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रामजी महाराज [सबका मालिक एक]
संकट कटे मिटे सब फिरा! जो सुमराई हनुमत बल वीरा!! ©Ramji Maharaj सत्य मेव जायते #Identity
rajkumar shastri
#WorldEnvironmentDay यदि चाहते हो सुख से जीना पर्यावरण को करो सुरक्षा , वर्ना किसी से न करना अपेक्षा । #WorldEnvironmentDay जीव , जन्तु , प्राणी है तबतक है जीवविज्ञान ।
अशेष_शून्य
कर्तवयनिष्ठता में यशोधरा ही बुद्ध हैं; और त्याग पराकाष्ठा में बुद्ध ही यशोधरा....! ये पर्याय हैं अभिन्नता का, और सूचक सृष्टि की भिन्नता का!! द्वंद है ही नहीं कहीं बस सत्य है जो "मनसा वाचा कर्मणा से शुद्ध है वहीं बुद्ध है" फ़िर चाहे वो बुद्ध हों या यशोधरा हम हों या आप !! -Anjali Rai जो "मनसा, वाचा, कर्मणा से शुद्ध है वहीं बुद्ध है" -Anjali Rai #अशेष_शून्य #yourquote #hindisoul
Garima Mahnot Jain
नकारात्मकता सोच में है ना कि किसी जीव जन्तु से। नकारात्मकता सोच में है ना कि किसी जीव जन्तु से। . . . . .
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
बैठ गई नलकूप पर , हृदय लगाए आस । मेघराज अब आप ही , बुझा सकोगे प्यास ।। १ चिडिय़ा रानी देख लो , मानव सभ्य समाज । तेरी खातिर नीर भी , बचा न पाए आज ।। २ प्यासे पक्षी के लिए , रखना नीर सँभाल । सुनो सभी अब सुधिजनों , जल का यहाँ अकाल ।।३ गर्म हवा अरु धूप से , जीव जन्तु बेहाल । समय बदल अब है रहा , देखो अपनी चाल ।।४ प्यास बुझे वह जल नहीं , दूषित जल संचार । जीव जन्तु पीकर मरे , व्यस्थापक लाचार ।। ५ बूंद-बूंद को ताकते ,आज सभी है जन्तु । झरनें चुप सूखी नदी , कहने लगे परन्तु ।।६ ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR बैठ गई नलकूप पर , हृदय लगाए आस । मेघराज अब आप ही , बुझा सकोगे प्यास ।। १ चिडिय़ा रानी देख लो , मानव सभ्य समाज । तेरी खातिर नीर भी , बचा न पा
Shailendra Anand
रचना दिनांक,,२८,,,११,,२०२३ वार मंगलवार समय सुबह सात बजे ्््निजविचार ््् ््् छाया चित्र में भावचित्र प्रेम शब्द नानकणा।। चित्र में नानकजी कहयो मानव जीवन सार।। ््््शंख चक़ रेचक से आज्ञा चक्र नानकजी का योग है्््् मानुष आहे असे निरंजन जगणे प्रेमचा,, सागर सा गहरा हो प्यारा प्रेम शब्द।। नानकणा सिखृक पावणा,, जो आनंण को णेम करत भोग रमण विलास त्याग कर देख रहयो सेवादार।। सिंखपंथ का एक स्वरूप है ,, गुरु साहिब की गुरुवाणी।। मन का दर्पण कांच का देखण को परखणा जो मन का सांचा, नाम है।,, ।वी गुरु सत्संगी सत्संग में।। मन की कंन्ठी फेरणो,, जगत किय्यो उध्दार।। जणम मरण को फेरणो,, मणक मणक मी जावे कियो मगन हो ग्यान को,, रस भर प्रेम को लंगर कियो।। तेरे अर्पण कर दूं सब कुछ,, समर्पण यह मेरी गुरु दक्षिणा में।। गुरु गोविंद सिंह जी हूकम से,, धनानकणा पंथ को आगे बढ़ायो है।। गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पाय,, बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दोऊ बताय।। ््््् कवि शैलेंद्र आनंद २८नवम्बर,,,२०२३ कघल्लू उठे नानका,, सदी उठी जाय।। नानक प्रीत विहार में,, क्या उंच नीच का विचार।। एशं ©Shailendra Anand #gurunanakjayantनानकणा जयती मन की शुद्धि होय,, कर्मणा आयुष्यणा गुरु प्रेम का श्रंगार।। मन का मोती फेरणा जगत में होय सिखपंथ को णेम प्रेम की अ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कह दो अब विज्ञान से , ले ले आज विकास । हमको फिर दे दे वही , सुंदर वन की घास ।। वन की सुंदर घास ही , रही प्रकृति उपहार । मानव की औषधि वनी , जीव जन्तु आहार । मानव का यह स्वार्थ ही , पशु पर करे प्रहार । अन्न समेटे वह सदा , व्यर्थ भूस भंडार ।। जीव जन्तु को मार कर , खाता क्यों इंसान । बना रहा अपने लिए , महल और शमशान ।। कभी प्रकृति के भी नियम , आँख खोल कर देख । जिसकी होती वृद्धि है , मिटती उसकी रेख ।। व्यर्थ बहाते धन सभी , करे न सद उपयोग । घटती जाती आयु यह , कहते कर लो योग ।। १६/०३/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कह दो अब विज्ञान से , ले ले आज विकास । हमको फिर दे दे वही , सुंदर वन की घास ।। वन की सुंदर घास ही , रही प्रकृति उपहार । मानव की औषधि वनी ,
विष्णुप्रिया
यदि ऊर्जा " science " है तो, महादेव "vibration of origin " 🙏🙏 !! सदा शिव सहायते !! A theory of everything (TOE or ToE) is coherent theoretical framework of physics that fully explains and links tog
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- दौर हर जीव जन्तु गुब्बारा है, क्या इसका आज सहारा है । अब कौन यहाँ किसको मारे, क्या खबर कौन हत्यारा है । इस युग का तो दौर अजब है , देखो अपने इधर-उधर भी- बचकर रहना उनसे भी तुम , जो कहते तुझको प्यारा है ।। १९/०६/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- दौर हर जीव जन्तु गुब्बारा है, क्या इसका आज सहारा है । अब कौन यहाँ किसको मारे, क्या खबर कौन हत्यारा है । इस युग का तो दौर अजब है ,
PraDeep