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#काव्यार्पण
White मुझे अपने आपको इतना पत्थर बनाना है तू पास से गुजर जाए और मुझे मुंह घुमाना है करूं तुझसे कोई वादा तेरी कसम खा कर फिर अपनी बात से मुझे पलट जाना है। तू करे इश्क किसी से मेरे वाला वो तुझे इश्क करे बिल्कुल तेरे वाला तुझे तड़पता, बिलखता देख कर नींद के लिए एक एक रात तड़पाना है। तुझे अपने हुस्न से पागल बना कर कभी बोसा तो कभी गले लगा कर जब आ जाए तू मेरे आगोश में मुझे उसी वक्त मुकर जाना है। किसी से इश्क निभा करके तुझे छोड़ दूंगी वफादारी की हर रस्म भी मैं अब तोड़ दूंगी आज इससे कल उससे फिर सबसे इश्क को हर जगह बिखराना है । ©#काव्यार्पण मुझे अपने आप को इतना पत्थर बनाना है: प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर #काव्यार्पण #Kavyarpan #Nojoto #Poetry #love_shayari Sircastic Saurabh ꧁༒शिव
#काव्यार्पण
White खता गर कम करूं फिर भी सजा नहीं घटती कि रातें अब तुम्हारी याद बिन नहीं कटती । मेरे महबूब की तस्कीन में सबकुछ तो दिखता है खुदा दिखता है मुझको पर वफा नहीं दिखती । लिपट जाती हैं मुझ पर जब लताएं रायेगानी की हुई बरसात हो फिर भी घटा नहीं दिखती । तगाफुल में महज इतना इज़ाफा कर लिया हमने खफा होकर भी मैं उसको खफा नहीं दिखती । मेरी रूह मुझको देख कर थर्रा के बोली है कि प्रज्ञा आजकल तू जिस्म में नहीं दिखती । वो मेरी आंखों से काजल बहाकर आज बोला है तुम्हारे पांव में पायल भी अब नहीं दिखती । अलग से देखने का शौख मत पालो जहां वालों मैं उसकी रूह हूं उससे जुदा नहीं दिखती। मेरी मां ने भी मुझको एक अर्से बाद देखा है मैं कमरे के भी बाहर आजकल नहीं दिखती । मेरी लेखनी से अब शिकायत है जमाने को मोहब्बत से इतर मैं और कुछ नहीं लिखती । ©#काव्यार्पण वफा नहीं दिखती: प्रज्ञा शुक्ला #Kavyarpan #काव्यार्पण #हिंदी #सीतापुर #Pragyashuklakikavita #emotional_sad_shayari ꧁༒शिवम् सिंह भूमि༒꧂ K
#काव्यार्पण
INDIA CORE NEWS
#काव्यार्पण
हम तुम दोनों मिला करेंगे सीतापुर में प्यार के चर्चे किया करेंगे सीतापुर में, लखनऊ वाली चाय तो अब बेस्वाद हो गई कॉफी शॉपी पिया करेंगे सीतापुर में। कब तक सीधे रहें कब तलक नैन झुकाए नैन मटक्का किया करेंगे सीतापुर में। फोर व्हीलर की सीट को फौरन आग लगाओ हम बाइक पर सफ़र करेगे सीतापुर में। छप्पन भोग के भोग ना मुझको भाते हैं गौरव ढाबा चला करेंगे सीतापुर में। हजरतगंज में गंजिग करके बोर हो गई पगडंडी पर चला करेंगे सीतापुर में। काजू पिस्ता हरगिज भूल मैं जाऊंगी मूंगफली तुम रोज खिलाना सीतापुर में। अब तक चूना बहुत लगाया तुमने सबको मेरी मांग में अब सिंदूर लगाना सीतापुर में। तेरा चेहरा देख के अपना व्रत तोड़ेंगे फिर चंदा को तका करेंगे सीतापुर में। अपने जैसे संस्कार देने की खातिर बच्चे अपने पढ़ा करेंगे सीतापुर में। तेरी बाहों में ही अपना दम तोड़ेंगे मर जाएंगे सांस ना लेंगे सीतापुर में। प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर ©#काव्यार्पण sitapur mein...!! #Sitapurpoetry #सीतापुर #hunarbaaz #Nojoto #poetry #lakeview
Ravendra
Kavi Aditya Shukla
आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था। चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन। मलते रह गए हाथ शिकारी... उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. अंतिम गोली ख़ुद को मारी ... जियो तिवारी जनेऊधारी ©Kavi Aditya Shukla आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था। चंद्रशेखर आ