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ManoRaj yadav
DR. LAVKESH GANDHI
सत्ता का शीशमहल कब आम से खास बन गए जनता के वोटों से चुनाव जीत कर आए थे अब तो खुद के सम्राट बन गए खुद के लिए बना ली द्वारिकाधीश-सा महल तोड़ रहे जनता की झुग्गी-झोपड़ी रिनोवेशन के नाम पर लूट लिए जनता के 45 करोड़ फिर भी बने हुए हैं आम आदमी के सिपहसालार ©DR. LAVKESH GANDHI # शीश महल# # आम आदमी का शीश महल #
malay_28
शहर ख़ामोश है गलियाँ हुई वीराँ मुहब्बत का ज़नाज़ा जब निकलता है नदी बेचैन है साहिल लुटा सा है ज़रा सा ज़िस्म पर्वत का पिघलता है. ©malay_28 #ज़िस्म पर्वत का
Dr.asha Singh sikarwar
"प्रेम आत्मा के छोर से बंधता है उसकी कोई देह नहीं होती " आशासिंह सिकरवार 12.2.19 #gif प्रेम कविता, प्रेम का अर्थ #कविता, #प्रेम #का #अर्थ #प्रेम love #love #lovely #poetry #lovelypoetry #new #poetry #new #post
राज घोष
कभी कभी उजालों में,जुगनू खोजता रहता हूँ, कोई सुने या न सुने,एक कविता कहता हूं... कभी कभी मन के अंदर,सपने संजोता रहता हूँ, कोई सुने या न सुने,एक कविता कहता हूँ... कभी कभी आशा के दीप,नैनों में भिगोए रहता हूँ, कोई सुने या न सुने एक कविता कहता हूँ... कभी कभी संसार का मर्म,शब्दों में ढूंढता रहता हूँ, कोई सुने या न सुने,एक कविता कहता हूँ... कभी कभी ख़्वाहिश कर आपसे मिलता रहता हूँ, कोई सुने या न सुने एक कविता कहता हूँ... ©राज घोष एक कविता कहता हूँ...