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Swapnil Bambole

garjana by swapnil bambole #nojotophoto

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 garjana by swapnil bambole

Eklavya Anand

chatrapati shivaji mahraj garjana #Shorts #viral #Trending #shivaji #Garjana nojoto #follow love #Mythology

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ek anjaan lekhak

Maryada ki garjana maryada ki dhwani trilok😎😎 #leftalone #ekanjanlekhak Love #Instagram #Poet #dairy #Poetry

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मर्यादा की गर्जना मर्यादा की ध्वनि त्रिलोक,
 हम पारस समझें जिसे वो थे श्रापित योग,
 बाहर से थे तपस्वी वो अन्दर से विष रूप,
 धारण करूँ मैं कैसे बुने थे जो मोती हर शोक,
 
हम याद में उसके हर पल तड़पते थे,
वो किसी और के जज्बातों से बिस्तर थे,
हमसे लड़ना उखड़ना जारी था,
उनके दिल का जमींदार तो माली था,

अग्नि की ज्वाला के समान दीपक से परे,
वो मशाल थे ज्योति से निखरे,
हर रोशनी लाजवाब दिखी,
किसे पता था मशाल सबसे ज्यादा जली,

क्यों उसने इस पारस को सोना समझा,
कोयले की खदान से निकला फिर जला ,
तेलों की अभिलाषा कोयला जलेगा सोने की भाषा ।
हार गया टूटकर कोयला जुड़वाओं की दशा,
एक था पारस एक कोयले की परिभाषा ।
@Ek anjan lekhak

©ek anjan lekhak Maryada ki garjana maryada ki dhwani trilok😎😎
#leftalone #ekanjanlekhak #Love #Instagram #Poet #dairy

Sonam kuril

गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी, बेटियां गरजती,अच्छी,लगती क्यों नहीं, चुप रही हर चोट, हर प्रहार पर, वेदनाइये,उसकी व्यथा, क्यों किसी #badal #समाज #awaj #Garjana

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गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,अच्छी,लगती क्यों नहीं,
चुप रही हर चोट, हर प्रहार पर,
वेदनाइये,उसकी व्यथा, क्यों किसी को चुभती नहीं,
गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,........

रुपरेखा, मापदंड, सीमाएं, मर्यादाएं,
क्यों स्त्रियों पर ही थोपी गयी,
लूट ली जब आबरू एक बेटी की,
चुप रही, ना लड़ सकी,
ना बेटा, ना बाप,
कौन संभाले, कौन बचाएं,
कौन थामेगा हाँथ,
डरकर ज़माने की कुरीत से,
चाहकर भी माँ चुप रह गयी,
पूछती हैं जिज्ञासा...,
बेटियां गरजती,....,

चाहता था एक बाप बेटी बन जाये अफसर,
सीख दी अगर हो गलत चुप रहना नहीं,
बोलना डंके की चोट पर,
रोकेगा जमाना अगर सच के साथ जाएगी,
तिरस्कारेंगे, धिकारेंगे भी तुझे,
जो अगर तू कुरीतियों से लड़कर,
समाज के बेढंग ढांचे के विरुद्ध जाएगी,
पर दहाड़ना तू शेरनी सी,
चाहे कितनी भी हो रास्तों में अटकले,
तू बन पहाड़ बादलों से लड़ना,और गर्जना..|
पर.......
पर खामोश हो गयी वो दहाड़,
फँस कर इस ज़माने की कुरीतियों के  शोर में ,
पुछती हैं जिज्ञासा मेरी......,
बेटियां गरजती,.......

©Sonam kuril गरजते बादलों से पूछती हैं जिज्ञासा मेरी,
बेटियां गरजती,अच्छी,लगती क्यों नहीं,
चुप रही हर चोट, हर प्रहार पर,
वेदनाइये,उसकी व्यथा, क्यों किसी
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