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Rampal Yadav
एक लडकी मुझको भाती है,, सपने मे अक्सर आती है।।। बिलकुल गुम सूम सी रहती है,, छूने पर डर सी जाती है।।। तारों को ओढ़े रहती हैं जुगनू की चमक बढ़ाती है।। धरती से कुछ नाराज़ लगे चंदा को आंख दिखाती हैं।। एक लडकी मुझको भाती है........ ©Rampal Yadav #एक लडकी मुझको भाती हैं।। #Poetry #शायरी #New
Gupta Priya
समझो तो दुनिया बेहतरीन है ना समझो तो दुनिया ही तबाही है। ©Gupta Priya #Likho समजना।
mangalviras
आज का शमय जो वास्तविकता को दर्शाता है ः और वास्तविकता ये है की आज के समय मे किसी को मान सम्मान भी उसके रवये को देखकर देना पडता है ः नही तो बहुत सै कामयाब लोग हमारे द्वारा दिये जाने वाले मान सम्मान को भी गलत संज्ञा देकर उसका गलत मतलब निकाल कर हमे अपमानित कर देतै है ः ः।।मंगल विरास ।।ः ©mangalviras #Sachin समय को समजना
mangalviras
किताबों नै जिन्दगी को पडनै का और समजनै का मोका ही नही दिया बचपन खेलकूद मे बित गया और जब सै होंश संभाला तब सै किताबों मै ही अपनी किस्मत तरासतै रहै और समय हाथ सै निकलता चला गया और फिर गर परिवार बसा कर उसी को सजानै और संवारनै मै लग गयै और कब जिन्दगी अपनै आखरी पबाव पर आ गई कुछ पता ही नही चला और इस तर सै ना हम जिन्दगी का उद्देश्य समज सके और ना ही इस जिवन का महत्व समज सकै ः इसलिये हमै अपनै जिवन का पुरा समय एक ही काम मे ना बिताकर कुछ और भी सोचना चाहिए और करना चाहिए तभी हमै इस जिवन का महत्व समज मे आ पायेगा ः ः।।मंगल विरास ।।ः ©mangalviras #diary जिवन को समजना
Aniket Maskar
हो सके तो समजना मुझे... वरणा गलत समज के भूल जाणा.!!🥀 ©Aniket Maskar हो सके तो समजना.
Devyani Chugadia
इन्सान कैसा बना, उससे पहले कैसे बना.. यह सोच होगी तो इन्सान को ज्यादा समझोगे... #सोच #समजना #yqhindi #yqbaba
Baljit Singh
Heartbreak in 7 Words. वो मुझको जब भी लूटने आया उसे खुद के सिवा मुझमे ओर कुछ मिला ही नहीं एक बार नहीं वो बार बार आया इस बात का कभी कीया कोई गिला भी नहीं अब इस से ज्यादा उसे कैसे बताऊँ के मेरी मुहब्बत की हद कहा तक सीमित है उसके दीए जख्मो को भी सौगात समझा और कभी कोई जख्म सिला ही नहीं वो मुझको जब भी लूटने आया
( prahlad Singh )( feeling writer)
( मैं कर दूं कलम, दिलकस पत्थर को तोड़ने, आईना मुझको आया नहीं मैं कर दूं कलम, कलम बेबस स्याही को मुझको होठों से, कलम को पकड़ना भाया नहीं मेरी चलती डगर, मुझको मुझसे डराती डुबाती रही मेरे गिरते संभलते कदम को, गिरना अभी तक आया नही मुझको मेरे सफर में संभाला अभी तक, मुझसे बेहतर नही जिंदगी हंसते, संभलते, रोते, बिखरते, सफर में जीना किसी को आया नही ) ©( cop prahlad Singh )( feeling writer) जीना अभी तक मुझको आया नहीं
Kavita Vijaywargiya
ऐ लड़की , तुझे किसने हक दिया हम लड़कों के खिलाफ आवाज उठाने का हमारे बारे में बोलकर लोगों को भड़काने का आखिर किया ही क्या है तेरे साथ हमने लड़कियां तो बनी ही होती हैं केवल भोगने हमने तुझे भोगा तो क्या अपराध किया यह प्रथा तो पुरातन काल से चली आई है क्योंकि हम पुरूषों की नजर में ईश्वर ने स्त्रियां भोगने के लिए ही बनाई हैं !! ©Kavita Vijaywargiya #लडकी