधार में जो, मादक देह और खून ढूँढते हैं। मोमबत्तियों की रौशनी में, आग अब मिलती कहाँ है ; भेड़ियों के अंत को रग़ों में, पुरुषार्थ का जूनून ढूँढ़ते हैं। क्या बचाएगा कोई क़ानून, किसी अबला की अस्मत को; अब आदमी की परवरिश में, संस्कारों के मज़मून ढूँढ़ते हैं। कोई सत्ता, कोई क़ानून, ज़हनियत को रोकती कब है; मरी हुई संवेदनाओं हम, केवल ढोंग का सुकून ढूँढ़ते हैं। बेमानी है ये मीडिया, ख़बरों, नेताओं को यूँ कोसते रहना; असभ्य हो गए हैं हम और इन मुर्दों में नाख़ून ढूँढ़ते हैं। #वहशत
Hemant Rai
रेख़्ता __________ कोई हिंदू, कोई मुस्लिम, कोई सिक्ख तो, कोई ख़ुद को ईसाई बताता है, कमबख्त ये इंसान, ख़ुद को इंसान क्यूं नहीं बताता है! __________ हेमंत राय। #रेख़्ता #शायरी #हिंदी #nojoto
विद्रोही
आलम ये है कि हम बेचैन हैं , तु अपने बालों को खुला छोड़ दे ! बहशत हैं की दिल से जाती नहीं , तू गैरों से पर्दा किया कर ..!! ©विद्रोही वहशत ...!! #Love
Arora PR
ज़ुल्म और वहशत का दौर दिख रहा सब तरफ. जिस तरफ देखो उजड़ा हुआ शहर है. कितना मुश्किल है ये पता लगाना कि कौन है अपना कौन पराया है. अपने मुझसे डरते है जबकि अपनों का हीं मुझ पर कहर है ©Arora PR ज़ुल्म और वहशत
ashutosh anjan
जब-जब वतनपरस्ती को तख़्त से जुदा बनाया, तब-तब हुक्मरानों ने वहशत को ख़ुदा बनाया। (वहशत - डर) #cinemagraph #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #उर्दू_की_पाठशाला #yqdidi #yqbaba #वहशत #आशुतोष_अंजान
ज़िंदादिल संदीप
पहुंच जाऊंगा ही अब जो कदम उठा चुका हूं तुझे पाने के लिए.. गर्दिश में है सही ..पर तैयार है सितारे मुझमें नूर लाने के लिए.. इक आजमाइश जो दिल की कमरे में बंद कर रखा था सालों से..यूहीं ज़िंदा हुई है बेसब्र सी होकर.. मुझमें कहीं ना कहीं मिल जाने के लिए.. जश्न ए रेख़्ता 2019.. here I come