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Sanjiv Mahato
नहीं कहना भी मैं कह जाता हूं किसी की भावनाओं में बह जाता हूं किसी अपनों की आश में रह जाता हूं तुम ना मिलो तो ग्लास में रह जाता हूं तुम कहो तो मै तुम्हारे पास रह जाता हूं 🌹🌹🌹🌹♥️♥️♥️♥️♥️🌹🌹🌹🌹 तुम कहां हो मैं तुम्हारे पास आना चाहता हूं तेरी हस्ती निगाहों में जिंदगी बिताना चाहता हूं ©Sanjiv Mahato यादों के फुलझड़ियां फुटेगी बढ़ियां बढ़ियां #lovetaj
Manojkumar Kumar
भोसारी फुलझड़ियां है बस हाथ लगाने की देरी है
Sanjiv Mahato
आज मौसम बहुत ही सुहाना है आज यहां बारीश जो आना है ठंडी पवन की लहर चल रही है मन में उमंग की लहरें बढ़ रही है मेरी खुशी में कोई मेरा साथ निभाए मैं चाहूं मुझे भी कोई अपना प्रेमी बनाए ©Sanjiv Mahato मौसम की फुलझड़ियां लड़ी है काले बादलो में से बूंदे झड़ी है
Kulbhushan Arora
क्रिसमिस की आप सबको बधाई ना केक ना चॉकलेट न है मेरे पास मिठाई, सबके लिए थोड़ी खुशी ले के आया हूं भाई, खुशी से बड़ी होती है क्या कोई सी मिठाई? बहुत खोजी मुझे तो समझ
Kulbhushan Arora
Blink your Eyes Chashmish Kishmish It's your Birthday Happy BIRTHDAY 🪔🪔🪔🪔🪔🪔 Dedicating a #testimonial to Jeevi किशमिश का जन्मदिन है, जन्मदिन है चश्मिश का, सुंदर सफेद फूलों की लड़ियां, सुंदर शब्दों की फुलझड़ियां, शां
Meri Kalam
कृृपया कैप्शन ध्यानपूर्वक पढें। 👇👇👇👇 ✍️ आज की विशेष प्रतियोगिता का शीर्षक है "बचपन की खिड़की से"। हम सभी के दिल के किसी कोने में बचपन सदैव
Vedantika
बचपन की खिड़की से दिखाई देती है मासूमियत, वो दोस्ती, वो शरारत, वो अंदाज़ हमारी ज़िंदगी के। कृृपया कैप्शन ध्यानपूर्वक पढें। 👇👇👇👇 ✍️ आज की विशेष प्रतियोगिता का शीर्षक है "बचपन की खिड़की से"। हम सभी के दिल के किसी कोने में बचपन सदैव
Krish Vj
"धूप की परवाह, ना साँझ का डर, यारों संग मिट्टी में खिलता बचपन बेफ़िक्र करते मनमानी, रूठते, मनाते, बर्फ़ के गोले मेें हो जैसे बचपन। माँ बाप की डाट, वो भाई बहन की तकरार, मासूम शरारतें है बचपन स्मृतियाँ शेष ! छूट गया वो आनंद, अब कौन लौटा पाएगा वो बचपन।। कृृपया कैप्शन ध्यानपूर्वक पढें। 👇👇👇👇 ✍️ आज की विशेष प्रतियोगिता का शीर्षक है "बचपन की खिड़की से"। हम सभी के दिल के किसी कोने में बचपन सदैव
Durgesh Dixit
कोशिशें हजार की बहुत छुपाई मैने दिल से रोकी तो आंखों से वो सिसकी निकल गई जरा सी समझदारी ने दिखाए कैसे कैसे रंग कमबख्त जवानी मेरी बचपन की खिड़की निगल गई कृृपया कैप्शन ध्यानपूर्वक पढें। 👇👇👇👇 ✍️ आज की विशेष प्रतियोगिता का शीर्षक है "बचपन की खिड़की से"। हम सभी के दिल के किसी कोने में बचपन सदैव