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Arora PR
White नींले सागर क़ी उस पार से यहां पहुंचने वाली वे उछरंखल लहरे... बुरी तरह से विचलित होकर इस तट से मिलने के लिए एड़ी वोटी का ज़ोर लगा रही हैं किन्तु आसमान से उत्तरी आँधियो की आदमखोर हवाये उन्हें इस तट से मिलने से पहले ही. हर बार तोड़ रही हैं ©Arora PR उस पार से आने वाली लहरे
Arora PR
White उस पार क़े तट का अहसास मुझे इसी तट से हो रहा हैं. किश्ती मेरी छिद्रित होने से बची रही तो साँझ तक़ वो. उस पार का तट मेरा स्वागत जरूर करेगा ©Arora PR उस पार
INDIA CORE NEWS
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Shivkumar
महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II . श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II . दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II . माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II . आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II . शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II . शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II . माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II . गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II . हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II . महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्
Anil Ray
किसी भी राष्ट्र की प्रगति को राष्ट्र में वर्तमान महिलाओं की प्रगति से मापन किया जाना चाहिए। ✍🏻...डॉ. भीमराव अम्बेडकर ©Anil Ray बादशाह-ए-कलम..........✍🏻🙏🏻 दुनिया की प्रत्येक विचारधारा ने लाखों-करोड़ो मानवों का रक्त बहाकर एक रक्तरंजित बाढ में स्वयं के वज़ूद को स्थापित
Ravindra Singh
माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । हो भूल तो अपने हाथों से दंडित करना मुझे , न करना ख़ुद से दूर कभी, क़सम है मेरी तुझे । हर चीज़ सह सकता हूँ , पर तेरा रूठना नहीं । मेरे लिये तू कोई मूर्ति नहीं , मेरी जीती जागती माँ है । तू सुनती है मेरी हर बात , तू मेरा सारा ज़हान है । तेरे दरबार में बातें करते हुए तुझ से , जैसे मैं सुकून के समंदर में चला जाता हूँ । तू भी नहीं ऊबती मेरी बातों से , तो मैं भी घंटों तुझसे बातें बतलाता हूँ । तू बेशक मुख से नहीं देती उत्तर , हर प्रश्न का उत्तर तेरे अहसास से मैंने जाना । माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना । ©Ravindra Singh #navratri माँ दुर्गा माँ तूने राह दिखाई है , तू ही मंज़िल तक पहुँचाना । मेरा तुझ पर अटूट विश्वास है , तू मेरी नैया पार लगाना ।
Manish Jakhmi
कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को रखकर देखते है क्यूंकि लोग इस तरह के उदाहरण दूसरों पर सुनना ही पसंद करते है, परंतु यह पसंद और न पसंद करने का सवाल नहीं उठता क्योंकि कुछ इस तरह की अनगिनत चीजे व्यक्ति के जीवन हो जाती है जिससे भिड़कर वह अपने आप के एक आदमी बनाता है, अब एक आदमी कैसा हो ये प्रश्न भी बनता है, परंतु यह तो अक्सर नियती पर निश्चित होता है क्यूंकि परिस्थिति तो मात्र श्रेणी बदलती है, जीवन में पड़ावों को पार करते करते ही कुछ इस तरह (कविता में दिए गए) के निर्णय लेने होते है, जिनका ख्याल मात्र दो बार आता है एक निर्णय लेते वक्त और दूसरा उस परिस्थिति के अंत में परिणाम के वक्त। मनीष जख्मी ©Manish Jakhmi कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को र