Find the Latest Status about परहित पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, परहित पर कविता.
Yogesh Kumar Mishra"yogi
विहंग तरु की छाया में, कितना समय बिताया है। फिर भी उसने तो, हर वक्त गले लगाया है।। ना ही कुछ मांगा मुझसे, ना कोई आस लगाई है। देने के सिवाय सिर्फ, देने की उसकी गुहाई है।। योगेश कुमार मिश्र "योगी" परहित....
Brandavan Bairagi "krishna"
परोपकार करके भूल जाना महान लोगों की निशानी है। परमार्थ के लिये जीना ही संतो की कहानी है। परहित से बड़ा कोई धर्म नहीं, ऐसी महापुरुषों की जुबानी है। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" परहित #diary
SK Poetic
एक गांव से विद्यार्थियों की टोली रोज दूसरे गांव पढ़ने को जाती थी। वो लोग जिस रास्ते से पढ़ने जाते थे उसी रास्ते में सड़क के बीचो-बीच एक खुटा गड़ा हुआ था।उस रास्ते से जो भी गुजरता वह उस खूटे से ठोकर खाकर गिर जाता था।परंतु कोई भी उस खूटे को उखाड़ कर फेकता नहीं था ।बल्कि गिरने के बाद उठता और गाली देते हुए बोलता कि -"ना जाने बीच सड़क बीच सड़क पर किस पापी ने इस खूटे को गार दिया है।" ये बोलता हुआ उठ कर चल देता था। वो लोग ये घटना रोज देखते थे।एक दिन जब वो लोग पढ़ कर लौट रहे थे, तभी उन्हें लगा कि उनमें से कोई एक विद्यार्थी कम है।खोजने पर पता चला कि वह विद्यार्थी पीछे रह गया है। सभी उसके पास गए तो उन लोगों ने देखा कि वह विद्यार्थी उस खूटे को उखाड़ रहा था।उन लोगों ने उससे पूछा कि तुम इस खूटे को क्यों उखाड़ रहे हो?तो उसने बड़े ही सहज भाव से उत्तर दिया कि मैं कई दिनों से देख रहा हूं कि खूटे से टकराकर ना जाने कितने लोग गिरे।गिरने पर उन्हें चोटें भी आई। पर समय की व्यस्तता और काम का टेंशन की वजह से उन लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह इसे उखाड़ कर फेंक सकें।अगर आज मैंने इस खूटे को नहीं उखाड़ तो ना जाने किसी दिन कोई व्यक्ति इससे टकराकर गंभीर रूप से घायल हो जाएगा या उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसलिए मैंने उसे उखाड़ कर फेंकना ही उचित समझा। उसकी बातों को सुनकर उसके सभी दोस्त आश्चर्यचकित हो गए। सार-इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि हमें दूसरों की भलाई करने में मैं सदा आगे रहना चाहिए। हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि मैं यह काम क्यों करूं यह काम तो कोई और भी कर सकता है? ©S Talks with Shubham Kumar परहित #Sky
Balwant Mehta
धन लोभ मोह माया सब यहीं रह जाना है पर हित में योगदान से युगयुगीन बन जाना है ©Balwant Mehta #merikHushi #धन #लोभ #परहित
~आचार्य परम्~
नवम् सरल सब सन छल हीना ।। 👇 ऐसी परिवेश की बात क्या करूँ जहाँ सरल सीधे लोगों को मूर्ख एवं मंदबुद्धि तथा उन्ही सीधे सादे लोंगों का अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करने वालो को चालाक कहा जाता हो ।अतः अपने स्वार्थ के लिए किसी भोले व्यक्ति का दुरुपयोग न करें और कर भी लें तो उसके सरलता का उपकार मानिये उसे मूर्खता की संज्ञा तो कदापि न दें। "परम् भाग्यम्" परहित सरिस धरम नहीं भाई । पर पीड़ा सम नहीं अधमाई ।।रा.मानस