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Dyom
अपनों को छोड़... दुसरों के कंधों पर सिर रख कर रोने वालों से बड़ा ढोंगी और कोई नहीं।✍️ ©Dyom ढोंगी । #ReachingTop
Ashu___
ढोंगी बाबा इश्क को भी नहीं छोड़ा इन बाबाओं ने इश्क़ के नाम पर भी अंधविश्वास फैला रखा है इन डोंगी बाबाओं ने...! #ढोंगी बाबा
Sunita Shanoo
जो मन से नीच हैं वह कितने ही उच्च पद पर आसीन हों, ऊँची डिग्री धारक हो, भला बनने का ढोंग करते हैं, कभी किसी का भला नहीं कर सकते। जबरदस्ती जोड़े रखने, उन्हें बारहा समझाने से बेहतर है उनका दूर हो जाना। ढोंगी, व्यक्ति, दोस्ती
Vishal Kakde
#WorldHealthDay #SBI ने देश के सबसे #गरीब आदमी गौतम अडानी का 12 हजार 770 करोड़ का कर्ज माफ किया! ©Vishal Kakde ढोंगी सरकार #worldhealthday
अश्वनी कुमार चौहान
चिकन चबाकर मटन दबाकर खाने वाले लोग एक पशु के मरने पर अफसोस जताते हैं आज पशु पीड़ा पर उनको पीड़ा होती है जो प्रोटीन समझ पशुओं को चट कर जाते हैं #RIPHUMANITY #ढोंग #ढोंगी
Manjul
मुझे नामों में नाम मिले चेहरे पर चेहरे.. चारों तरफ़ लगे हुए थे पहरे ओहदों के, अमीरी के, सब के अलग - अलग चेहरे. ढूंढना चाहे हर पते पर ईमान ना मिला मुझे लोग तो मिले लेकिन इंसान ना मिला. ©Manjul Sarkar #mask #chehre #ढोंगी #Ohde
करन सिंह परिहार
राजपथों के ढोंगी नायक चंदन चाहे जितना मल लो। सत्ता हथियाने की खातिर चाहे जितनी चालें चल लो। पर मैं अपनी रचनाओं से तुम्हें पराजित सदा करूंगा। और पसीने से लथपथ हर माथे के मैं गले लगूंगा। जो खेतों के संन्यासी हैं सूर्य ताप से नित मिलते हैं। फटी कमीजों में अपने जो ओस बूंद के कण सिलते हैं। जिसके साथ हमेशा रहता धुंध कुहासे का अपनापन। जिसके आगे झूम - झूम कर मोर नित्य करते हैं नर्तन। मैं उन मेहनतकश अंगों में फूलों का मकरन्द भरूंगा। और पसीने की-------------------------------------(१) जाति-पांति का जहर घोलकर तुमने अपने भाग्य संवारे। और तुम्हारी कूटनीति से जगह -जगह दहके अंगारे। धर्मवाद की दग्ध चिता मानवता को झोंका तुमने। आम - जनों को मिलने वाले अधिकारों को रोंका तुमने। पर मैं अपने हर गीतों में तुम्हें धरा का बोझ कहूंगा। और पसीने-------------------------------------------(२) जिन हाथों की गीली मेंहदी सीमाओं पर हुई निछावर। भरी जवानी विलग हो गया जिन पैरों से नेह महावर । जिनकी कच्ची उम्र जवानी के दर्पण को त्याग चुकी है। और नींद जिन-जिन आंखों से अगणित रातें जाग चुकी है। उन आंखों से बहते आंसू का जीवन संग्राम लिखूंगा। और पसीने------------------------------------------(३) ©करन सिंह परिहार #राजपथों के ढोंगी नायक