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INDIA CORE NEWS
Devanand Jadhav
.......... ©Devanand Jadhav #MahavirJayanti अहिंसा परमो धर्म: ...जगाला शांती, अहिंसा व सत्य यांचा मार्ग दाखविणारे भगवान महावीर हे जैन धर्माचे 24 वे तिर्थकार आहेत...त्य
Ankit Singh
वह समय आएगा जब मेरे जैसे लोग जानवरों की हत्या को वैसे ही देखेंगे जैसे वे अब मनुष्यों की हत्या को देखते हैं। ©Ankit Singh वह समय आएगा जब मेरे जैसे लोग जानवरों की हत्या को वैसे ही देखेंगे जैसे वे अब मनुष्यों की हत्या को देखते हैं #animals
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक , करो न हमसे बैर । सबको हृदय बसाकर रखता , कहीं न कोई गैर ।। पाँच-साल में जब भी मौका, मिलता आता द्वार । खोल हृदय के पट दिखलाता , तुमको अपना प्यार ।। मानव सेवा करने को अब ... देखो ढ़ोंगी और लालची , उतरे हैं मैदान । उनकी मीठी बातों में अब , आना मत इंसान ।। मुझको कहकर भला बुरा वह , लेंगें तुमको जीत । पर उनकी बातें मत सुनना, होगी तेरी हार । मानव सेवा करने को अब..... सब ही ऐसा कहकर जाते , किसकी माने बात । सच कहते हो कैसे मानूँ , नहीं करोगे घात ।। अब जागरूक है ये जनता ,ये तेरा व्यापार । अपनों को तो भूल गये हो , हमे दिखाओ प्यार ।। मानव सेवा करने को अब .... सच्ची-सच्ची बात बताओ , इस दौलत का राज । मुश्किल हमको रोटी होती , सफल तुम्हारे काज ।। सम्पत्तिन तुम्हारे पिता की, और नहीं व्यापार । हमकों मीठी बात बताकर , लूटो देश हमार । मानव सेवा करने को अब..... मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। २०/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मानव सेवा करने को अब , कितने हैं तैयार । देख रहा हूँ गली मुहल्ले , होता खूब प्रचार ।। मानव सेवा करने को अब... हम आज तुम्हारे शुभचिंतक ,
єηмσηтισηѕ
बड़े ऐहतियात बरतते हैं मेरे रिश्ते, फिर भी सच से झूलस के मर जाते हैं, कहते हैं, तू तो हकीकत जानती है ना, फिर क्यों उम्मीद लगाए बैठी है कि, वो तेरे घावों पे मरहम लगाएंगे, अरे वो ही कातिल है तेरे, और फिर उनके भी तो घाव है, कुछ जीते, कुछ हारे, झूलसते शायद उनके भी तो कुछ दाव है, तो इस बदलते इस वक्त में, खुद से सही हो जाना ही, सही है, दुसरो से उम्मीदें जहर है..... ©єηмσηтισηѕ दौर-ए-गैर #Life #Inspiration
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
White ना नींद है, ना ख्वाब है, ना कोई अपना.. ना गैर कितने सादे से हो गए हम, एक अपने ही बगैर ! #deeppain अंकुर ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #SAD ना नींद है, ना ख्वाब है, ना कोई अपना.. ना गैर कितने सादे से हो गए हम, एक अपने ही बगैर ! #deeppain
DHIRAJ PRIT
White सच को सच ना कहूं तो क्या कहूं, तेरे शहर को गैर शहर ना कहूं तो क्या कहूं। तुझे जब भी देखता हूं जन्नत की याद आती है अब जन्नत को जन्नत ना कहूं तो क्या कहूं। ©DHIRAJ PRIT #eidmubarak सच को सच ना कहूं तो क्या कहूं, तेरे शहर को गैर शहर ना कहूं तो क्या कहूं। तुझे जब भी देखता हूं जन्नत की याद आती है अब जन्नत को जन
Ravendra
Harshvardhan असरार जौनपुरी
डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी - डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी क्या बताएं डेमोक्रेसी देख रहे हैं डेमोक्रेसी फर्जी नारों की डेमोक्रेसी जुमलेबाजी की डेमोक्रेसी मंदबुद्धि की डेमोक्रेसी मरी मीडिया की डेमोक्रेसी अराजकता की डेमोक्रेसी सत्ता लूट की डेमोक्रेसी फर्जी विचारधारा की डेमोक्रेसी दक्षिणपंथी डेमोक्रेसी वामपंथ की डेमोक्रेसी मुख्यधारा की डेमोक्रेसी अजब गजब डेमोक्रेसी रंग बिरंगी डेमोक्रेसी ब्लैक एंड व्हाइट डेमोक्रेसी लूट रही है डेमोक्रेसी हंस रही है डेमोक्रेसी बर्बरता की डेमोक्रेसी रोज लूटे है डेमोक्रेसी रोज पीटे है डेमोक्रेसी हमारी अपनी डेमोक्रेसी गुंडागर्दी की डेमोक्रेसी गैर कानूनी डेमोक्रेसी चीख रही है डेमोक्रेसी घुट रही है डेमोक्रेसी दम तोड़ती डेमोक्रेसी चौकी थाने की डेमोक्रेसी माफिया की अपनी डेमोक्रेसी नकल माफिया की डेमोक्रेसी अपराध उद्योग की डेमोक्रेसी कॉरपोरेट फंडिंग की डेमोक्रेसी इलेक्टोरल बांड की डेमोक्रेसी ऐसी नौटंकी डेमोक्रेसी न्याय में बिकती डेमोक्रेसी झूठ नहीं है ये डेमोक्रेसी मजबूर हुई है डेमोक्रेसी मजबूत हुई है डेमोक्रेसी शांत सब सहती डेमोक्रेसी कुछ न कहती डेमोक्रेसी सबके दिल में डेमोक्रेसी न रोती हंसती डेमोक्रेसी ऐसी हो गई डेमोक्रेसी रंग बेरंग की डेमोक्रेसी नॉर्वे डेनमार्क की डेमोक्रेसी ऐसी ना अपनी डेमोक्रेसी ऐसी ही यहां की डेमोक्रेसी चंचल मन की डेमोक्रेसी कविता असरार की डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी ©Harshvardhan असरार जौनपुरी #Emotional डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी - डेमोक्रेसी डेमोक्रेसी क्या बताएं डेमोक्रेसी देख रहे हैं डेमोक्रेसी फर्जी नारों की डेमोक्रेसी जुमल
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित । हो खुशियां जब संग , तो जीवन हो प्रफुल्लित ।। ले लो हाथ गुलाल , आयी बच्चों की टोली । भर पिचकारी मार , कहो सब हैप्पी होली ।। रंगों में ही ढूढ़़ लो , तुम जीवन के रंग । आ जायेगा आपको , सुन जीने का ढ़ंग ।। सुन जीने का ढंग , हमें त्योहार सिखाते । होली उनमें एक , मिलन की राह बनाते ।। आज न कोई गैर , सीख लो तुम बेढंगो । सबको साथी मान , आज तुम जी भर रंगो ।। फीके सारे रंग हैं , इस होली के ग्वाल । दूर बहुत साजन बसे , कैसे करूँ धमाल ।। कैसे करूँ धमाल , प्रीति बिन फीकी होली । होते साजन पास , करते हंसी ठिठोली ।। सर्दी से बेहाल , मारता लल्ला छीके । बैठी रहूँ उदास , रंग होली के फीके ।। २२/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- होली पावन पर्व है , रहिये हिलमिल साथ । सब आ जाओ पास में , छूट न जाये हाथ ।। छूट न जाये हाथ , रहो सब इसमें चिंतित ।