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Mahadev Son
गर बिछड़ जाये लाल उसका क्षण भर के लिये माँ कमली कमली ढूंढ़दी फिरदी यहाँ तहाँ इस जग में पर लगता मैंनु मनालो त्वांनु जिन्ना वी तैनु फर्क नी पैंदा लगता मैंनु पथरों के विच बै बै के दिल भी तेरा पत्थरा दा हो गया सौगंध तुझको तेरे लाल की और न देरकर बस आजा अब न दे सज़ा न रुला अब और तरसा.... ©Mahadev Son गर बिछड़ जाये लाल उसका क्षण भर के लिये माँ कमली कमली ढूंढ़दी फिरदी यहाँ तहाँ इस जग में पर लगता मैंनु मनालो त्वांनु जिन्ना वी तैनु फर्क नी पै
love sayari @mb parmar
Sonu Sharma Tanha sst
💞सुन Pagali💞😔i miss you😔 सुन जल्दी से आजा ना तू मेरे पास मुझे तेरे सीने पर अपना सिर रख कर,, रात भर अपने दिल की हर बात करनी है और सुकून से एक सुकून भर नींद सोना है,!! ©Sonu Sharma Tanha sst #sonukipagali आजा yaara ab to
Gaurav ठाकुर
दुआ मे बड़ी असर थी मुझे फिर मिलाया किस्मत का अपना अलग जोर था गले लगाने को इस बार भी तरसे यार ©Gaurav ठाकुर #Hug #इंतजार #तरसे_दीदार_को #आजा गले से लगाले
Dil galti kr baitha h
orange string love light बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से। ©Dil galti kr baitha h बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से।
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
Instagram id @kavi_neetesh
समस्त माताओं , बहनों एवं बंधुओं को सुभाष चंद्र बोस जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ । सुभाष चंद्र बोस जी के नाम पर एक सुभाष चालिसा का प्रयास: दोहा अष्ट शताब्दी वर्ष तक , यह भारत रहा गुलाम । कभी मुगल कभी गोरे , रहे शासन ये अविराम ।। चौपाई जय सुभाष तेरा अभिनंदन । चरण तुम्हारे कोटिशः वंदन ।। जय जय हे वीर भारत नंदन । चीख पुकार सुने तुम क्रंदन ।। मुगल शासन निरंतर कीन्हा । ब्रिटेन पुर्तगाल शासन लीन्हा ।। अठारह शताब्दी औ सत्तावन । गोरे बने थे कंस बालि रावण ।। READ IN CAPTION........ ©Instagram id @kavi_neetesh विषय: सुभाष चन्द्र बोस जयंती या पराक्रम दिवस समस्त माताओं , बहनों एवं बंधुओं को सुभाष चंद्र बोस जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ । सुभाष चंद्र
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
बैठा हु आज तुम्हारे कमरे मे, तुझे छोड़ हर चीज वहा पाई है ।। हर दिन की तरह वहा आज भी मेरे रूह की घुटन, को ठीक हमनेसामने पाई है।। माँ आज तुम्हारी बहुत याद आई है !! माँ तुम बिन मुझे इस घर की अब वीरानगी खाये जाती ये दुनिया तेरे बेटे को कितना सताई है !! माँ ये कौन-सी दुनिया में खो गई है तू !! कि अब मेरी आवाज़ तुझ तक नही पहुंच पाई है !! कसम से माँ तेरी आज बहुत याद आई है !! दुनिया की भीड़ में एक अकेलापन महसूस करता हूं !! किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता मैं अब जीता हूं या मरता हूं !! माँ वापस आजा ना तुझ बिन ये ज़िन्दगी गुजारी नहीं जाती है !! सच में तुम्हारी आज बहुत याद आई है !! माँ तेरा प्यार से वो खाना खिलाना याद आता है !! मेरे घर आने पे तेरा यू जल्दी कुछ खाने को देना मां आज तेरी बहुत याद आई है मां वो बचपन का तेरी गोद में गुजरा ज़माना याद आया है !! माँ गर ज़रा भी चोट मुझे आती तो तू भी आंसुओ में भीग जाती थी !! और तकलीफ ज़रा भी होती मुझे तू पूरी रात मेरे पास बैठकर बिताती थी !! मेरी हर ज़िद के आगे तू हार जाती थी !! अब क्या हुआ माँ क्यों दूरी तूने मुझसे बनाई है!! अब तो लौट आ देख मेरी आँख भी भर आयी है !! अब क्यों मेरा दर्द तू समझ नहीं पाती है !! सच कह रहा हूं माँ तेरी आज बहुत याद आई है !! माँ मैं पहले जब भी कही बाहर जाता था !! तेरी दुआओं का एक साया मेरे साथ कदम बढ़ाता था !! तेरा हाथ जब मेरे सर पर था मैं हर मुसीबत से बच जाता था !! अब तो तेरा लाल तन्हा सा हो गया है !!बैठा हु आज तुम्हारे कमरे मे, तुझे छोड़ हर चीज वहा पाई है ।। हर दिन की तरह वहा आज भी मेरे रूह की घुटन, को ठीक हमनेसामने पाई है।। माँ आज तुम्हारी बहुत याद आई है !! माँ तुम बिन मुझे इस घर की अब वीरानगी खाये जाती ये दुनिया तेरे बेटे को कितना सताई है !! माँ ये कौन-सी दुनिया में खो गई है तू !! कि अब मेरी आवाज़ तुझ तक नही पहुंच पाई है !! कसम से माँ तेरी आज बहुत याद आई है !! दुनिया की भीड़ में एक अकेलापन महसूस करता हूं !! किसी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता मैं अब जीता हूं या मरता हूं !! माँ वापस आजा ना तुझ बिन ये ज़िन्दगी गुजारी नहीं जाती है !! सच में तुम्हारी आज बहुत याद आई है !! माँ तेरा प्यार से वो खाना खिलाना याद आता है !! मेरे घर आने पे तेरा यू जल्दी कुछ खाने को देना मां आज तेरी बहुत याद आई है मां वो बचपन का तेरी गोद में गुजरा ज़माना याद आया है !! माँ गर ज़रा भी चोट मुझे आती तो तू भी आंसुओ में भीग जाती थी !! और तकलीफ ज़रा भी होती मुझे तू पूरी रात मेरे पास बैठकर बिताती थी !! मेरी हर ज़िद के आगे तू हार जाती थी !! अब क्या हुआ माँ क्यों दूरी तूने मुझसे बनाई है!! अब तो लौट आ देख मेरी आँख भी भर आयी है !! अब क्यों मेरा दर्द तू समझ नहीं पाती है !! सच कह रहा हूं माँ तेरी आज बहुत याद आई है !! माँ मैं पहले जब भी कही बाहर जाता था !! तेरी दुआओं का एक साया मेरे साथ कदम बढ़ाता था !! तेरा हाथ जब मेरे सर पर था मैं हर मुसीबत से बच जाता था !! अब तो तेरा लाल तन्हा सा हो गया है !! वो तेरी मोहब्बतो का लम्हा ना जाने कहा खो गया है !! अब तो हर कदम पे मेरे साथ तन्हाई चलती है !! मैं भी चुप चाप सा रहता हूँ तेरी ख़ामोशी बहुत खलती है !! माँ तुम बिन मुझे इस घर की अब वीरानगी खाये जाती है !! माँ तुम अब लौट आओ ना सच में तुम्हारी बहुत याद आती है!! मेरे post status pe तेरा गौर करना क्या आज भी देखोगी जो तेरे लिए मैने ये जो सच बताई है ? ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS बैठा हु आज तुम्हारे कमरे मे, तुझे छोड़ हर चीज वहा पाई है ।। हर दिन की तरह वहा आज भी मेरे रूह की घुटन, को ठीक हमनेसामने पाई है।। माँ आज तुम्ह
Dil galti kr baitha h
बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से, हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से, तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले, कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से। ©Dil galti kr baitha h बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से, हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से, तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले, कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने