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New पीछे पीछे तेरे Quotes, Status, Photo, Video

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Shiva Mishra

खामोशी के पीछे तेरे छुपा हुआ शोर है दुनिया चाहे कह ले तुझे किसी और का मगर दिल मे तेरे तो कोई और है... #secondquote #lovequotes brokenhea #Trending #LoveStory #brokenheart #loveyourself

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खामोशी के पीछे तेरे छुपा हुआ शोर है
दुनिया चाहे कह ले तुझे किसी और का
मगर दिल मे
  तेरे तो 
कोई और है...l
  खामोशी के पीछे तेरे छुपा हुआ शोर है
दुनिया चाहे कह ले तुझे किसी और का
मगर दिल मे  तेरे तो 
कोई और है...
#secondquote #lovequotes #brokenhea

Hasko Jaggara

तेरी कामयाबी  तू क्या कहे, गवाएगी कुछ? मत सोच, एक दिन कामयाव होगी तू। मत छोड़ अपनी मंज़िल, मत जा कही अलग डगर तू। मत रहे किसी के वास्ते, बस टि #कविता #haskojaggara #jaggaraofficials #हसको #जगारा #हसकोजगारा

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तेरी कामयाबी 
तू क्या कहे, गवाएगी कुछ?
मत सोच, एक दिन कामयाव होगी तू।
मत छोड़ अपनी मंज़िल,
मत जा कही अलग डगर तू।
मत रहे किसी के वास्ते,
बस टिकी रहे अपने रास्ते। 
कामयाबी पड़ेगी झक मार कर पीछे तेरे,
दुनिया भी जानेगी कर्म तेरे।
-हसको जगारा

©Hasko Jaggara तेरी कामयाबी 
तू क्या कहे, गवाएगी कुछ?
मत सोच, एक दिन कामयाव होगी तू।
मत छोड़ अपनी मंज़िल,
मत जा कही अलग डगर तू।
मत रहे किसी के वास्ते,
बस टि

Gopal Pandit

यूं तो मैं भी चला आता सब कुछ छोड़ कर तेरे पीछे तेरे जाने के बाद ज़माना भूल ना जाए तेरी मेरी कहानी कहीं तेरे मेरे जाने के बाद फिर एक ख्याल #Life #शायरी #गोपाल_पंडित #gopal_pandit #dear_ज़िंदगी #बेवफ़ा_ज़िंदगी

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Insprational Qoute

हो गया हैं आगाज़ सूरज की पहली किरण का, पूरब से धीरे धीरे बढ़ रहा हैं अब जगा सपना अपने मन का, सूरज की किरनपुंज से ले शोर्य और रज, ठान ले फहरा #yourquotebaba #yourquotedidi #apni_rah #hkkhindipoetry

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 हो गया हैं आगाज़ सूरज की पहली किरण का,
पूरब से धीरे धीरे बढ़ रहा हैं अब जगा सपना अपने मन का,

सूरज की किरनपुंज से ले शोर्य और रज,
ठान ले फहराना हैं तुझें शिखर पर ध्वज,
माना हर मोड़ पर राहें मिलेगी अनेक,
पर तुझें चुनना हैं केवल एक,

सुना हैं जो मेहनत की तपिश को झेल जाएगा,
वादा हैं मेरा वो ही मंजिल के उस पार जरूर जाएगा,
और देखा जो तूने जो सुनहरा सपना,
तरस गया था जो तू पाने को एक दिन आज तेरा वो होगा अपना,

अपने मन मे ऐसी आग जला और उनके धुँए की महक जग में फैला,
जो बचते थे तेरा साथ देने में, आज पीछे तेरे होगा वो  काफ़िला ,

अगर तूने ये सोचा अब मुझसे नही होगा,
सम्भवतः तूने उसी वक़्त दे दिया अपने आप को धोखा,



        Part-1  हो गया हैं आगाज़ सूरज की पहली किरण का,
पूरब से धीरे धीरे बढ़ रहा हैं अब जगा सपना अपने मन का,

सूरज की किरनपुंज से ले शोर्य और रज,
ठान ले फहरा

AB

ये जो खोना-पाना, खोना -पाना लगा रहता है ना सही नहीं है, और सही भी है, ये जो रोना -धोना, रोना -धोना लगा रहता है ना सही नहीं है, और सही भी ह

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सही नहीं,
और सही भी है, 
 ये जो खोना-पाना, खोना -पाना लगा रहता है ना सही नहीं है, और सही भी है, ये जो रोना -धोना, रोना -धोना लगा रहता है ना सही नहीं है, और सही भी ह

Pnkj Dixit

🌷 रात का अफ़साना त्रयोदशी की रात खुली छत पर सोया पहली बार चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार.. चाँद में तुम दिखती थी तारों में सपनों की #Poet #Hindi #writer #कविता

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🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की बारात
धवल चाँदनी बिछी हुई थी
जैसे ; तेरे रूप की सौगात.. 

मन चहका, तन महका.. महक उठी साँसे
रोम - रोम ने ली अँगड़ायी 
भर लूँ बेहिचक बाँहों में, पर 
दिल की धड़कन घबरायी .. 

पलकों के पीछे 
तेरे रूप को प्यार से सींचा
तू कुमुदिनी बनकर खिलखिलाई 
उस पल को नयनों में भींचा .. 

चाँद चाँदनी यौवन पर ठहरा
अर्द्ध रात्रि का आया सहरा
चकवे  ने चकवी को आवाज लगाई
तब, चाँदनी नीचे साया ठहरा... 

दिल तुझमें मशगूल रहा 
हसीं लम्हों में प्यार का फूल रहा 
दो साये संग में हिलने डुलने लगे 
पर, वक़्त बिछड़ने वाला शूल हुआ.. 

रात बीती , नये सवेरे का उजाला
नीमबाज़ आँखें, आँखों में तेरा चेहरा
जन्नती रात, उजड़ गया सपनों का गुलशन
रात मेरी जान , हमारी चाहतों का समंदर गहरा.. 

०५/०६/२०२०
🌷👰💓💝
... ✍कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की

Pnkj Dixit

🌷 रात का अफ़साना त्रयोदशी की रात खुली छत पर सोया पहली बार चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार.. चाँद में तुम दिखती थी तारों में सपनों की #Poet #Hindi #writer #कविता

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🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की बारात
धवल चाँदनी बिछी हुई थी
जैसे ; तेरे रूप की सौगात.. 

मन चहका, तन महका.. महक उठी साँसे
रोम - रोम ने ली अँगड़ायी 
भर लूँ बेहिचक बाँहों में, पर 
दिल की धड़कन घबरायी .. 

पलकों के पीछे 
तेरे रूप को प्यार से सींचा
तू कुमुदिनी बनकर खिलखिलाई 
उस पल को नयनों में भींचा .. 

चाँद चाँदनी यौवन पर ठहरा
अर्द्ध रात्रि का आया सहरा
चकवे  ने चकवी को आवाज लगाई
तब, चाँदनी नीचे साया ठहरा... 

दिल तुझमें मशगूल रहा 
हसीं लम्हों में प्यार का फूल रहा 
दो साये संग में हिलने डुलने लगे 
पर, वक़्त बिछड़ने वाला शूल हुआ.. 

रात बीती , नये सवेरे का उजाला
नीमबाज़ आँखें, आँखों में तेरा चेहरा
जन्नती रात, उजड़ गया सपनों का गुलशन
रात मेरी जान , हमारी चाहतों का समंदर गहरा.. 

०५/०६/२०२०
🌷👰💓💝
... ✍कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की

Pnkj Dixit

🌷 रात का अफ़साना त्रयोदशी की रात खुली छत पर सोया पहली बार चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार.. चाँद में तुम दिखती थी तारों में सपनों की #Poet #Hindi #writer #कविता

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🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की बारात
धवल चाँदनी बिछी हुई थी
जैसे ; तेरे रूप की सौगात.. 

मन चहका, तन महका.. महक उठी साँसे
रोम - रोम ने ली अँगड़ायी 
भर लूँ बेहिचक बाँहों में, पर 
दिल की धड़कन घबरायी .. 

पलकों के पीछे 
तेरे रूप को प्यार से सींचा
तू कुमुदिनी बनकर खिलखिलाई 
उस पल को नयनों में भींचा .. 

चाँद चाँदनी यौवन पर ठहरा
अर्द्ध रात्रि का आया सहरा
चकवे  ने चकवी को आवाज लगाई
तब, चाँदनी नीचे साया ठहरा... 

दिल तुझमें मशगूल रहा 
हसीं लम्हों में प्यार का फूल रहा 
दो साये संग में हिलने डुलने लगे 
पर, वक़्त बिछड़ने वाला शूल हुआ.. 

रात बीती , नये सवेरे का उजाला
नीमबाज़ आँखें, आँखों में तेरा चेहरा
जन्नती रात, उजड़ गया सपनों का गुलशन
रात मेरी जान , हमारी चाहतों का समंदर गहरा.. 

०५/०६/२०२०
🌷👰💓💝
... ✍कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की

Pnkj Dixit

🌷 रात का अफ़साना त्रयोदशी की रात खुली छत पर सोया पहली बार चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार.. चाँद में तुम दिखती थी तारों में सपनों की #Poet #Hindi #writer #कविता

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🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की बारात
धवल चाँदनी बिछी हुई थी
जैसे ; तेरे रूप की सौगात.. 

मन चहका, तन महका.. महक उठी साँसे
रोम - रोम ने ली अँगड़ायी 
भर लूँ बेहिचक बाँहों में, पर 
दिल की धड़कन घबरायी .. 

पलकों के पीछे 
तेरे रूप को प्यार से सींचा
तू कुमुदिनी बनकर खिलखिलाई 
उस पल को नयनों में भींचा .. 

चाँद चाँदनी यौवन पर ठहरा
अर्द्ध रात्रि का आया सहरा
चकवे  ने चकवी को आवाज लगाई
तब, चाँदनी नीचे साया ठहरा... 

दिल तुझमें मशगूल रहा 
हसीं लम्हों में प्यार का फूल रहा 
दो साये संग में हिलने डुलने लगे 
पर, वक़्त बिछड़ने वाला शूल हुआ.. 

रात बीती , नये सवेरे का उजाला
नीमबाज़ आँखें, आँखों में तेरा चेहरा
जन्नती रात, उजड़ गया सपनों का गुलशन
रात मेरी जान , हमारी चाहतों का समंदर गहरा.. 

०५/०६/२०२०
🌷👰💓💝
... ✍कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 रात का अफ़साना

त्रयोदशी की रात
खुली छत पर सोया पहली बार
चाँद देखा, टिमटिमाते तारे देखे हजार..

चाँद में तुम दिखती थी 
तारों में सपनों की

Ankur tiwari

कोशिश बहुत ही की हमने,दिल को भी अपने समझाया कितना हैं इसका दायरा, इक इक करके इसको समझाया फिर भी मनमौजी दिल ये मेरा मानने को तैयार नहीं था #कविता #lily

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कोशिश बहुत ही की हमने,दिल को भी अपने समझाया
     कितना हैं इसका दायरा, इक इक करके इसको समझाया  
फिर भी मनमौजी दिल ये मेरा, मानने को तैयार नहीं था
कैसे कह दे ये झूठ कि इसको, तुझसे कभी भी प्यार नही था
इश्क़ किया था इसने तुझसे, क्या क्यो की परवाह नही की
दिल से दिल को चाहा था, कभी रंग रूप की चाह नही की
पीछे तेरे आया था पर, ओछी हरकत क्या की थी इसने
सबको सबक सिखाया, डाली तुझ पर थी नज़रे जिस जिसने
प्रेम ही तुझसे चाहा था पर, प्रेम तेरा क्यो मिला नही
कैसे कह दू कि हैं तुझसे, दिल को कोई गिला नहीं
हां माना गलती थी जो, इसने ना कभी इजहार किया
आंखों को ही तू पढ़ लेती, जिसने था शुरू ये प्यार किया
दिल दायरे में रहता ही नहीं, नही कोई इसको सकता बांध
प्रेम में होकर सराबोर यह, जाता हैं हर सीमा लांघ
- अंकुर तिवारी अंजान

©Ankur tiwari कोशिश बहुत ही की हमने,दिल को भी अपने समझाया
कितना हैं इसका दायरा, इक इक करके इसको समझाया  
फिर भी मनमौजी दिल ये मेरा मानने को तैयार नहीं था
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