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Poet Kuldeep Singh Ruhela
White #मुझको भी खाने थे आम यारो मगर मेरी जेब में पैसे नही थे पड़ा था एक दस का नोट मेरी पॉकेट में देखा तो मुझे मेरे बच्चो का ख्याल आ गया ! गुमनाम शायर ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #mango_tree मुझको भी खाने थे आम यारो मगर मेरी जेब में पैसे नही थे पड़ा था एक दस का नोट मेरी पॉकेट में देखा तो मुझे मेरे बच्चो का ख्याल आ
person
क्या बात है क्या चीज है पैसा दुनिया की हर चीज है कैसा अमीर गरीब बनता है पैसा अमीर गरीब बनता है पैसा पैसा पैसा नोट है कैसा 365 दिन 24 घंटे मैंने चाहा पैसे को फिर भी फिर भी पास ना आईं पैसा ©person money 💰 Money controls human emotions, brings happiness and also brings sadness. Makes you laugh and makes you cry क्या बात है क्या चीज है
Raaj-E-Mohhabat
यादों की किताब उठाकर देखी मैंने, 🥀🥺 पिछले साल तुम इन दिनों मेरे थे.🥀🥺 ©Raaj-E-Mohhabat यादों की किताब उठाकर देखी मैंने,
Shivkumar
White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी ऊँचे बन जाओ । ये सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ । तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है , तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा । तु भर ले अपने इस मन में , तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥ पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , इस सर पर भार कितना ही हो । नभ कहता फैलो इतना कि , तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥ ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो
Gopal Pandit
White दिल करता है हम लौट चलें फिर से तेरे शहर को । फिर ख्याल आता है क्या बसा पाएंगे हम अपने पुराने घर को ।। तूने बेईज्जत करके तो निकाला था मुझे सारे शहर के आगे । क्या फिर से जी पाऊंगा तेरे शहर में मैं उठाकर अपने सर को।। #गोपाल_पंडित ©Gopal Pandit #Road दिल करता है हम लौट चलें फिर से तेरे शहर को । फिर ख्याल आता है क्या बसा पाएंगे हम अपने पुराने घर को ।। तूने बेईज्जत करके तो निकाला था म
kashi...
Devesh Dixit
नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल। क्या सोचा सरकार ने, जो हुआ बवाल। फिर बताया विद्वान ने, ये था माया जाल। हेरा-फेरी से कमा कर, कर रहे जो गुणगान। चोट जो ऐसी दी उन्हे, पूर्ण हुआ अभियान। बोरे भरकर फेंक दिये, नोटों के भण्डार। कुछ जंगल में थे मिले, कमाल किये सरकार। एक झटके में निकल गये, देखो तो काले धन। छिपा रखे गृहणियों ने, बेचैन हुए तब मन। नोट बदलने के लिए, सामने आया राज। पतियों को मालूम पड़ा, तब जाकर वह काज। मोदी जी का हो भला, जो किया ये काम। पत्नियाँ सिर को पीटतीं, खेल हुआ तमाम। ................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #नोट_बंदी #nojotohindi #nojotohindipoetry नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल।
Poet Maddy
ये निगाहें उठाकर तुम बेहद कमाल लगती हो......... और निगाहें झुकाकर, तुम बवाल लगती हो............ हम ग़ज़लें पढ़ते हैं तो, तुम कुछ यूं मुस्कुराती हो....... मुस्कुराती हो तो तुम, बिल्कुल बेमिसाल लगती हो... ©Poet Maddy ये निगाहें उठाकर तुम, बेहद कमाल लगती हो......... #Raise#Eyes#Amazing#Crazy#Read#Gazal#Smile..........
Pintu Paswan