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Cricket For you

ये घातक प्लेयर बना काव्या मारन की SRH टीम का नया कप्तान😱 #Shorts #Cricket #cricketlover #cricketers #Reels #viral #Sports

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Itsdessichhora

असलियत दिखाओ लोगो न ना इज्ज़त उनपे वारो,काढ बगाओ हर घर से ये शर्म के झंडे तारो, जिस-जिस भारत देश का नाम मिट्टी में मिलाया है, मने मारन से पह

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by:- itsdessichhora असलियत दिखाओ लोगो न ना इज्ज़त उनपे वारो,काढ बगाओ हर घर से ये शर्म के झंडे तारो,
जिस-जिस भारत देश का नाम मिट्टी में मिलाया है, मने मारन से पह

Rahul Pawar

जर कुणाला मारन गुन्हा आहे, तर इच्छेला मारन गुन्हा का नाही. जर कुणा विरोधात आवाज उठवणे गुन्हा आहे, तर शांत बसणे सुधा गुन्हा आहे. शरीराला विक #Society #coldnights

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जर कुणाला मारन गुन्हा आहे,
तर इच्छेला मारन गुन्हा का नाही. 
जर कुणा विरोधात आवाज उठवणे गुन्हा आहे,
तर शांत बसणे सुधा गुन्हा आहे.
शरीराला विकणे  सुधा गुन्हा आहे,
मग श्रीमंतानी गरीबाची स्वप्ने विकणे गुन्हा का नाही.
चोरी करणे गुन्हा आहे, पण भूक लागली असता, अन्न चोरणे गुन्हा कस काय असू शकते,
शिक्षण नाही मिळाल्यास, चोरुन वाचलेली पुस्तके,
त्यातून मिळवलेल द्यान गुन्हा कस काय असू शकत.
आणि हा गुन्हा आहे म्हणणाऱ्या व्यक्तीला निर्दोश म्हणणे कितपत योग्य.
कुणाला फाशी देणे गुन्हा आहे,
गुन्ह्यासाठी फाशी देणे गुन्हा आहे.
पण भावनांचा गळा घोटने गुन्हा का नाही

©Rahul Pawar जर कुणाला मारन गुन्हा आहे,
तर इच्छेला मारन गुन्हा का नाही. 
जर कुणा विरोधात आवाज उठवणे गुन्हा आहे,
तर शांत बसणे सुधा गुन्हा आहे.
शरीराला विक

Bazirao Ashish

. "शशांक" तुम हो कितने निर्मल शशांक! तुम हो बिल्कुल भोले मृगांक! कोई कहे चन्दा मामा तुमको कोई पुकारे चौदहवीं का चाँद। तुम तिल-तिल घट #कविता

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"शशांक"

 तुम हो कितने निर्मल शशांक!
तुम हो बिल्कुल भोले मृगांक!
कोई कहे चन्दा मामा तुमको
कोई पुकारे चौदहवीं का चाँद।
तुम तिल-तिल घटते
तिल-तिल बढ़ते।
हो सोलह कलाओं के कलानिधि शशांक!
निशा काल तुम हिम समान
तुम ही हो रजनीपति महान
 तुम हो राका के ईश सदा
तुम पूरण दिखते यदा कदा।
तुम आते सदा अँधेरों में
सुधि लेने विपदा के घेरों में।
 जीव जन्तु सब सो जाते हैं
तुम्हरे ही पावन पहरों में।
तुम हो कितने निर्मल शशांक!
तुम हो बिल्कुल भोले मृगांक!

~●आशीष●द्विवेदी●

©Bazirao Ashish .         "शशांक"
तुम हो कितने निर्मल शशांक!
तुम हो बिल्कुल भोले मृगांक!
कोई कहे चन्दा मामा तुमको
कोई पुकारे चौदहवीं का चाँद।
तुम तिल-तिल घट

Vedantika

♥️ आइए लिखते हैं मुहावरेवालीरचना_434 👉 टुकड़े दे दे बछड़ा पाला सींग लगे तब मारन चाला लोकोक्ति का अर्थ - कृतघ्न व्यक्ति ♥️ इस पोस्ट को हाई

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टुकड़े दे दे बछड़ा पाला बड़ा हुआ तो मारन चाला।
हम तो सोच रहे हैं किस जन्म का बदला निकाला?

कितने जतन किए थे हमने इसके लाड़ लड़ाने में।
कितने नश्तर छुपाकर रखे थे दिल के तहखाने में।

बड़ा हो मौकापरस्त बन उसने खंज़र घोंप दिया।
हमारी नींदों की कीमत पर उसने जीवन ले लिया।

हमारे प्यार को उसने अपने स्वार्थ तले रौंद डाला।
हमारे लिए जहर बन गया उसके मुँह का निवाला।

न करेगा कोई भी यकीन अब किसी बेगाने पर।
वरना सफ़र खत्म होगा तुम्हारा अज़ा-ख़ाने पर। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_434

👉 टुकड़े दे दे बछड़ा पाला सींग लगे तब मारन चाला लोकोक्ति का अर्थ - कृतघ्न व्यक्ति

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Dr Upama Singh

♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_434 👉 टुकड़े दे दे बछड़ा पाला सींग लगे तब मारन चाला लोकोक्ति का अर्थ - कृतघ्न व्यक्ति ♥️ इस पोस्ट को हाई #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़

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अपनी दिमाग की ना सोच हृदय की बात मानी
कुछ लोग के लिए कितना भी कर दो नेकी
वही लोग अक्सर धोखा देते 
आ बैल मुझे मार की बात सच करते
बाद में होता बहुत पछतावा 
मन में बस एक ही बात आता
टुकड़े दे दे बछड़ा पाला 
बड़ा हुआ तो मारन चाला

 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_434

👉 टुकड़े दे दे बछड़ा पाला सींग लगे तब मारन चाला लोकोक्ति का अर्थ - कृतघ्न व्यक्ति

♥️ इस पोस्ट को हाई

Ashok Mangal

♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_434 👉 टुकड़े दे दे बछड़ा पाला सींग लगे तब मारन चाला लोकोक्ति का अर्थ - कृतघ्न व्यक्ति ♥️ इस पोस्ट को हाई #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़

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ख़ुदगर्जी में विश्व समूचा, डूब डूब इतराये ।
सांप डसे बिन न रहे, चाहे जितना दूध पिलाये ।। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_434

👉 टुकड़े दे दे बछड़ा पाला सींग लगे तब मारन चाला लोकोक्ति का अर्थ - कृतघ्न व्यक्ति

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Aparna Shambhawi

कागा read in caption #poem #Hindi #Nojoto #piya #Love #intezaar Nitish Sagar Vandana Bhardwaj Nojoto Nojoto Hindi कागा बोलो ना मेरी अँगिय

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 कागा 
read in caption
#poem #hindi #nojoto #piya #love #intezaar Nitish Sagar Vandana Bhardwaj Nojoto Nojoto Hindi 

कागा बोलो ना मेरी अँगिय

Vikas Sharma Shivaaya'

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:। ” ॐ क्रीं क्रीं कालभैरवाय फट “ “मैया मोहि दाऊ बहुत #समाज

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ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।


” ॐ क्रीं क्रीं कालभैरवाय फट “


“मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायौ-मोसौं कहत मोल कौ लीन्हौ, तू जसुमति कब जायौ?

कहा करौं इहि के मारें खेलन हौं नहि जात-पुनि-पुनि कहत कौन है माता, को है तेरौ तात?

गोरे नन्द जसोदा गोरी तू कत स्यामल गात-चुटकी दै-दै ग्वाल नचावत हँसत-सबै मुसकात।

तू मोहीं को मारन सीखी दाउहिं कबहुँ न खीझै-मोहन मुख रिस की ये बातैं, जसुमति सुनि-सुनि रीझै।

सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई, जनमत ही कौ धूत-सूर स्याम मौहिं गोधन की सौं, हौं माता तो पूत॥ “


इस दोहे में, श्रीकृष्ण ने अपनी माँ यशोदा से शिकायत की कि उनके बड़े भाई बलराम उन्हें बहुत चिढ़ाते हैं। वे अपनी मां से कहते हैं कि आपने मुझे पैसे देकर खरीदा है, मैंने जन्म नहीं दिया है। इसलिए मैं बलराम के साथ खेलने नहीं जाऊंगा। बलराम बार-बार श्री कृष्ण से पूछते हैं कि आपके असली माता-पिता कौन हैं? वह मुझे बताता है कि नंद बाबा और मैया यशोदा गोरे हैं लेकिन मैं काला कैसे हूं? वह बार-बार नाचता है। यह सुनकर सभी चरवाहे भी हंस पड़े।


🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।


” ॐ क्रीं क्रीं कालभैरवाय फट “


“मैया मोहि दाऊ बहुत

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुन्दरकांड 🙏 दोहा – 23 अभिमान और अहंकार त्याग कर भगवान् की शरण में मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान। भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान #समाज

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🙏सुन्दरकांड 🙏
दोहा – 23
अभिमान और अहंकार त्याग कर भगवान् की शरण में
मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान।
भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान ॥23॥
हे रावण! मोह् का मूल कारण और
अत्यंत दुःख देने वाली अभिमान की बुद्धि को छोड़ कर कृपा के सागर भगवान् श्री रघुवीर कुल नायक रामचन्द्रजी की सेवा कर ॥23॥
(मोह ही जिनका मूल है ऐसे बहुत पीड़ा देने वाले, तमरूप अभिमान का त्याग कर दो)
श्री राम, जय राम, जय जय राम

हनुमानजी के सच्चे वचन अहंकारी रावण की समझ में नहीं आते है
जदपि कही कपि अति हित बानी।
भगति बिबेक बिरति नय सानी॥
बोला बिहसि महा अभिमानी।
मिला हमहि कपि गुर बड़ ग्यानी॥
यद्यपि हनुमान जी रावण को अति हितकारी और भक्ति, ज्ञान,धर्म और नीति से भरी वाणी कही,परंतु उस अभिमानी अधम के उसके कुछ भी असर नहीं हुआ॥इससे हँसकर बोला कि हे वानर!आज तो हमको तु बडा ज्ञानी गुरु मिला॥

रावण हनुमानजी को डराता है
मृत्यु निकट आई खल तोही।
लागेसि अधम सिखावन मोही॥
उलटा होइहि कह हनुमाना।
मतिभ्रम तोर प्रगट मैं जाना॥
हे नीच! तू मुझको शिक्षा देने लगा है.
सो हे दुष्ट! कहीं तेरी मौत तो निकट नहीं आ गयी है?॥रावण के ये वचन सुन हनुमान्‌ ने कहा कि इससे उलटा ही होगा (अर्थात् मृत्यु तेरी निकट आई है, मेरी नही)।हे रावण! अब मैंने तेरा बुद्धिभ्रम (मतिभ्रम) स्पष्ट रीति से जान लिया है॥

रावण हनुमानजी को मारने का हुक्म देता है
सुनि कपि बचन बहुत खिसिआना।
बेगि न हरहु मूढ़ कर प्राना॥
सुनत निसाचर मारन धाए।
सचिवन्ह सहित बिभीषनु आए॥
हनुमान्‌ के वचन सुन कर रावण को बड़ा कोध आया,जिससे रावण ने राक्षसों को कहा कि हे राक्षसो!
इस मूर्ख के प्राण जल्दी ले लो अर्थात इसे तुरंत मार डालो॥इस प्रकार रावण के वचन सुनते ही राक्षस मारने को दौड़ें तब अपने मंत्रियोंके साथ विभीषण वहां आ पहुँचे॥

विभीषण रावणको दुसरा दंड देने के लिए समझाता है
नाइ सीस करि बिनय बहूता।
नीति बिरोध न मारिअ दूता॥
आन दंड कछु करिअ गोसाँई।
सबहीं कहा मंत्र भल भाई॥
बड़े विनय के साथ रावण को प्रणाम करके बिभीषणने कहा कि यह दूत है इसलिए इसे मारना नही चाहिये  क्यों कि यह बात नीतिसे विरुद्ध है॥
हे स्वामी! इसे आप कोई दूसरा दंड दे दीजिये पर मारें मत।बिभीषण की यह बात सुनकर सब राक्षसों ने कहा कि
हे भाइयो! यह सलाह तो अच्छी है॥

रावण हनुमानजी को दुसरा दंड देने का सोचता है
सुनत बिहसि बोला दसकंधर।
अंग भंग करि पठइअ बंदर॥
रावण इस बात को सुन कर बोला कि
जो इसको मारना ठीक नहीं है,तो इस बंदर का कोई अंग भंग करके इसे भेज दो॥
विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 897 से 908 नाम  )
897 सनातनतमः जो ब्रह्मादि सनतानों से भी अत्यंत सनातन हैं
898 कपिलः बडवानलरूप में जिनका वर्ण कपिल है
899 कपिः जो सूर्यरूप में जल को अपनी किरणों से पीते हैं
900 अव्ययः प्रलयकाल में जगत में विलीन होते हैं
901 स्वस्तिदः भक्तों को स्वस्ति अर्थात मंगल देते हैं
902 स्वस्तिकृत् जो स्वस्ति ही करते हैं
903 स्वस्ति जो परमानन्दस्वरूप हैं
904 स्वस्तिभुक् जो स्वस्ति भोगते हैं और भक्तों की स्वस्ति की रक्षा करते हैं
905 स्वस्तिदक्षिणः जो स्वस्ति करने में समर्थ हैं
906 अरौद्रः कर्म, राग और कोप जिनमे ये तीनों रौद्र नहीं हैं
907 कुण्डली सूर्यमण्डल के समान कुण्डल धारण किये हुए हैं
908 चक्री सम्पूर्ण लोकों की रक्षा के लिए मनस्तत्त्वरूप सुदर्शन चक्र धारण किया है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुन्दरकांड 🙏
दोहा – 23
अभिमान और अहंकार त्याग कर भगवान् की शरण में
मोहमूल बहु सूल प्रद त्यागहु तम अभिमान।
भजहु राम रघुनायक कृपा सिंधु भगवान
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