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Anamika

#मर्द #यौवन #दुपट्टा #यथार्थता #सत्यता कुछ आंखों देखा तो लिख दिया , कृपया व्यक्तिगत न समझे कोई.. #जीवनव्यापार #समाज_की_हकीकत

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मर्द..

कसे कपड़ों में ताड़ता यौवन है पंसद,
अम्मी का बिन दुपट्टे चौखट लांघना है पांबद ..





 #मर्द
#यौवन
#दुपट्टा 
#यथार्थता 
#सत्यता 
कुछ आंखों देखा तो लिख दिया , कृपया व्यक्तिगत न समझे कोई..
#जीवनव्यापार 
#समाज_की_हकीकत

Anamika

#थूक #रोटी #बोटी #यथार्थता सबैया की कहानी,उसी की जुबानी.. कल से घूम रहा यही प्रश्न, कब सिलसिला होगा ये बंद #मर्म

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उसने.. 
रोटी की खातिर सटका थूक..
 वो..
 चाट बोटी फिर गया उसपे थूक..
 #थूक
#रोटी
#बोटी
#यथार्थता 
सबैया की कहानी,उसी की जुबानी..
कल से घूम रहा यही प्रश्न,
कब सिलसिला होगा ये बंद
#मर्म

Motivational indar jeet group

#जीवन दर्शन 🌹 आदर्शों की परिपक्वता के लिए यह आवश्यक है कि उनके प्रति निष्ठा की गहराई को खरे खोटे होने की यथार्थता समझी जा सके !.i. j #विचार

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जीवन दर्शन 🌹
आदर्शों की परिपक्वता के लिए यह आवश्यक है कि उनके प्रति निष्ठा की गहराई को खरे खोटे होने की यथार्थता समझी जा सके !.i. j

©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹
आदर्शों की परिपक्वता के लिए यह आवश्यक है कि उनके प्रति निष्ठा की गहराई को खरे खोटे होने की यथार्थता समझी जा सके !.i. j

Paramjeet kaur Mehra

तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी ने गीता की यथार्थता बताई है और यह भी सिद्ध किया कि अन्य सभी धर्मगुरुओं ने गीता जी के श्लोकों का अनर्थ किया #Shayari #nojotophoto

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 तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी ने गीता की यथार्थता बताई है और यह भी सिद्ध किया कि अन्य सभी धर्मगुरुओं ने गीता जी के श्लोकों का अनर्थ किया

Hariom

#Prophecies_About_SantRampalJi बेटा बेटी एक समान’ इस नारे को यथार्थता के धरातल पर स्थापित करना संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है। इसी क #जानकारी

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संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है कि दहेज के नाम पर किसी बेटी को प्रताड़ित न किया जाये। इसी के तहत संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में हजारों दहेज मुक्त विवाह संपन्न किये जा चुके हैं। जिससे समाज में दहेज प्रथा के समाप्त होने की आस जग चुकी है। 😭😢😢😢

©Hariom #Prophecies_About_SantRampalJi
बेटा बेटी एक समान’ इस नारे को यथार्थता के धरातल पर स्थापित करना संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है। इसी क

AwadheshPSRathore_7773

"न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाकात की" बहुत ही जल्द इस गजल की यथार्थता से भी परिचित करवाने वाला हूं आपको बस थोड़ा इंतजार #शायरी

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Pnkj Dixit

🚩🇮🇳🚩 मनुष्य को राजहंस की तरह नीर - क्षीर विवेक करना चाहिए और जो उत्कृष्ठ है , उसी को हठ - पूर्वक ग्रहण करना चाहिए । जिस प्रकार सूर्य मे गर्

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🚩🇮🇳🚩

मनुष्य को राजहंस की तरह नीर-क्षीर  विवेक करना चाहिए 
और जो उत्कृष्ठ है,उसी को हठपूर्वक ग्रहण करना चाहिए। 
जिस प्रकार सूर्य मे गर्मी और रोशनी दो गुण हैं 
उसी प्रकार सत्य में दो प्रवृत्तियों का समन्वय है
 एक यथार्थता,दूसरी मंगलोन्मुख न्यायनिष्ठ दूरदर्शिता। 
इन दोनों का समन्वय ही पूर्ण सत्य है, 
एकांगी तो अधूरा रहता है । 
जय श्री राम 🚩

©Pnkj Dixit 🚩🇮🇳🚩
मनुष्य को राजहंस की तरह नीर - क्षीर  विवेक करना चाहिए और जो उत्कृष्ठ है , उसी को हठ - पूर्वक ग्रहण करना चाहिए । जिस प्रकार सूर्य मे गर्

Pnkj Dixit

मनुष्य को राजहंस की तरह नीर - क्षीर विवेक करना चाहिए और जो उत्कृष्ठ है , उसी को हठ - पूर्वक ग्रहण करना चाहिए । जिस प्रकार सूर्य मे गर्मी

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#OpenPoetry मनुष्य को राजहंस की तरह नीर - क्षीर  विवेक करना चाहिए
और जो उत्कृष्ठ है , उसी को हठ - पूर्वक ग्रहण करना चाहिए ।
जिस प्रकार सूर्य मे गर्मी और रोशनी दो गुण है , 
उसी प्रकार सत्य में दो प्रवृत्तियों का समन्वय है , 
एक - यथार्थता , दूसरी -- मंगलोन्मुख न्यायनिष्ठ दूरदर्शिता ।
इन दोनों का समन्वय ही पूर्ण सत्य है, 
एकांगी तो अधूरा रहता है । 
।।
जय श्री राम  🚩🕉️

०२/०८/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' मनुष्य को राजहंस की तरह नीर - क्षीर  विवेक करना चाहिए
 और जो उत्कृष्ठ है , उसी को हठ - पूर्वक ग्रहण करना चाहिए ।
 जिस प्रकार सूर्य मे गर्मी

AK__Alfaaz..

सर्वप्रथम प्रणाम 🙏अपनी #अंजू_सिंह_दीदी को.. यह रचना जो हमने लिखी है वह पूरी तरह अपनी दीदू की एक रचना से प्रेरणा पाकर प्रेरित होकर लिखी है.. #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqdada #yqhindi #yqquotes #yqdiary

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खुद मे ही..,
खुद उलझ रहा हूँ..,
जो बाकी था..,
आजकल लिख रहा हूँ..,
अपनी कैफियत-ऐ-जिन्दगी का..,
कुछ हिसाब कर रहा हूँ..,
आज जमाना क्या सोचता मेरे बारे मे..,
अपनी हैसियत का..,
वो इल्ज़ाम लिख रहा हूँ..,
बेहतर रही जिन्दगानी या बद्दतर..,
जो भी थी जैसी भी थी..,
आखिरी साँसों पर..,
बस उसका अब..,
एक और कलाम लिख रहा हूँ.., सर्वप्रथम प्रणाम 🙏अपनी #अंजू_सिंह_दीदी को.. यह रचना जो हमने लिखी है वह पूरी तरह अपनी दीदू की एक रचना से प्रेरणा पाकर प्रेरित होकर लिखी है..
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