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SmileyChait
White मेरी राहें बस तेरे तक आती हैं तुझपे ही तो सिर्फ मेरा हक जताती है कुछ अनकहा सा अहसास करा जाती हैं कितने ही लम्हे लोगों के साथ गुजारे हैं हमने पर ना जाने क्यों एक वो तेरी याद बस तुझ तक ले आती हैं ©SmileyChait #GoodMorning बस एक तेरी याद An_se_Anshuman nnupur Author Shivam kumar Mishra SHIVANSH UP WALA Satish agrahari
Sarvesh kumar kashyap
दूध नाथ वरुण
जब जुल्फें तू लहराती है, बागों में बहारें आती है। जब तू मुस्काए देख तुझे,ये कलियां भी मुस्काती है।। ©दूध नाथ वरुण #तेरी #जुल्फें
आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी
Hi friends please like its ©आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी ना जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गई तेरे लिए, की मेरा दिल भी अब तेरी खातिर मुझसे रूठ जाता है !!
Rashmi Vats
हर दर्द को अपना है बना लेतीं । हम स्त्रियां तकलीफ में भी हैं मुस्कुरा लेतीं। खुद रहती हैं बिखरी हुई, पर अपना आशियाना है बखूबी सजा लेतीं। एक आस लिए जीवन है जीती। खुश रखना है सभी को यही है चाहतीं। और कोई चाहत नही है उनकी, बस रिश्तों को सहेजना है जानती। अपनी ख्वाइशों को करती है दफ़न। निभाती हैं मान सम्मान और चलन। इन सबके बावजूद भी जब नही मिलता प्रेम, तो दो आसूं बहा गुजार देती हैं सारा जीवन। हर दर्द को अपना...। रश्मि वत्स । ©Rashmi Vats #स्त्री #प्रेम #वजूद #समर्पण
Businessmohit
अज्ञात
White उम्मीद जैसी चिड़िया होती नहीं जहाँ में उम्मीद रखना सबसे ख़ुद से है बेईमानी.. कोई नहीं किसी का ठोकर लगे तो जाने मतलब का हाट है ये मतलब की हर रवानी.. मंजिल की फ़िक्र है तो ख़ुद को बुलंद कर ले बिन मोल तो जहाँ में मिलता नहीं है पानी.. फिर ख़ाक से उठे हैं फिर ख़ाक में मिलेंगे ये गुलबदन जलेगा तब क्या रहे निशानी.. कुछ भी नहीं है अपना ये फलसफ़ा पुराना थोड़ी सी कश्मोकश है फिर खत्म है कहानी.. ©अज्ञात #कहानी
Ravindra Singh
Shivkumar
White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ । तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है , तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा । तु भर ले अपने इस मन में , तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥ पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , इस सर पर भार कितना ही हो । नभ कहता फैलो इतना कि , तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥ ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो