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Artist Sudhir Singh
....................................................... ©Artist Sudhir Singh (अबकी बार मैंनें उसे छोड़ा है।) वो उसकी धमकियां, वो उसके नख़रे, वो बात-बात पे उसका उखड़ आना। उसका विशालकाय हो जाना, फिर मेरा सिमट जाना। वो रो
N S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर :- मान्यता है की यहां रखा है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर:- 🎷 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फीट अंदर है। यह गुफा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां विराजित है गणेशजी का कटा मस्तक :- 🎷 हिंदू धर्म में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेशजी के जन्म के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया। 🎷 पाताल भुवनेश्वर में गुफा में भगवान गणेश कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल सुशोभित है। इससे ब्रह्मकमल से पानी भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है। मुख्य बूंद आदिगणेश के मुख में गिरती हुई दिखाई देती है। मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था। पत्थर बताता है कब होगा कलयुग का अंत :- 🎷 इस गुफाओं में चारों युगों के प्रतीक रूप में चार पत्थर स्थापित हैं। इनमें से एक पत्थर जिसे कलियुग का प्रतीक माना जाता है, वह धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। माना जाता है कि जिस दिन यह कलियुग का प्रतीक पत्थर दीवार से टकरा जायेगा उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा। पौराणिक महत्व :- 🎷 स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं। यह भी वर्णन है कि त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफ़ा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफ़ा के भीतर महादेव शिव सहित 33 कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में जगदगुरु आदि शंकराचार्य का 822 ई के आसपास इस गुफ़ा से साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने यहां तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया क्या है इस गुफा मंदिर के अंदर? 🎷 इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले मेजर समीर कटवाल के मेमोरियल से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ दूर चलने के बाद एक ग्रिल गेट मिलता है जहां से पाताल भुवनेश्वर मंदिर की शुरुआत होती है। यह गुफा 90 फीट नीचे है जो बहुत ही पतले रास्ते से होकर इस मंदिर के अंदर घुसा जाता है। थोड़ा आगे चलने पर इस गुफा के चट्टान एक ऐसी कलाकृति बनाते हैं जो दिखने में 100 पैरों वाला ऐरावत हाथी लगता है। फिर से चट्टानों की कलाकृति देखने को मिलती है जो नागों के राजा अधिशेष को दर्शाते हैं। कहा जाता है कि अधिशेष ने अपने सिर के ऊपर पूरी दुनिया को संभाल कर रखा है। 🎷 पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में चार द्वार हैं जो रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम से जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पापद्वार बंद हो गया था। इसके साथ कुरुक्षेत्र की लड़ाई के बाद रणद्वार को भी बंद कर दिया गया था। यहां से आगे चलने पर चमकीले पत्थर भगवान शिव जी के जटाओं को दर्शाते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के कटे हुए सिर को स्थापित किया गया था। इतना ही नहीं इस मंदिर में प्रकृति द्वारा निर्मित और भी कलाकृति मौजूद हैं। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर? 🎷 अगर आप रेलवे के रास्ते हैं यहां आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे करीब टनकपुर रेलवे स्टेशन पड़ेगा। आप चाहें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से भी यहां सकते हैं। अगर आप एयरवेज के रास्ते से यहां आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 226 किलोमीटर दूर है। N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #boat पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भ
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Vedantika
अँधेरा भी कितना अज़ीम हो चला है मेरे वास्ते, मेरी आँखों के अश्क़ों को खुद के अंदर ले रहा है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अज़ीम" "aziim" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है विशाल, बहुत बड़ा, विशालकाय एवं अंग्रे
Kulbhushan Arora
पथ निर्माण का प्रयत्न, जीवन जीने का यत्न, पल पल सजग रहे मन, यही सजगता ही, प्रक्रिया है निर्माण की, उस नए पथ की... मेहनती थके रास्तों पर कहीं कहीं चाहिए होता है एक विशाल बरगद सुस्ताने के लिए, सहस्र भुजाएं लिए हुए वो बरगद तुम हो...
Madhu Jain
अज़ीम-ए-रोशन जहाँन में कहाँ खुशी ढूँढे यहाँ तो हर अपने के बीच कोई अपने ही अनजाने है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "अज़ीम" "aziim" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है विशाल, बहुत बड़ा, विशालकाय एवं अंग्रे
Magical Words ( rupali yadav)
................. ©Magical Words ( rupali yadav) ये जो विशाल समुन्द्र है, इसकी ओर कई नदियाँ बढ़ती हैं, और हो जाती हैं आकर लोप इसमें। पर इस समुन्द्र की भी तो होगी कोई पसंदीदा नदी!! जिसे वो ख
Vandana
गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः । गुरूर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः प्रणाम गुरुजी आज आप में लिखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है आज मन के भाव ने बोला कि गुरुजी में लिखा जाए और मन की आवाज तो स्वयं परमात्मा की आवाज
Vandana
एक खुला आसमां पूरा कैप्शन में एक अपना आसमां,, एक अपना आँगन,,, फूलों की क्यारी और कुछ लताएं जैसे पहरा दे रही हो घर द्वार पर,,, कई तरह की सब्जियां पंक्तियों में आंगन के क
Vandana
तेरा अस्तित्व ढूंढूं में तुझे, कण-कण में, हृदय की हर धड़कन में, हर दिन के क्षण क्षण में, कोसों दूर से आती सूरज की उस किरण में, युगो युगो से मानव के अस्तित्व में, ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के झरनों के कल कल में, विशालकाय आसमां बाहें फैलाए हुए, हर मानव के लिए मौजूद, उसके विशालतम प्रेम में, जिसके नीले रंग को देखकर आंखें सुकून से भर जाती। जो हजारों तारों को समेटे हुए रात में चमकता है। जो चांद को सुंदरता से भर देता है। हर शांत खड़े पेड़ों में जो अपने फल स्वता ही निछावर कर देते। बिना किसी स्वार्थ के। उस मिट्टी में जिसमें बीज गिरते ही जीवन उत्पन्न हो जाता है। उस पौधे के फूल में जिसमें रंग-बिरंगे रंग स्वता ही आ जाते। तेरा अस्तित्व ढूंढूं में कण-कण में, हृदय की हर धड़कन में, हर दिन के क्षण क्षण में, कोसों दूर से आती सूरज की उस किरण में, युगो युगो से मानव