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अशेष_शून्य

Dear , ज़िन्दगी❣️ "सुकून का हर किस्सा तुम्हारे हिस्से में आए" ✍️_Anjali Rai ________________________ कितना स्वार्थी है मेरा हृदय वो हर उस चीज को

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..... Dear ,
           ज़िन्दगी❣️
"सुकून का हर किस्सा तुम्हारे हिस्से में आए"
                                     ✍️_Anjali Rai
________________________

कितना स्वार्थी है मेरा हृदय 
वो हर उस चीज को

अशेष_शून्य

प्रेम देने और लेने वाले दोनों ही खाली रहते किसी बर्तन से और "प्रेम" ख़ुद उस अदृश्य वायु की तरह है ;

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.... प्रेम देने और 
लेने वाले दोनों ही 
खाली रहते
किसी बर्तन से

और "प्रेम" 
ख़ुद उस अदृश्य
वायु की तरह है ;

अशेष_शून्य

"ऊर्जा" ना तो नष्ट की जा सकती है और ना ही उत्पन्न ; पर ये... ब्रह्मांड में कुछ भी उत्पन्न कर सकती है , और सब कुछ नष्ट भी..."

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..... "ऊर्जा" ना तो नष्ट की 
जा सकती है 
और ना ही उत्पन्न ; 
पर ये...
ब्रह्मांड में 
कुछ भी उत्पन्न 
कर सकती है ,
और सब कुछ नष्ट भी..."

अशेष_शून्य

take a deep breath and "JUST GO WITH THE FLOW" ____________Keep smile it's LIFE:) #अशेष_शून्य #yqaestheticthoughts #hindisoul

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"समय" की अस्थिर "प्रवाहशीलता"
तभी तक चुभती है जब तक कि
हम इसके प्रवाह में निरंतर 
बहना ना सीख लें; 
और जब हम सीख लेते हैं,
तो इसके आगामी
उतार चढ़ावों की "प्रभावशीलता" 
हमारे भीतर
"शून्य" हो जाती है।।
-Anjali Rai  take a deep breath and
"JUST GO WITH THE FLOW"
____________Keep smile it's LIFE:)


#अशेष_शून्य #yqaestheticthoughts #hindisoul

अशेष_शून्य

तुम मेरे जीवन में पिता के बाद आने वाले "सर्वोत्तम पुरुष" हो; ये इसलिए नहीं कि तुम्हें मुझसे प्रेम है ,

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🦋____©  
तुम मेरे जीवन में 
पिता के बाद आने 
वाले "सर्वोत्तम पुरुष" हो;
ये इसलिए नहीं 
कि
तुम्हें मुझसे प्रेम है ,

अशेष_शून्य

जो "मनसा, वाचा, कर्मणा से शुद्ध है वहीं बुद्ध है" -Anjali Rai #अशेष_शून्य #yourquote #hindisoul

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कर्तवयनिष्ठता
में यशोधरा ही बुद्ध हैं;
और त्याग पराकाष्ठा
में बुद्ध ही यशोधरा....!

ये पर्याय हैं अभिन्नता का,
और सूचक सृष्टि की भिन्नता का!!
द्वंद है ही नहीं कहीं
बस सत्य है 
जो
"मनसा वाचा कर्मणा से
शुद्ध है वहीं बुद्ध है"

फ़िर चाहे वो बुद्ध हों
या यशोधरा
हम हों या आप !!
-Anjali Rai जो "मनसा, वाचा, कर्मणा से शुद्ध है वहीं बुद्ध है"
         -Anjali Rai

#अशेष_शून्य 
#yourquote 
#hindisoul

अशेष_शून्य

सोचो समंदर ख़ुद एक आसमां है जिसमें रंग बिरंगी मछलियों के पानी में हिलोरों से सतरंगी इंद्रधनुष उभर आता है ; जिससे आसमां का धुंधलापन भी नीलाभ हो जाता है।

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देखो ये मुमकिन है ना !
और कितना सुखद भी!!!
-Anjali Rai
(शेष अनुशीर्षक में) सोचो 
समंदर ख़ुद एक आसमां है
जिसमें रंग बिरंगी मछलियों
के पानी में हिलोरों से सतरंगी
इंद्रधनुष उभर आता है ;
जिससे आसमां का धुंधलापन
भी नीलाभ हो जाता है।

अशेष_शून्य

वैसे तो असंख्य खत लिखे और पढ़े हम दोनों ने ही युग बीतते गए शब्द घटते गए इक्के दुक्के बचे छिटके इधर उधर पन्नों

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तब से लेकर अब तक 
मैंने लिखे असंख्य पत्र
तुम्हें नहीं ,
अपितु "ख़ुद को" 
और उन तमाम
 संभावनाओं को,
जहां से जीवन के
 लौटने की 
संभावना है।

ताकि देख सकूं मैं
ख़ुद को अपने पास 
लौटते हुए ....
"आख़िर जीवन को
प्रायिकता के क्रम में 
मैंने प्रेम से
पहले रखा है ।।"
    -Anjali Rai
(शेष अनुशीर्षक में....)
 वैसे तो असंख्य खत
लिखे और पढ़े 
हम दोनों ने ही

युग बीतते गए
शब्द घटते गए
इक्के दुक्के बचे
छिटके इधर उधर पन्नों

अशेष_शून्य

हो सकता है हर बार मुझसे ये कहना कि "तुमसे प्यार करता हूं" थोड़ा उबाऊ सा लगने लगे । लेकिन सफ़र के अंतरिम पायदान पर भी ; मेरे कांपते हाथों को पकड़

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.... हो सकता है हर बार
मुझसे ये कहना कि 
"तुमसे प्यार करता हूं"
थोड़ा उबाऊ सा लगने लगे ।

लेकिन सफ़र के अंतरिम 
पायदान पर भी ;
मेरे कांपते हाथों को पकड़

अशेष_शून्य

हमारी पहली भेंट की स्मृति में तुम्हारे दिए हुए "गुल" की कलम को रोप दिया मैंने एक आंगन में; और दूसरा अंतर्मन में !! जब भी सींचती असंख्य गुल खिल उठते इस पौधे से

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"ये शाश्वत दृश्य
 मेरे अंतर्मन को दिया हुआ 
प्रमाण है कि ........ 
"ईश्वर हैं !"
और तत्पर हैं ..... 
संरक्षण में उन 
प्रेम स्मृतियों के 
जो तुमने मुझे दी हैं ......
जिसे एक शब्द में मैं 
 "जीवन" कहती हूं !!"
       -Anjali Rai
(शेष अनुशीर्षक में ....) हमारी पहली भेंट
की स्मृति में तुम्हारे दिए 
हुए "गुल" की कलम को 
रोप दिया मैंने एक आंगन में;
और दूसरा अंतर्मन में !!

जब भी सींचती असंख्य गुल
खिल उठते इस पौधे से
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