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Ashutosh Mishra

#mountain छल गया छलिया छल से मुझे मैं जाकर भी अंजान रहा वो क्या जाने,,,,, इस हार मे भी जीत है मेरी। #छल #छलिया KRISHNA Vaibhav's Poetry R

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Shivkumar

mountain Mountains कविता ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो

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Sudha Tripathi

#ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्य #भक्ति

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Sundar Mohan Marndi

गोवर्धन पर्वत की कहानी🔱🕉 #short #treanding #viral #motivate #Krishna #Motivational

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास । वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१ गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप । मिट जायेंगे एक दिन , सब त #कविता

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मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास ।
वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१

गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप ।
मिट जायेंगे एक दिन , सब तेरे संताप ।।२

जीवन के हर मोड़ पर , करिये गुरु का ध्यान ।
हो जायेंगी आपकी , राहें फिर आसान ।।३

स्वस्थ करो गुरुदेव को , विनती है रघुनाथ ।
उनका अपने शिष्य पर , रहता निशिदिन हाथ ।।४

तन पर दिखता है नहीं , अब तो कहीं गुलाल ।
मन में ज्यों का त्यों रहा , सबके आज मलाल ।।५

रंग प्रीति का जब चढ़े , फीका लगे गुलाल ।
आज सखी पाहुन मिले , हुए लाल फिर गाल ।।६

भटक गये हैं लोग सब , बिगड़ गये त्यौहार ।
मुर्गा दारू बिन यहाँ , नज़र न आये प्यार ।।७
२८/०३/२०२४      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मातु-पिता की बात पर, होना नहीं उदास ।
वो तो इतना चाहते , बने न तू परिहास ।।१

गौरीशंकर नाम का , कर ले प्यारे जाप ।
मिट जायेंगे एक दिन , सब त

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा:- बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम । यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।। बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात । अब तो उनके भक्त क #कविता

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Life Like दोहा:-
बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम ।
यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।।
बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात ।
अब तो उनके भक्त की , बढ़ जाये तादात ।।
क्यों लड़ते हो आप अब , लव नगरी लाहौर ।
लेने दो हमको शरण , वो भी अपना ठौर ।।
धाम अयोध्या पास में , बसा लखन पुर देख ।
जन-जन जपकर राम जी , बदले अपनी रेख ।।
चलिये खाटूश्याम जी , जपिये राधे नाम ।
वही मिलेंगे आपको , अपने राधेश्याम ।।
बागेश्वर के धाम में , हो प्रभु की जयकार ।
सत्य सनातन धर्म के , शास्त्री जी अवतार ।।
काया से मत मोह कर , समझ इसे गोदाम ।
इसके अन्दर ही छिपे , है तेरे श्री राम  ।।
प्रेमा जी महराज का , सुनता नित सत्संग ।
जिनसे जीवन में खिला , मेरे भगवत रंग ।।
तुझमें मुझमें राम हैं , मत कर ऐसे बैर ।
चल भगवन से माँगतें , इक दूजे की खैर ।।
त्रिकुटा पर्वत पे वहाँ , माता बैठी देख ।
दर्शन करके हम चलो , बदले अपनी रेख ।।
जय कारे महादेव के  , करते रहिये आप
मिट जायेंगे एक दिन ,जीवन के संताप ।।
२१/०३/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा:-
बोलो सीता राम सब , बोलो राधेश्याम ।
यही जगत में सत्य है , भज ले प्यारे नाम ।।
बाला जी महराज की , कृपा रहे दिन रात ।
अब तो उनके भक्त क

DM

Nilgiri hills नीलगिरि (तमिल: நீலகிரி, Badaga: நீலகி:ரி या 'नीले पहाड़') भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक पर्वतमाला है। यह पर्वतमाला पश्चिमी #instagood #naturephotography #Ooty #Videos #Tamilnadu #nilgiri #nilgiris #ootytourism #ootytrip #nilgirishills

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Sarita Kumari Ravidas

#mountainsnearme ख़ामोश पर्वत #कविता

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I am MiraJ

#MountainPeak पर्वत aur शिखर पर joh सुकून मिलता है.. वह ओर कही नही मिलता.. #viral #Trending #sukoon Life #Motivational

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मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

#विचार ""*विचार*"" विचार कहाँ उपजाते हैं? कागज, कलम, दवात! विचार तो उपजाते हैं, कष्ट, गरीबी और अत्याचार! विचार तो उपजात #Thoughts

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""*विचार*""
विचार कहाँ उपजाते हैं?  कागज, कलम, दवात!
विचार तो उपजाते हैं, कष्ट, गरीबी और अत्याचार!
विचार तो उपजाते हैं, सागर, पर्वत, आकाश!

विचार कहाँ उपजाते हैं?  कागज, कलम, दवात!
विचार तो उपजाते हैं, घायल-टूटे-बिखरे जज्बात!
विचार तो उपजाते हैं, घुटन, अंतर्द्वंद्व और हृदय को पहुँचे आघात।

विचार कहाँ उपजाते हैं?  कागज, कलम, दवात!
विचार तो उपजाते हैं, प्रेम, करुणा और दया भाव।
विचार तो उपजाते हैं, प्रकृति का प्यारा संग-साथ।

विचार कहाँ उपजाते हैं?  कागज, कलम, दवात!
विचार तो उपजाते हैं, छूटे-छूटे से घर बार।
विचार तो उपजाते हैं, माटी की सोंधी-सोंधी याद।

विचार कहाँ उपजाते हैं? 
कागज, कलम, दवात!2

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #विचार
""*विचार*""
विचार कहाँ उपजाते हैं?  कागज, कलम, दवात!
विचार तो उपजाते हैं, कष्ट, गरीबी और अत्याचार!
विचार तो उपजात
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