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Praveen Storyteller
Pushpvritiya
Feminism का भार इस भार से ज़्यादा भारी जान पड़ा....... बड़ा हल्का कर दिया पुरूषों के अस्तित्व को... जो अस्तु में तो है पर धिक्कारित्....... वह ढोएगा....जताएगा...पर कभी उतारेगा नही....अस्वीकारेगा नही.... शायद यही पुरूष की प्रकृति है.. और यही प्रकृति का विधान........ शायद...... @पुष्पवृतियां . . ©Pushpvritiya दोपहिए पर अपने से तिगुणी भार को बिठाए...ढोए जा रहा था...जाने मां थी..भार्या या भगिनी...पिछली सीट जो महिलाओं के लिए लगभग संरक्षित....सुरक्षित
Vedantika
दसवीं की परीक्षा में फेल होने पर भी किशोरों को एक अन्य अवसर मिल जाता हैं और आजकल फेल होने का दबाव माता पिता की ओर से कम ही डाला जाता है। जिस
KP EDUCATION HD
KP GK SAGAR GK questions in Hindi video short Film ©KP STORY CREATOR #दिल्ली से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले कोहली आगे की पढ़ाई नहीं कर सके और क्रिकेट के प्रति उनके जुनून ने उन्हें शिक्षा से दूर कर दिया था। विराट
Niwas
#ये जो जिंदगानी है, कहीं सिर्फ़ ज़िंदा रहने की कहानी तो नही है..? #ये जो जिंदगानी है... जिंदगी कैसे - कैसे मोड़ से गुजरती है, जब सोचता हूं तो लगता है, हर एक इंसान अपनी ज़िंदगी का नायक है,और हर उस नायक पर दर
Niwas
ख़ुद का जीवन वृत्तांत..... आज मैं ख़ुद पर लिखता हूं।किसी लेखक के लिए ख़ुद पर लिखना दुनिया का सबसे कठिन काम है।जन्म एक साधारण संयुक्त परिवार में। पिता बेहद अनुशासन प्रि
Kulbhushan Arora
From Diary of Bloody Man #paidstory जिन्होंने कभी Blood Donate किया है, वो भी इस तथ्य से परिचित नहीं होंगे, जो मैं अब आपको बताने चला हूं। 1977 में मेरी दसवीं ब्लड ड
Kulbhushan Arora
😍😍😍सुमाना😍😍😍 सु....शुभ(अच्छी), मां (अम्मा) ना(है ना) शेष 😍😍😍 अनुशीर्षक में है ना शब्दों की मीठी खीर 😍😍😍सुमाना😍😍😍 सु....शुभ(अच्छी), मां (अम्मा) ना(है ना) अरे अरे हमारी *सुमाना*, तुममें तुम्हारे नाम के अनुरूप, वो गुण कूट कूट है भरा ना, तुम्ह
सुसि ग़ाफ़िल
मेरे पैरों में सूजन कैसी है मेरे लबों पर खामोशी कैसी है दसवीं के चांद का पता नहीं मगर रात की तन्हाई कैसी है हद की हद भी क्या जाने ये दर्द की रुसवाई कैसी है मेरा हाल देखकर नजरें फेरे यह जमाने की बेपरवाही कैसी है मेरे पास है नहीं कुछ भी घोषणाओं में सब अगर सब है तो ग़ाफ़िल के दरवाजे पर चुप कैसी है | मेरे पैरों में सूजन कैसी है मेरे लबों पर खामोशी कैसी है दसवीं के चांद का पता नहीं मगर रात की तन्हाई कैसी है हद की हद भी क्या जाने ये दर्द
Ankit Srivastava
"स्क्रीनशॉट - एक कहानी" ("Screenshot - A Story") ---------------------------------------------- पूरी कहानी कैप्शन में पढ़ें। (Read the full story in caption.) कुछ दिनों पहले मेरे मोबाइल बार-बार में मेमोरी फुल बता रहा था। मैंने सोंचा कुछ पुराने फ़ोटोज़, वीडियोज़ आदि डिलीट कर दिया जाए जिससे की मोमेरी कु