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SumitGaurav2005
मेरी मालकिन ने अपनी खुशी के लिए देखो मेरे साथ क्या किया, अच्छा खासा मेल डॉग था और मेरा फीमेल जैसा गेटअप किया। 😃😃😃😂😀😬✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎😂😂😃😀 ©SumitGaurav2005 मेरी मालकिन ने अपनी खुशी के लिए देखो मेरे साथ क्या किया, अच्छा खासा मेल डॉग था और मेरा फीमेल जैसा गेटअप किया। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव #sumitkik
मेरी मालकिन ने अपनी खुशी के लिए देखो मेरे साथ क्या किया, अच्छा खासा मेल डॉग था और मेरा फीमेल जैसा गेटअप किया। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव sumitkik
read moreSushma
या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा. ©Sushma या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
या कुंदेन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना, या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
read moregauranshi chauhan
White day - 463 वो कहते है ना की मरने के बाद सब शमशान ही जाते है चाहे कोई गरीब हो या अमीर, अच्छा हो या बुरा , उची जाति का हो या हरिजन सब शमशान मे हि जलते है जो हिन्दु होते है ©gauranshi chauhan #love_shayari day - 463 वो कहते है ना की मरने के बाद सब शमशान ही जाते है चाहे कोई गरीब हो या अमीर, अच्छा हो या बुरा , उची जाति का हो या
#love_shayari day - 463 वो कहते है ना की मरने के बाद सब शमशान ही जाते है चाहे कोई गरीब हो या अमीर, अच्छा हो या बुरा , उची जाति का हो या
read moreking_ajeet_0376
बड़ी दूर एक गांव की बस्ती मुझे देखकर हंसती थी आज उस गली से गुजरा तो याद आया यहां कभी मेरी जान बसती थी ❣️♥️ ©ajeet Patel #sad_shayarलव i शायरी को यह पसंद है या नहीं बताना
#sad_shayarलव i शायरी को यह पसंद है या नहीं बताना
read moreकौशल ~
White कभी जो कोई पुरुष रोये तुम्हारे आगे तो भर लेना बांहो में और संभाल लेना उन्हें। क्योंकि... ये रोये है तो केवल माँ के आगे... दुसरा उस स्त्री के आगे जिस पर ये भरोसा था की वो समझेगी। बिना कुछ सवाल किये उन्हें थपकाते रहना... और आंचल से पूंछना उनके अश्रु ये जो बह रहा है वो लाचारी नही... ये तो दर्द है सफलता असफलता का, तानों का, अकेलेपन का, जोर से रोने का, कई बार...बिखरने का और अंततः वो रोना चाहते है दर्द को कहना चाहते है कि दर्द हुआ है सीने में। जो छुपाए रखा फिजूल में समाज के भय से कोई ये न कहे की मर्द को दर्द नही होता । शायद! ये परिभाषा उसे कभी ठीक नहीं लगी क्योंकि वो पत्थर नहीं है जो महसूस न हो उसे दर्द की बेहद!!! कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर ©कौशल ~ #Sad_Status रोता हुआ पुरुष
#Sad_Status रोता हुआ पुरुष
read moreAnuradha T Gautam 6280
#पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️ ©Anuradha T Gautam 6280 #पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️
Parasram Arora
Unsplash बादलों से टूट कर एक बार मै समुन्दर की गहराई मे सिमट गई थीं ज़ब मुझे ढूढ़ने तब मेरा पितृपुरुष वो बादल अपने घर से निकला ©Parasram Arora पितृ पुरुष बादल
पितृ पुरुष बादल
read moreSumit Kumar
कुछ पुरुष भी जला दिये जाते है उस "दहेज़ की आग" में जो उसने कभी माँगा नहीं होता है.. ©Sumit Kumar दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life
दहेज़ की आग और पुरुष.. sad shayari on life
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