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अनिल कसेर "उजाला"

महल

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Himanshu Prajapati

#coldnights हवा सा हो‌ गया है ये महल, अब सब हकीकत से डरते हैं..! #36gyan #hpstrange

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हवा सा हो‌ गया है ये महल, 
अब सब हकीकत से डरते हैं..!

©Himanshu Prajapati #coldnights हवा सा हो‌ गया है ये महल, 
अब सब हकीकत से डरते हैं..!
#36gyan #hpstrange

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_qoute एक अधूरा सफ़र एक सफ़र अधूरा रहा, ख्वाहिशों का साथ छूट गया। मंज़िल मेरी रूठ गई, मैं खुद से ही तो रूठ गया।

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White एक अधूरा सफ़र

एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

दरिया में कश्ती डूब गई,
पतवार मेरी टूट गई।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।

ख़्वाब सजाए आँखों ने,
एक पल में सब टूट गया।
सफ़र पर निकला जब,
खुद ही रास्ता भटक गया।

रुका मैं अभिलाषा में,
मुश्किल दौर से गुज़र गया।
माया के भंवर में फँसकर,
भरी ज्येष्ठा में सर्द सा सिहर गया।

एक महल बनाया रेत सा,
जो पल भर में ढह गया।
ख़्वाबों की दीवारें टूटीं,
और दिल भी कहीं बह गया।

साथ किसी का छूट गया,
दर्द सा दिल में बैठ गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।

दिल मासूम फिर से टूट गया,
मंज़िल मेरी फिर छूट गई।
महबूब मुझसे रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute  
एक अधूरा सफ़र

एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।

theABHAYSINGH_BIPIN

#moon_day उनके वास्ते हमने गुनाह भी किये, ज़िंदगी में हमने कई चुनाव भी किये। चुना था एक आशियां शहर में, पर उस महल से दरकिनार भी किये। कुछ

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White उनके वास्ते हमने गुनाह भी किये,
ज़िंदगी में हमने कई चुनाव भी किये।
चुना था एक आशियां शहर में,
पर उस महल से दरकिनार भी किये।

कुछ एक ही तो ख़्वाहिशें जगी थीं,
अरमानों को ज़िंदा दफ़न भी किये।
उनके लिए हमने खुद को भुला दिया,
फिर भी हर लम्हा बेज़ुबान भी किये।

©theABHAYSINGH_BIPIN #moon_day 
उनके वास्ते हमने गुनाह भी किये,
ज़िंदगी में हमने कई चुनाव भी किये।
चुना था एक आशियां शहर में,
पर उस महल से दरकिनार भी किये।

कुछ

theABHAYSINGH_BIPIN

#Book प्यार निभाना पड़ता है, दुःख हज़ार हो मगर, हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है। दिल में दबे ज़ज़्बातों को, एहसास कराना पड़ता है।

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Unsplash प्यार निभाना पड़ता है,
दुःख हज़ार हो मगर,
हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है।
दिल में दबे ज़ज़्बातों को,
एहसास कराना पड़ता है।

मोहब्बत सच्ची हो, मगर
विश्वास बनाना पड़ता है।
मोम सा है रिश्ता प्यार का,
ख़ुद को पिघलाना पड़ता है।

उस चाँद के दीदार में,
नींदें गवानी पड़ती हैं।
आसान नहीं है मोहब्बत,
इंतेहा से गुजरना पड़ता है।

जो खो गए हैं मैं की आड़ में,
मैं' से 'हम' में बदलना पड़ता है।
इश्क़ का हाल बुरा है,
आँखों को सुँझाना पड़ता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Book 

प्यार निभाना पड़ता है,
दुःख हज़ार हो मगर,
हर हाल में मुस्कुराना पड़ता है।
दिल में दबे ज़ज़्बातों को,
एहसास कराना पड़ता है।

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज, भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए। दो वक्त की सिर्फ रोटी, या थोड़ा सा अनाज चाहिए। महल नहीं, एक छत का

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न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज,
भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए।
दो वक्त की सिर्फ रोटी,
या थोड़ा सा अनाज चाहिए।

महल नहीं, एक छत काफी है,
आराम नहीं, बस राहत काफी है।
सुकून की तलाश में भटक रहा हूँ,
खाली पेट को बस बरकत काफी है।

न शानो-शौकत, न चाहत बड़ी,
बस इंसान की भूख मिट जाए।
जिंदगी की असली हकीकत यही,
कि पेट भरे, तो सुकून आ जाए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज,
भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए।
दो वक्त की सिर्फ रोटी,
या थोड़ा सा अनाज चाहिए।

महल नहीं, एक छत का

Anuradha T Gautam 6280

#दयावान मुझे नहीं चाहिए धन और दौलत,महल अटारी मेरे कोई काम नहीं मुझे इंसान चाहिए किसी का अहसान नहीं ईमान निभा सको पर सच्चा मेहरबान वही

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theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari उतार शराफत का मुखौटा कभी, सच्चाई से भी सामना कर। बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में, बस मंज़िल की बात किया कर। मानता हूँ, लोग कर

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White उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग करते हैं बातें हज़ार,
बस अपने सफर का इरादा कर।
मुश्किलें बहुत हैं, पर हार न मान,
मायूसियों को हंसकर दूर किया कर।

थाम ले एक बार फिर से हाथ,
यूँ बार-बार ना हाथ छुड़ाया कर।
उकेर दे आसमान में अपनी तस्वीर,
अपने महबूब पर ऐतबार किया कर।

होने दे चर्चे अपने इश्क़ के यार,
ऐसी बातों से तू ना घबराया कर।
नकार दे दुनियादारी की बातों को,
इश्क़ की धुन यूँ ही गुनगुनाया कर।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 
उतार शराफत का मुखौटा कभी,
सच्चाई से भी सामना कर।
बारिश हो या आँधियाँ रास्ते में,
बस मंज़िल की बात किया कर।

मानता हूँ, लोग कर

F M POETRY

#मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...

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Unsplash मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है..

पर तेरे महल से खिड़की नज़र नहीं आती..

यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #मेरी खिड़की से तेरा महल नज़र आता है...
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