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Best गैर Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rakesh frnds4ever

#हर तरफ हर #जगह #नफरतों के साये हैं यहां #गैर #कोई और नहीं बस #अपने ही #पराए हैं #rakeshyadav #rkyadavquotes #rkyfrnds4ever

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Jack Sparrow

#गैर-इनायती

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Prerna Singh

कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र दुसरे से दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ... कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। सामिल होते हैं इन सब #सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं

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कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , 
फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं 

करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र 
दुसरे से  दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ...

कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। 
सामिल होते हैं इन सब सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं

कर देना बच्चे को माँ के गोद से दुर कह कर 
अब स्तनपान की उसे जरूरत नही

और गैर को हितैषी बता कर सौंप देना हक समझकर
जैसे वो कोई वस्तु हो वस्तु बता कर

जिंदगी को दोजख बनवाने वाले ही चारो तरफ
बन कर बैठे है मसीहा बन कर...

©Prerna Singh कुंठित इंसान कि फितरत के भी क्या कहने , 
फायदा उठाने के लिए जोंक बन खून चुस लेते हैं 

करीब रहने के लिए एक से रिश्ता पवित्र 
दुसरे से  दुरी बनाने के लिए रिश्ता अपवित्र कह देते हैं ...

कर देते हैं जीवन तहसनहस और एहसान भी जताते हैं। 
सामिल होते हैं इन सब #सफेदपोश फायदा बेहिसाब उठाते हैं

Rabindra Kumar Ram

" यूं ताल्लुक़ात कुछ जाहिर तो हो कहीं गैर-इरादतन , बात बेशक ना हो बात कुछ तो हो इस गमें-ए-रुसवाई में , मिलने - मिलाने का सिलसिला फिर कुछ यूं चल पड़ेगा , फ़कत जैसे की हमी हो सब के सब हमनवाई में . " --- रबिन्द्र राम #ताल्लुक़ात #जाहिर #गैर-इरादतन #गमें-ए-रुसवाई #सिलसिला #फ़कत #हमनवाई

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" यूं ताल्लुक़ात कुछ जाहिर तो हो कहीं गैर-इरादतन ,
बात बेशक ना हो बात कुछ तो हो इस गमें-ए-रुसवाई में ,
मिलने - मिलाने का सिलसिला फिर कुछ यूं चल पड़ेगा ,
फ़कत जैसे की हमी हो सब के सब हमनवाई में . " 
   
                            --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " यूं ताल्लुक़ात कुछ जाहिर तो हो कहीं गैर-इरादतन ,
बात बेशक ना हो बात कुछ तो हो इस गमें-ए-रुसवाई में ,
मिलने - मिलाने का सिलसिला फिर कुछ यूं चल पड़ेगा ,
फ़कत जैसे की हमी हो सब के सब हमनवाई में . " 
   
                            --- रबिन्द्र राम
#ताल्लुक़ात #जाहिर #गैर-इरादतन #गमें-ए-रुसवाई #सिलसिला
#फ़कत #हमनवाई

Rozybano

#गैर और अपने

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Rabindra Kumar Ram

" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " --- रबिन्द्र राम #ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर

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" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , 
बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, 
अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, 
इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " 

                   --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , 
बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, 
अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, 
इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " 

                   --- रबिन्द्र राम

#ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर

Rabindra Kumar Ram

" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करता मैं , बात की बात थी तुझे अनजाने में क्या बात करता मैं, अजनबी तु भी गैर मैं भी ठहरा इस इल्म से, इस हलफनामे में फिर तेरी नाम कैसे लेता मैं. " --- रबिन्द्र राम #ख्यालों #नुमाइश #अनजाने #गैर

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Mansha Sharma

सुरमन_✍️ #गैर #Relationship #nojatohindi

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Suditi Jha

Rabindra Kumar Ram

" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करते, बात इतनी सी थी फिर‌ उस से फिर बात क्या करते , जहाँ मिले हम अजनबी वो भी थी गैर मैं भी ठहरा, हम काफिर थे वो मुसाफ़िर ठहरी ऐसे में कहा तक साथ चलते. " --- रबिन्द्र राम

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" उन ख्यालों की नुमाइश क्या करते, 
बात इतनी सी थी फिर‌ उस से फिर बात 
क्या करते , 
जहाँ मिले हम अजनबी वो भी थी गैर मैं भी ठहरा, 
हम काफिर थे वो मुसाफ़िर ठहरी ऐसे में कहा तक साथ चलते. "

                  --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " उन ख्यालों की नुमाइश क्या करते, 
बात इतनी सी थी फिर‌ उस से फिर बात 
क्या करते , 
जहाँ मिले हम अजनबी वो भी थी गैर मैं भी ठहरा, 
हम काफिर थे वो मुसाफ़िर ठहरी ऐसे में कहा तक साथ चलते. "

                  --- रबिन्द्र राम
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