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संजय जालिम " आज़मगढी"
White अफ़साना दिल का कहूँ कैसे दीवाना दिल को रखू कैसे माना मैं मुफ़्लिस् ,काफिर हु ज़माने का उनके सिवा "जालिम" उल्फ़त में जियु कैसे ©संजय जालिम " आज़मगढी" # जीयु कैसे#
# जीयु कैसे#
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White तुम जो साथ हो तब भी मौसम ए हिज्र है इस तो बेहतर है कि बिखर जाएं हम ©हिमांशु Kulshreshtha बिखर जाये
बिखर जाये
read moreRitesh Free Fire
White चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!! ©Ritesh Free Fire #love_shayari चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!
#love_shayari चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये, बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!
read moregokul
White कोई लफ्ज़ आसमां से, उतारा जाये, बिना समझे भी, आँखों में नज़ारा आये, अब तो डरते है कहीं, ख़ामोशी में खो ना जाये, मिलो यारों, इस ख़ामोशी के बोझ से, कहीं मर ना जाये l ©gokul कोई लफ्ज़ आसमां से, उतारा जाये, बिना समझे भी, आँखों में नज़ारा आये, अब तो डरते है कहीं, ख़ामोशी में खो ना जाये, मिलो यारों, इस ख़ामोशी के बोझ से
कोई लफ्ज़ आसमां से, उतारा जाये, बिना समझे भी, आँखों में नज़ारा आये, अब तो डरते है कहीं, ख़ामोशी में खो ना जाये, मिलो यारों, इस ख़ामोशी के बोझ से
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी प्रकृति ने भरा है धरा अम्बर को हर संसाधनों से पंछी जानवरो तक का ख्याल रखा है होती सुबह रोज,रात भी होती है उम्मीद की किरणें हर चौखट तक होती है मगर लालचों ने खाई अमीरी गरीबी की खींची है अभावो में जो पलते,उनके पल भर कैसे कटते है चौबीस घण्टे भी पहाड़ जैसे लगते है सत्ताओ के समीकरण भी लाभ हानि पर टिके है पेशेवरों के लिये सहायक बिजनिस में गरीबो के खून चूसने पर लगे है एक तरफ मेहनतों की कीमत कम दूसरी तरफ टेक्स बराबर किये हुये है हको की लड़ाई पर कानूनों के जाल में आम लोग फंसे हुये है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning अभावो में जो पड़े हुये है,उनके पलभर भी कैसे कटते है
#GoodMorning अभावो में जो पड़े हुये है,उनके पलभर भी कैसे कटते है
read more- Arun Aarya
07-02-2025 मृत शरीर में कहीं प्राण ना आ जाये , जेठ से पहले कहीं आषाढ़ ना आ जाये ! कोई उसकी तश्वीर मेरे नज़रों से हटा दो ,, उसे देखकर कहीं मेरे आँखों से बाढ़ ना जाये..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #Beautiful_Eyes #बाढ़ ना आ जाये
#Beautiful_Eyes #बाढ़ ना आ जाये
read moreParasram Arora
White ये बात कित्नी अजीब है कि सांसे मेरी धीमी और मंद होती जा रहीं जबकि मेरी नब्ज़ ने फड़कना बन्द कर दिया है अब ये कैसे तय हो कि मै कितनी देर या कितने दिन और जीता रहूगा ? और मानलो मरना ही पढ़ा तो मेरा अंतिम क्षण कौनसा होगा ©Parasram Arora कैसे तय हो?
कैसे तय हो?
read moreMohan Sardarshahari
कुछ लोगों का व्यक्तित्व रोजमर्रा काम करते हुए भी खास छाप छोड़ जाता है। ऐसा ही व्यक्तित्व था किशोर कुमार सारस्वत,रतनगढ ( किशोर )काउंटर कैशियर का। वह जब लेन-देन के समय नोट गिनता था तो उसकी बोडी में एक आकर्षक लय पैदा होती थी और मैं उसको देख कर आनंदित होता था। यों लगता था जैसे यह पैसे गिनने की मशीन ही है । वह अपने काम को आन्दित होकर करता था और जैसे ही उसके पास लाईन कम होती तो दूसरी लाईन में दूर खड़े ग्राहक को आवाज देकर अपनी लाईन में बुला लेता था । हमेशा चेहरे पर एक ताजगी भरी मुस्कराहट रहती थी। सब से हंस कर उनकी बात सुनता और यथासंभव समस्या का हल भी बताता था। आज भी मैं जब भी किसी बैंक में जाता हूं तो हर काउंटर पर नजर डालता हूं कि क्या पता कहीं कोई किशोर जैसा दिख जाये।। ©Mohan Sardarshahari कोई किशोर जैसा दिख जाये
कोई किशोर जैसा दिख जाये
read moreF M POETRY
green-leaves सिर्फ यह एक काम हो जाये.... ज़िन्दगी तेरे नाम हो जाये.... लोग मुझको कहें तिरा आशिक.... मेरा ऊँचा मक़ाम हो जाये.... यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #GreenLeaves मेरा ऊँचा मक़ाम हो जाये....
#GreenLeaves मेरा ऊँचा मक़ाम हो जाये....
read moreParasram Arora
Unsplash कैसे पता लगे कि कौनसी बात न्याय संगत है और कौनसी बात व्यर्थ कागज़ी फूलों पर तुमने कभी किसी भवरे को बैठते हुए देखा है क्या? ©Parasram Arora कैसे पता लगे?
कैसे पता लगे?
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