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Anupam Chhama Srivastava
जालियाँवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में १३ अप्रैल १९१९ (बैसाखी के दिन) हुआ था। रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी जिसमें जनरल डायर नामक एक अँग्रेज ऑफिसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं जिसमें 400 से अधिक व्यक्ति मरे और २००० से अधिक घायल हुए। अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में 484 शहीदों की सूची है, जबकि जलियांवाला बाग में कुल 388 शहीदों की सूची है। ब्रिटिश राज के अभिलेख इस घटना में 200 लोगों के घायल होने और 379 लोगों के शहीद होने की बात स्वीकार करते है जिनमें से 337 पुरुष, 41 नाबालिग लड़के और एक 6-सप्ताह का बच्चा था। अनाधिकारिक आँकड़ों के अनुसार 1500 से अधिक लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए। इतिहास के पन्नो में ये मैंने पढ़ा था तो मैंने सोचा क्यों न इसे यहां लिखा जाए ©Anupam Chhama Srivastava #JallianwalaBagh जालियाँवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में १३ अप्रैल १९१९ (बैसा
#JallianwalaBagh जालियाँवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियाँवाला बाग में १३ अप्रैल १९१९ (बैसा #Mythology
read moreAmar Anand
ज्ञानवापी नायक शेष नीचे कैप्शन में... हर हर महादेव "मुझे तो मरना है पर आपका तप बड़ा है, आपको सदियों तक इंतजार करना है" काशी में मंदिर के बाहर बैठे नंदी के कान में ये वाक्य बोल क
हर हर महादेव "मुझे तो मरना है पर आपका तप बड़ा है, आपको सदियों तक इंतजार करना है" काशी में मंदिर के बाहर बैठे नंदी के कान में ये वाक्य बोल क
read moreVandana
"जिस इंसान को बहुत दर्द और असहनीय पीड़ा मिल चुकी है वह इंसान कभी किसी को दर्द नहीं दे सकता और उस इंसान के लिए पैसा और शोहरत कोई मायने नहीं रखती,,, जो इंसान संवेदनशील हो जाता है क्योंकि वह हर दर्द और पीड़ा से गुजर जाता है शायद दुख भी जरूरी है इंसान के लिए,,, इस स्टोरी को पढ़कर आपको शायद
जो इंसान संवेदनशील हो जाता है क्योंकि वह हर दर्द और पीड़ा से गुजर जाता है शायद दुख भी जरूरी है इंसान के लिए,,, इस स्टोरी को पढ़कर आपको शायद #realityoflife #painttheworld
read moreRabiya Nizam
दंश (In Caption) Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे
"मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे #Thriller #StoryTeller #yqdidi #crime #suspense #novella #longform #anewdawnदंश
read moreA NEW DAWN
दंश (In Caption) Part - I Ch- 10 "मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे
"मैं यह रिस्क नहीं उठा सकती थी और न ही मुझे उस बंसल पर ज़रा सा भी भरोसा था इसलिए मैंने यह फ़ैसला किया कि मैं चीज़ें अपने हाथ में लूंगी, इससे #Thriller #StoryTeller #yqdidi #crime #suspense #novella #longform #anewdawnदंश
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