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Shivkumar
जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन मोहिनी । ब्रह्मा,विष्णु व महेश के तेज से चतुर्थी को उत्पत्ति, उस दिन से असुरों पर आई बहुत बड़ी विपत्ति । कात्यायनी मां का छठे दिवस करो तुम ध्यान, सब बाधाएं दूर करें मां है कृपा निधान । लाल चुन्नी व मधु है मां को अत्यंत प्रिय, ध्यान रखना मिलेगा तुम्हें शौर्य । जग की तारणहार देवी का कात्यायनी नाम, मन से करो आराधना मिलेगा मोक्ष धाम । चार भुजा धारी करती सिंह की सवारी, दुःखों को तुम हरती हम हैं तेरे आभारी । सब देवी-देवताओं को थी तुमसे बहुत आस, दशमी को किया असुर महिषासुर का विनाश । कोई बाधा है अगर तुम्हारे विवाह में, हो जाएगी पूरी देवी मां की चाह में । हे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी, रखना ध्यान तेरे चरणों में है यह कवि । मां कात्यायनी रोग,शोक, संताप,भय नाशिनी, मां कात्यायनी अर्थ,धर्म, काम,मोक्ष दायिनी । ©Shivkumar #navratri #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन #मोहिनी । #ब्रह्मा
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम, आराधना, चिंतन-ध्यान, आदि का पालन होता रहता है, वही धर्म है, वो ही पुण्य आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण।। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस घर में, जिस देश में, जिस जगह सदैव दान-पुण्य, वेद-शास्त्र, का पठन-पाठन, यजन-याजन, व्रत, जप-तप, सयम
Sarvesh Kumar Maurya
doctor vishal Kumar
doctor vishal Kumar
Shailendra Anand
Village Life रचना दिनांक 14,,,3,,,2024,, वार,,,, शुक्रवार समय काल,, पांच बजे ््््निज विचार ््् ्््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर मालवी से लोकगीत लोककथा नूक्कड लघु कथा सत्संग प्रेयर निमाडी आदिवासियों की लोक परमपरम्पराऐ में जन मानस जनजीवन पर जिंदगी में पर्व त्यौहार एवं फाग महोत्सव भगोरिया पर्व आदिवासी बहुल इलाकों में इस अवसर पर नयीनवेली नवयुगल में ब्याह शादी विवाह हो जाते है ्््् ्््््् घर आंगन चौक चौराहे पर हुड़दंग मचाने वाले लव में एक स्वर में प्रेम से अन्तर्मन में नाचते गाते नाचने लगे ।। ढोल बाजे बजने लगे नगाड़े बजाकर खुशी में रंगबिरंगे फूल और कांटे पथ्थर से अपनी दिशा लेकर बाजार में ,, शहर में हाट बाजार में एक साथ हंसी ठिठौली करते ।। फाग गायक फागुन गवैया सांझ ढले में ,, एक बार फिर मांद में जाम लगा ताड़ी पीती रहीं है।। ग्राम में शहर से हर एक को राह दिखाने मेंक्या हो प्यारा सा,, जीवन में एक दुसरे को तैयार होकर श्रंगार किया।। छैल छबीला रंग रंगीला बसंत रीतु और फाग महोत्सव,, पर जिंदगी को मस्त कर देख रही है ।। ्््््् ्््भावचित्र ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् ््््््दिनाक ्14 ,,,मार्च,,,2024,,, ©Shailendra Anand #villagelife भगौरियां आदिवासियों में खैलती फागुनी बयार में ढोल बाजे बजने लगे फाग महोत्सव मालवों और निमाडियो में होली की हुड़दंग मची है ्््््
harshit tyagi
उठता रहूँ जमीन से ,गिर के बारम्बार डरना क्या संसार से जब स्वयं शिवजी हैं आधार... महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं हर हर महादेव 🙏🏻 ©harshit tyagi ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ देवाधिदेव महादेव भगवान भोलेनाथ की आराधना के पावन
N S Yadav GoldMine
धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है, कि किस देवी या देवता को क्या चढ़ाना सही होता है और क्या नहीं जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} महादेव को अर्पित 8 तरह के पत्ते:- 🌻 हिंदू धर्म शास्त्रों में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा पाठ को लेकर कुछ विशेष नियम और विधान बताए गए हैं। धर्म शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि किस देवी या देवता को क्या चढ़ाना सही होता है और क्या नहीं। माना जाता है कि पूजन के दौरान यदि सही विधि विधान से भगवान की आराधना की जाए, तो वह प्रसन्न होकर आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। 🌻 ऐसे में यदि बात की जाए भगवान भोलेनाथ की, तो भगवान शिव के पूजन से जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली बहुत सी चीज़ों के बारे में बताया गया है। इन्हें भगवान शिव को अर्पित करने से वे अपने भक्तों से प्रसन्न रहते हैं। पीपल के पत्ते:-🌻 यदि सोमवार के दिन भगवान शिव को चढ़ाने के लिए आपके पास बेलपत्र नहीं है। तो आप भगवान शिव को पीपल के पत्ते भी अर्पित कर सकते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पत्तों से भगवान शिव का पूजन करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अपामार्ग:-🌻 अपामार्ग जिसे चिरचिटा के पौधे के नाम से भी जाना जाता है। इस पौधे के पत्ते को भी शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं। माना जाता है, कि अपामार्ग के पत्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है। धतूरा:-🌻 धतूरे का फल और इसके पत्ते दोनों ही भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, यदि आपके पास भगवान शिव को चढ़ाने के लिए धतूरे का फल नहीं है तो आप इसके पत्ते भी शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। भांग:-🌻 भगवान भोलेनाथ के अभिषेक में भांग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आप शिवलिंग पर भांग के पत्तों को भी अर्पित कर सकते हैं। दूर्वा:-हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार दूर्वा अमृत के समान होती है, यदि आप शिवलिंग पर दूर्वा घास चढ़ाते हैं. तो आपको दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। बांस के पत्ते:-🌻 मान्यताओं के अनुसार यदि आप भगवान शिव को पूजन के दौरान बांस के पत्ते चढ़ाते हैं। तो ऐसा करने से आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। शमी के पत्ते:-🌻 शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव को शमी के पत्ते अत्यंत प्रिय है। माना जाता है कि शमी के पत्ते शिवलिंग के साथ-साथ भगवान गणेश को भी चढ़ाए जाते हैं। महादेव को शमी के पत्ते अर्पित करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर होती हैं, साथ ही शनि दोष भी कम होता है।। ©N S Yadav GoldMine #thepredator धर्म शास्त्रों में यह बताया गया है, कि किस देवी या देवता को क्या चढ़ाना सही होता है और क्या नहीं जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhe
Ravendra
Ravendra