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Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
["मोहब्बत और रुसवाई"] "ग़ालिब, क्यों एक ही सवाल उठता है बार-बार मेरे ज़हन में? ग़ालिब, आखिर कौन चाहता है मोहब्बत में बार-बार रुसवा होना?" ©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #"मोहब्बत और #रुसवाई" #dodil #motivational shayari shayari #sad shayari in hindi
#"मोहब्बत और #रुसवाई" #dodil #Motivational shayari shayari #SAD shayari in hindi
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#Shayari nojoto चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं रुस्वाइया
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Unsplash चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची, तभी तो हों रहीं रुस्वाइयाँ है//२ कहीं पे रखके वो भुला मुहब्बत, वहीं से नफरतों की आगाजियां है//३ तुझे समझूँ,तुझे चाहूँ मुसलसल, यही तो इश्क़ की रुहानियां है//४ तेरे पहलु मे आके बैठ जाऊं, सनम दिल में तेरी रुमानियाँ है/५ न बन पाये जो तु मेरा कभी भी, मै समझूंगी तुझे दुश्वारियां है//६ लगी आतिश चमन मे बद-अम्न की, सुकून वालों को ही हैरानियां है//७ #Shamawtitesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #library #nojoto #shayari चमन मे चारसु चिंगारियां है, जिधऱ देखो,उधर बर्बादियां है//१ नोंचता है क्यूं गुलों को बनके गुल्ची,तभी तो हों रहीं
Rakesh frnds4ever
White मौत ने ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे रुस्तम को खाक में मिला डाला याद रख सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था दुनिया से दोनो हाथ खाली थे अब ना वो हलाकू है और ना उसके साथी हैं जंग जो न कोरस है और न उसके हाथी हैं कल जो तनके चलते थे अपनी शान-ओ-शौकत पर शमा तक नही जलती आज उनकी तुरबत पर अदना हो या आला हो सबको लौट जाना है - २ मुफ़्हिलिसों का अन्धर का कब्र ही ठिकाना है - २ जैसी करनी ... जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा सरको उठाकर चलनेवाले एक दिन ठोकर खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ ,,,,,,,,,,,,,,,,, 2 ,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever मौत ने #ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे #रुस्तम को खाक में मिला डाला याद रख #सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था #शान _ओ_शौकत पर शमा
Rakesh frnds4ever
White मैं बुरा था या भला था मुझे पता तो ना था मेरी वजह से शहर भर में कोई रुसवा तो ना था किसने चाहा था मुझे,,,,!!???? किसने चाहा था मुझे,,!!???? मैं ये नहीं जानता लेकिन मेरे अलावा कहीं मेरा कोई भी ना था ,... ©Rakesh frnds4ever #मैं #बुरा था या #भला था मुझे पता तो ना था मेरी वजह से शहर भर में कोई #रुसवा तो ना था किसने #चाहा था #मुझे ,,,,!!???? किसने चाहा था मुझे