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Sundaram
White अहम मिट जाने से आत्मा प्रकट होती है। ©Sundaram #short_shyari अहंकार से आत्मा कि और।।।
#short_shyari अहंकार से आत्मा कि और।।।
read morePФФJД ЦDΞSHI
White आत्मा होते हुऐ भी आत्मा नहीं यानि दया नहीं प्यार नहीं करुणा नहीं ऐसे व्यक्ति जीवित होते हुऐ भी जीवित नहीं जो खुदगर्ज हो मतलबी हो अपना स्वार्थ ही देखते हो, किसी क़ो दुख मे देख कर मू फेर लेते हो ऐसे लोग भी है जहाँ मे आप तो ऐसे नहीं?? अगर सब ऐसे हो जाए तो प्यार विश्वास और मानवता मिट्टी मे मिल जाए कोई किसी पर एतबार ना कर सके....... ©PФФJД ЦDΞSHI #sad_shayari #आत्मा
Gondwana Sherni 750
तुमने समझा हम हार जायेगे बिखर जायेगे तुमने हमारे जर जंगल जमीन को छीना हमारे बहन बेटियों के साथ शोषण अत्याचार किया हमारा सहारा छीना हमारे इच्छाओं को छीना यहां तक कि घर गांव भी छीन लिया हमारे लोगो को खरीदा मालिक से नौकर बना दिया हमारी नीद छीनी चैन,सुकुन छीना हमारे लोगो को अपने लोगो से दुश्मनी करना सिखाया और मरने के लिए छोड़ दिया कभी नक्सली के नाम से कभी गैर कानूनी तरीके के नाम से लोगो को मारना चालू कर दिया कभी फेक वायरस के नाम पे कभी वेक्सीन के नाम पे कभी हार्प के नाम से कभी 5 जी रेडिएशन के नाम से तुम्हे लगा हम हार मान लेंगे लेकिन ये हम स्पष्ट बताना चाहते हैं की ना कभी हमने हार माना है और ना कभी हम हार मानेंगे विद्रोही क्रान्तिकारी ✍️✍️ @preeti_uikye750 29/05/24 ©Gondwana Sherni 750 विद्रोही की कलम
विद्रोही की कलम #विचार
read moreअज्ञात
सुनते हो ए कलम, आज जब मैंने अपने आप को दर्पण मे देखा तो घबरा गया.. मैंने देखा मेरे सर रूपी काली घटाओं को चीरते हुए मानो दूज का चाँद निकल आया हो और अपनी चांदनी की छटा सर के चारों तरफ बिखेरने को आतुर हो..! वहीं जब अपने चेहरे को देखा तो उसमे भी कहीं कहीं दाग धब्बे गड्ढे दिखे और अजीब सी एक उदासी सी छा रही थी..! ए कलम मानो दर्पण मुझसे कह रहा हो कि अब कलम का साथ छोड़ और तुलसीमाला हाथ मे ले ले..! यूँ आभास होते ही मैं बेचैन हो गया और यकायक दर्पण से बोल उठा.. ए दर्पण मेरे थोड़ा वक़्त दे,.. थोड़ा वक़्त दे.. अभी तक मुझे मेरी अंतरप्रेरणा का दीदार तक नहीं हुआ है.. बस एक बार उसका दीदार कर लूँ फिर तेरे सारे इशारों को सहर्ष स्वीकार कर लूंगा... और मानो दर्पण ने मेरी विस्मृति पर कटाक्ष करते हुए मुझे आगाह किया हो कि-"मत भूल दीदार और श्रृंगार के लिए मुकर्रर वक़्त इस जन्म मे नहीं अगले जन्म का है इसलिये अपने आप को बैचैन मत कर..! " इतना सुनते ही मानो मैंने दर्पण से मुख मोड़ लिया और तुमसे मेरे अंतर के द्वन्द बताने चला आया.. क्या तुम भी यह मान चुके हो कि अब मैं उस अवस्था के पायदान चढ़ने लगा हूँ जहाँ से वापस उतरा नहीं जा सकता..? और अगर मेरी देह अपने चरम को पा रही है तो क्या मुझे अपनी अंतरप्रेरणा से मुख मोड़ लेना चाहिए, ये किस अवस्था में आ पड़ा हूँ, क्या अब उसे भुलाना होगा मुझे..? क्या अब उसके रूप लावण्य पर, उसके सौंदर्य पर,उसके मनमोहक स्वरूप पर,स्वभाव पर लिखना अशोभनीय सा लगेगा..? या ऐसा करने से मुझे या उसे कोई क्षोभ हो सकता है...? ना जाने कितने सवाल मेरे अंतर को वेधे जा रहे हैं..! मैं उसे अपने अंतर से कैसे विदा कर पाउँगा कलम...नहीं नहीं मैं तो उसे एक पल भी दूर न कर पाउँगा। तुम तो मेरे पग पग के साथी रहे हो.. तुमसे क्या छिपा है कलम..! मैं तुमसे पूछता हूँ,बस मुझे इतना बता दो मेरी अंतरप्रेरणा मेरी इस बूढ़ी होती देह को देखकर मुझसे दूर तो नहीं हो जायेगी..! वो मेरे पास ही रहेगी ना..? बोलो ना कलम..! मेरे पास..! क्यूंकि मेरे पास केवल वही है जो मेरे जीने का आधार है। ©अज्ञात #कलम
Gyan Bdr Adhikari
Black [आत्मविश्वास की ताकत ] जब काम करने की ईच्छा शक्ति प्रकट होता है आत्मा विश्वास से हारा हुआ इंसान भी जीत हासिल कर सकता है मनोबल केंद्रित प्रयास से दुनियाको सुना पसंद नहि हर चीज नयन से देखना पसंद खुद को पहचानो पेहेले खुदमे है शिक्षा की भूमिका अखद ।। भारत देश देवो भूमी का शान है युग युग करना है सब मिलके गरीब मानव का संयोग नारी जाती की सबसे महान उपहार उनको सम्मान देना सदैव आपनी हृदय और दृष्टिकोण को सु विचारो से भरना ।। गुरु असल ओ है जो निःस्वार्थ सरल स्भाव से शिक्षा प्रदान करे छात्र छात्री असल ओ है जो गुरु की आदर उपदेश का पालन करे आत्मा विश्वास खुद मे ही होना पड़ेगा ध्यान योग कला से आपना नाम श्रेष्ठ होता है सत्य दिशा राष्टीय हित सु -कर्म से ।। ज्ञान बहादुर अधिकारी गांव- नेपाली पथार , गमिरि जिला- विश्वनाथ (असम) भारत ©Gyan Bdr Adhikari #आत्मा विश्वास की ताकत
PФФJД ЦDΞSHI
White आत्मा एक चोला हैं शरीर मरते हैं आत्मा जिन्दा रहती हैं कोई भी जीव हो सब के साथ ऐसा होता हैं हम अगर किसी की आत्मा क़ो अपने स्वार्थ की वज़ह से जुदा करते हैं तो हम गहन पाप के अधिकारी हैं क्यो कि सभी क़ो अपने जीवन से प्यार होता हैं सब जीना चाहते हैं बस ये समझ लो कि आप अपराध बोध से गसित तब होगे जब आप की आत्मा खुद आप क़ो धिकारेगी गाली देगी कि ये तूने क्या किया,धरती पर आना जाना लगा रहेगा क्यो कि इसके proof हैं इस बात क़ो नकार नहीं सकते, सुखमय जीवन का यही सार, जीवन अपना रहे सुन्दर हर बार, शांत हो मन आत्मा हर बार..... ©PФФJД ЦDΞSHI #Atma #आत्मा #pujaudeshi
#Atma #आत्मा #pujaudeshi #विचार
read moreSarkaR
कलम हमारी चलती है करीबी दुनिया देख कर। ज़ालिम दुनिया ने हमे ही किरदार बना दिया। ©SarkaR #कलम