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drsharmaofficial
मैदानी क्यारियों से झाँकती नीम- गिलोय की सगंत ही 'दोस्ती' हैं"... Dedicating a #testimonial to seha jain #yqbaba #hindi #diary #happyfriendshipday #dosti #urdu #writer इस शहर या उस शहर की मिट्टी में भीतर त
JALAJ KUMAR RATHOUR
जसवंतनगर ,ये सिर्फ एक कस्बा नही हमारी यादो का किस्सा है, जहाँ हमने अपने बचपन के हसीं लम्हों को बिताया है, जसवंतनगर ने ही नेता जी को राजनीति के आसमां की ऊचाईयों तक पहुचाया है, छिमारा रोड से नहर के पुल तक, और कुरसेना से कैस्त तक फैला ये कस्बा अपनी अलग ही पहिचान बनाये हुए है, मोहब्बत यहाँ के लोगो के दिलो में है, और नफरत के लिए यहाँ बंदूके चलना आमबात है, मैदानी रामलीला के लिए प्रसिद्ध हमारा जसवंत नगर अपनी एक संस्कृति को समेटे हुए है, केंद्र में स्थित खटखटा बाबा का मंदिर यहाँ के लोगो की आस्था का प्रतीक है, हम लोग भले ही सारा जहाँ घूम आये पर आज भी सुकूँ जसवंतनगर की हवा मे मिलता है, यहाँ के आशिको को आप अक्सर कैस्त या रामलीला रोड पर देखेंगे, कमलेश चाचा की बड़ई और निक्का हलवाई के समोसे शीलू हलवाई की मिठाई यहाँ के लोगो की जुबान को लुभाते है प्यारे चचा के छोले चावल, चटपटे की चाट, शंकर और पंडित जी की चाउमीन हम को भाते है यहाँ रामलीला में मुस्लिम भाई साथ देते है और हम सब लोग ईद मनाने में उनका साथ बस आपस का प्रेम यही बनाता है हमारे जसवंतनगर को खास.... आपका अपना जसवंतनगरवासी #NojotoQuote जसवंतनगर ,ये सिर्फ एक कस्बा नही हमारी यादो का किस्सा है, जहाँ हमने अपने बचपन के हसीं लम्हों को बिताया है, जसवंतनगर ने ही नेता जी को राज
Aprasil mishra
"वैश्विक समाज की शवाधान प्रणालियों में अन्तर एवं उनकी ऐतिहसिक पृष्ठभूमियाँ : जमींन-जिहाद के आलोक में।" **************************************** वैश्विक समाज में जनगत मानसिकता आज जिस तरह साम्प्रदायिक चरमपंथ में वैमनस्य का शिकार हो
अशेष_शून्य
कवि होते हैं किसी दृढ़ पर्वत से... जिनके पलकों के किनारे से उद्गमित होती हैं "कविताएं" नदियां बनकर...!! -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में ...) कवि होते हैं किसी दृढ़ पर्वत से... जिनके पलकों के किनारे से उद्गमित होती हैं "कविताएं" नदियां बनकर।। जिनके भीतर कल्पनाओं की ऊंचाई के समक
अशेष_शून्य
"किसी स्त्री का हंसना और पुरुष का रोना दोनों ही स्मृतियां विश्व धरोहर की विलुप्त संरक्षण सूची में शामिल की जानी चाहिए" -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) मेरे अस्तित्व का अक्स आईने से अधिक स्पष्ट झलकता तुम्हारी स्वप्निल आंखो में पर सोचती हूं तुमने अश्रुओं का श्रावित होना निषेध क्यूं
vishnu thore
चांदणे शब्दातले उजळे सहज ज्यांचे स्मरण आग ह्रदयातील शब्दा पोळते ज्यांचे स्मरण.. अमरावतीतील कर्हाडे ब्राह्मणांचं एक सुखवस्तू घराणं
Divyanshu Pathak
भोर भई मन तड़पत सरपट "कनुआ" दौड़ बुलाइ रह्यो है ! वो मधुकर को प्रेम पियासो पुष्प सुबह बिलखाय रह्यो है ! तेरे दर्शन दुर्लभ भारी क्यों मुझसे शरमाय रह्यो है ! आ मिल अंक से अंक मिलाले क्यों ऐसे भरमाय रह्यो है ! श्याम सलोने मत कर देरी क्यों बैरी मोय सताय रह्यो है ! आ अब भी तू साथ हमारे क्यों मेरी पीर बढाइ रह्यो है ! तत्व सत्व को रस बरसाने "पाठक" तोय बुलाय रह्यो है ! :☕☕🌱🍀🍫🍫☕☕🍨👨 जुग जुग नर नारायण जैसे संग साथ तू रहतो आयो मैं जीवन तू 'जीवनज्योति' अब क्यों मुह दुबकाय रह्यो है !😊😊😊😊😊😊 : मुझे पिछले माह विवाह
Anita Saini
देखो निढाल शम्स भी अपनी आग से ज़ख़्मी है बेचारा हम भी ठीक वैसे ही जल रहे अलबत्ता है चनाब किनारा— % & वो कहता है तुम में इश़्क-ओ-आशिक़ी की थोड़ी कमी है... 😴 PS. : चिनाब नदी के लिए एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है, जो कि अक्सर पाकिस्तान के लोग कहा
अशेष_शून्य
फिर एक दिन हम अपनी अपनी महक लिए लौट जायेंगे और फ़िर एक दिन हम, हमारे रास्ते अलग हो जायेंगे ।। ~©Anjali Rai — % & और फ़िर एक दिन हम, हमारे रास्ते अलग हो जायेंगे हमारा दिन हमारी रात हमारी राह अलग हो जायेगी चलते चलते तुम किसी और शहर की
JALAJ KUMAR RATHOUR
पार्ट -11 तीन बज चुके थे। और हम लोग मूवी हॉल के अंदर थे। कुछ व्यवसायिक विज्ञापनों के बाद शुरू हुई चेतन भगत के बहुचर्चित उपन्यास "हॉफ गर्ल फ्रेंड " पर आधारित फिल्म मुख्य नायिका की भूमिका में हमारे बचपन के विलेन शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा ने देहली की हाई सोसायटी की लड़की रिया सोमानी का किरदार निभाया था ।और एक तरफ स्पोर्टस् कोटा से भर्ती हुए अंग्रेजी की ऐसी की तैसी करने वाले बिहार के बबुआ माधव झा का किरदार निभा रहे थे अपने पानीपत वाली अर्जुन कपूर, बरसात से शुरू हुई इस फिल्म ने इंटरवल तक हमे रूला दिया था । अवनी बार बार पूछ रही थी "का स्वप्निल बबुआ कछु बुझात की नही " मैं अचंभित था की अवनी भोजपुरी बोल रही थी। वरना" बी एच यू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग" के प्रांगण में हम आज तक नही सुने अवनी के मुँह से भोजपुरी, मानते हैं की पूर्वांचल पर भोजपुरी भाषा का प्रभाव है। परंतु अवनी जैसी साउथ देहली की लड़की से इतनी लयमय भोजपुरी , तभी अवनी ने बताया उसकी माँ बिहार के बक्सर जिला से हैं। रिया सोमानी माधव झा को अपनी शादी का कार्ड देने आयी थी। इंडिया गेट पर फिल्माया गया ये दृश्य वास्तव मे देखने लायक है। रिया सोमानी की आँखो से आँसू निकल रहे थे । और इसी के समांतर अवनी की भी आँखे नम हो रही थी , तभी मुझे अपनी अंगुलियों पर किसी का स्पर्श प्राप्त हुआ। अवनी ने मेरी हथेली को अपनी नर्म हथेली से जकड़ लिया था । पर उसका ध्यान सिर्फ फिल्म के उस सींन पर था जब रिया माधव से दोबारा पटना में क्लोजअप के ऑफिस मे मिलती है। अवनी ने मेरे सिर पर अपना कंधा रख लिया। राशि इस पूरे दृश्य को अपनी निगाहों को तिरछा कर देख रही थी। मैं जानता था। कि मुझे अवनी से प्रेम था, प्रेम जिसे मैं अपनी वाणी के शब्दों से भी बयाँ ना कर सकता था। पर मेरी हर कोशिश समक्ष हरिद्वार मे माँ गंगा किनारे अवनी का वो वादा " स्वप्निल एक वादा करो मुझसे क्या तुम मेरे दोस्त की तरह यूँ ही मेरे हर सुख दुख मे मेरा साथ दोगे" प्रतिरोध था। अवनी के आँसुं उस समय हमारी हथेलियों के बीच गिरे जब माधव ने रिया को वापस एक रेस्ट्रो में "स्टिल अ लिटिल लोंगर विथ मी " गाते सुना, फिल्म समाप्त हो चुकी थी पर अवनी के आज के इस व्यवहार ने मेरे समक्ष उन प्रश्नो को फिर से नये सिरे से उत्पन्न कर दिया था। जो मैंने हरिद्वार में उस वादे के वाद विसर्जित किये थे।ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वो प्रश्न जो मैने हरिद्वार में माँ गंगा के चरणो मे विसर्जित किये थे। वो गंगा के मैदानी क्षेत्रों से अनुभव लेकर आज फिर इस काशी की गंगा से निकल कर मेरे समक्ष खड़े होकर मुझे प्रश्न वाचक नजरों से देख रहे हों। ........ #जलज कुमार तीन बज चुके थे। और हम लोग मूवी हॉल के अंदर थे। कुछ व्यवसायिक विज्ञापनों के बाद शुरू हुई चेतन भगत के बहुचर्चित उपन्यास "हॉफ गर्ल फ्रेंड " पर