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shayra ehsaas
सब करमो का ही तो खेल है जनाब वरना एक फूल तो वो भी है जो मंदिर में चढ़ता है और एक वो भी है जो मुर्दे पर चढ़ता हैं करमो का फल #nojotohindi #nojotoofficial #nojotoquotes
LOL
तेरी उगली वो काफल की गुठलियां बड़ी शिद्दत से चखी हैं मैंने.. * तेरे घर की वो बंद खिड़कियां बहुत देर तलक तकी हैं मैंने.. ** अंत मेरा हो, तो हो तुझमें ही साजिश कुछ ऐसी रची है मैंने *** किया है सदा बेपरवाह इश्क जिन्दगी ऐसी ही जी है मैंने! **** (काफल- एक पहाड़ी गुठलीदार फल) #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqdada #yqdiary
Anusha singh
भैजि ,सब छूट गया पेड़ो की छांव और घर के रास्ते छूट गए। खेत छूट गए ,बचपन के दोस्त छूट गए । भैजि ,सब छूट गया ,रोजगार के चक्कर मे, मूलभूत सुविधा के चक्कर मे,सब छूट गया। जिन खेतो मे लहराते थी फसले ,आज वो बंजर हो गए। जिस मिट्टी मे रम कर खेला करते थे,वहां शूल उग गए। घर के किवाड़ो पर झाड़ -झाड़िया उग गए। भैजि ,सब छूट गया ,मेरी मजबूरी सिर्फ दो रोटी की थी, जिससे सब छूट गया। पहाड़ो की सरसराती ठंडी हवा और कलकल आवाज करता हुआ ठंडा पानी। घर के आंगन मे बैठकर लेते चाय की चुस्कीया । काफल और हिसौले जैसे फल और बुरांस के फूल, पेड़ो पर बैठी घुघूती की आवाज। भैजि ,सब छूट गया ,रोजगार के चक्कर मे, मूलभूत सुविधा के चक्कर मे,सब छूट गया। प्रदेश मे रहकर पहाड़ मे बसे घर की याद आती है। चूल्हे की रोटी -साग याद आती है। क्या करू भैजि , क्या उगाऊ वहां,बेहिसाब जंगली जानवर हो गए वहाँ, सरकार की आधी से ज्यादा स्कीम कागज पर रह गयी, और रोजगार -शिक्षा के चक्कर मे मेरा पहाड़ छूट गया। भैजि ,सब छूट गया ,रोजगार के चक्कर मे, मूलभूत सुविधा के चक्कर मे,सब छूट गया। 31-12-2022 ©Singh Anusha #भैजि ,सब छूट गया(कविता) #भैजि :-बड़ा भाई या अपने से कोई बड़ा हो #काफल,हिसौले:-पहाड़ी फल #घुघूती :- एक पक्षी का नाम
Mandeep
एक बचपन था, जिसमें हमारी शरारतो का कोई भी ना था ठिकाना। चांद सितारों के दीवाने सपने थे कुछ जाने-माने दोस्तों के साथ मिल पड़ोसियों के घर वो क्या हल्ला मचाना और जरूरत पड़ने पर बेर ,काफल भी चुराना हंसते-हंसते बीजों का पेट में चले जाना और हमारे तो पेट में ही बीज का उग जाना अरे यार वह मेरा बचपन था जाना माना चांद तारों को भी तोड़ लाना वो बचपन मेरा कितना सुहाना। ©Mandeep बचपन में बेर, काफल तो सब ने चुराया है😂😂 #alone navjot joshi J@ntu Kumar paswan yashika Anshu writer Vikash shyoran
श्री सबरी भजन मंडल
🌻🌻भई परापति मानुख देहुरिया🌹गोबिंद मिलण की इह तेरी वरीआ🌻🌻🌻कौन जानता है कि ये grace marks ।।रियायत।।ही हो उसकी कृपा से ही मिले हो इतने अच्छे करम भी न किए हो हमनें।लेकिन परमात्मा ने बोला chance ।।मौका।।दो।कौन जाने हमें अपने करमो से मिली है तो हमें इसका फायदा उठाना है।उसकी कृपा से मिली है दया से भी हम उसकी दया के पात्र बने होगे तभी तो दया उसने की होगी।वो भी उसकी दया का ही फल होगा कि उसकी दया के पात्र बने।तो भी हमें इस मानुष देह का मानुष शरीर का फायदा उठाना है🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌻🌻🌻🌻 ©श्री सबरी भजन मंडल 🌻भई परापति मानुख देहुरिया🌹गोबिंद मिलण की इह तेरी वरीआ🌻कौन जानता है कि ये grace marks ।।रियायत।।ही हो उसकी कृपा से ही मिले हो इतने अच्छे करम
Dipti Joshi
"पहाड़ी औरत" (पूरी कविता कैप्शन में) © Dipti Joshi पहाड़ी औरत, यमनौत्री सी शीतल और गंगोत्री सी पावन होती है काफल सी खट्टी मीठी हिमालय सी शालीन होती है, वो समेटती है अपने हर लकड़ी की गठरी
Harshita Dawar
जहा कहना और सिर्फ़ सुनने को जीना आगे पढ़े.... नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!
lalitha sai
कभी कभी लगता है.. जो हो रहा है.. वो ठीक.. हो रहा हो तो.. जो होने वाला है.. वो भी ठीक ही होगा... है... ना?? Read caption..👇 जीवन में कभी कभी बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है... मगर मैंने हर बार ये अनुभव किया है की.. जो भी परिस्थिति क्यूँ हो.. वो हमक