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Kumar Lalit
मरुधरा तुझ पर न्यौछावर मेरा सुख ओर चैन है प्रेम तेरे आँचल से मिट्टी में माँ की गोद सा दुलार है #राजस्थान-दिवस🙏 #NojotoQuote #राजस्थान #30मार्च #30march धरती धोरां री ! ईं नै मोत्यां थाल बधावां, ईं री धूल लिलाड़ लगावां, ईं रो मोटो भाग सरावां, धरती धोरां री !
Star Goyal
Monu
धरती धोरां री, आ तो सुरगां नै सरमावै, ईं पर देव रमण नै आवै, ईं रो जस नर नारी गावै, धरती धोरां री! सूरज कण कण नै चमकावै, चन्दो इमरत रस बरसावै, तारा निछरावळ कर ज्यावै, धरती धोरां री ! काळा बादळिया घहरावै, बिरखा घूघरिया घमकावै, बिजळी डरती ओला खावै, धरती धोरां री! ©Monu धरती धोरां री, राजस्थान poonam atrey रविन्द्र 'गुल' ek shayar भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Aदिtya lयस्य न कश्चित् संजय सिंह भदौरिया #viral #ला
Divyanshu Pathak
मैं दादूजी का ज्ञान और पन्ना का बलिदान हूँ ! मैं राणा की रणनीति हूँ हार कभी नही मानूँगा मैं मीरा का प्रेम अनोखा विष अमृत कर डालूँगा मैं जौहर पद्मावत का ,है स्वाभिमान जीवन मेरा मैं मान और मर्यादा का अभिमान हूँ, हाँ मैं रंगीला राजस्थान हूँ । सुप्रभातम साथियो...😊 30-मार्च हमारे लिए विशेष महत्व की तारीख़ है । इसी दिन बर्ष 1949 में - जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय
Suman Rakesh Shah
जिस धरती पर जन्म लिया जिस गोद में बचपन पला वहां के संस्कार धन्य हैं उसको हृदय से नमन करती हूँ जिसके नाम से ही सिर झुक जाते है ऐसे वीरों की धरती ऐसी मेरी धरती धोरां री...सुमन धरती धोरां री ! आ तो सुरगां नै सरमावै, ईं पर देव रमण नै आवै, ईं रो जस नर नारी गावै, धरती धोरां री !............ खम्मा घणी सा कन्हैया लाल से
Sunita Bishnolia
मैंने मेहनत करना सीखा, लड़ना सीख न पाई जो मुझको मिलता मेहनत से पाकर खुशी मनाई जीवन के संघर्षों में ठोकर पग-पग पर मिलती है सुख-सुविधाएँ होतीं क्या हैं मैं अब तक जान न पाई। #दर्शन--धरती धोरां री हर वर्ष की भाँति इस बार भी 'शिक्षक दिवस' से पूर्व शैक्षणिक भ्रमण हेतु छात्रों को ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन श्रृंखला में
Asrahul
#5LinePoetry पानी की उठती तेज लहर, किरणों से घिरती देख पहर, कोयल की कू कू की सरगम, मध्यम चलती मनमोह पवन। पत्तो का ये इठलाता पन, घायल होता ये मेरा मन, फूलो की महक का इतराना, पानी में झलकता दीवाना, इन लफ्जो में क्यों जान पिरो, दिल का नजराना लिखता है, धरती को खुदको सौंप कर, ये शाम घराना लिखता है।। ©Asrahul धरती
Ayushi Dixit
खुद को सवारा था मेने सुहागन की तारहा... की प्रकृति भी देख चमकने लगी थी। पर पता नही अब लोग कहते है में सुहागन नही रही.... "धरती" #धरती
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
तुम जब दुनियामें नहीं थे... तब भी मैं मौज़ूद थी..। जब तुम नहीं रहोगे ... तब भी मेरा वज़ूद रहेगा..। ऎ इनसान.... तुम्हारॆ होने या ना होने से.. मेरा कुछ बिगड़ता नहीं..। अपने होने पे तुम्हें... ज्यादा इतराने की जरूरत नहीं..। धरती