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karishma Gujjar motivation quote
कल मैंने सभी लेखकों को प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए एक मैल लिखा नोजोटो टीम को उसे आप नीचे Coptaion में पढ़ें और नोजोटो टीम की उस मैल पर प्रक्रिया बहुत ही सराहनीय रही पुरा लेख पढ़ें। ©karishma Gujjar motivation quote नमस्कार नोजोटो टीम में करिश्मा जो की आपके हमारे प्रिय नोजोटो ऐप पर लिखते https://nojoto.page.link/JfSNv हुये मुझे एक साल से ऊपर का समय कब
पूजा सोनी
Writer @143
तुम बाल खोल कर मत आया करो। मानो तुम ऐसे स्कूटरी मत चलाया करो। हमे माफ करो पर ऐसे लेहाजे में कोचिंग मत आया करो। ©Writer @143 #relaxation कोचिंग
B.P. Godara
अब्दुल कलाम साहब तो स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते थे। मेरे पास तो फिर भी खुद बल्ब है। IPS- मनोज कुमार शर्मा ✍️✍️✍️ ©B.P. Godara ©B.P. Godara अब्दुल कलाम साहब तो स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते थे मेरे पास तो फिर भी खुद का बल्ब है। IPS- मनोज कुमार शर्मा ✍️✍️✍️
अदनासा-
नोजोटो को मेरा प्रणाम, हार्दिक मंगलमय शुभकामनाएं एवं अभिनंदन, इस माननीय मंच ने मुझे लिखने की जो आज़ादी दी है, वह मेरे लिए अनमोल है इसलिए मैं नोजोटो और उनसे जुड़े सभी माननीय सदस्य जन को हार्दिक नमस्कार करता हूं, और भविष्य में नोजोटो द्वारा जो नया इतिहास रचा जायेगा, उस महत्वपूर्ण घटना के लिए अग्रिम सप्रेम हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। कभी-कभी भावुकता वश, हिंदी के प्रती उदासीन रह रहे मानसिकता को रेखांकित करता हूं तो मेरे मन में भी आलोचना का भाव आता है, परंतु जब..... क्रमशः लेख कृपया कैप्शन में पढ़ें🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा- #NojotoTurns5 ...भी माननीय मंच नोजोटो के अतिरिक्त अन्य कवि सम्मेलन या मुशायरे में जाता हूं तो लगता है, मैं भारत में हूं मैं भारतीय हूं, और
KP EDUCATION HD
KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the same for me to ©KP NEWS HD आज के इस आर्टिकल में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं कैसे इसे महामंत्र कहा गया, कैसे इसकी उत
SURENDRA SINGH
Before Engineering After Engineering मैं इंजीनियरिंग कर सकता हूं। मुझे आत्महत्या करनी होगी। कृपया अनुशीर्षक अवश्य पड़ें। ©SURENDRA SINGH #surendra4004 राष्ट्रीय अभियंता दिवस सिकन्दर जब किसी देश में आक्रमण के उद्देश्य से प्रवेश करता था तो उस सेतु को नष्ट कर देता था जिससे वो
Priya Gour
जितना पढ़ा जितना लिखा और निखरती गयी मैं, तुम बनी मेरे हदय के भावों की भाषा मेरी कविता की भाषा, तुममें शब्दों को जोड़-तोड़ सरलता का महत्व समझी मैं, कोई भाषा इतनी सरल और संवाद प्रिय कैसे होती हैं, तुम्हें पढ़कर जाना जो शब्द हो उसका अर्थ भी वहीं, हिंदी की ये अद्भुत विशेषता जान राज भाषा पर गर्व की, बिंदी का बड़ा महत्व बिंदी यूँही शब्दों पर लगायी तो नया शब्द पाया, ऐसे निरंतर बढ़ती गयी देशी विदेशी शब्दों को भी खुद में समायी हिंदी, अज्ञानता के तल से शुरू कर ज्ञानी बनने का सफर हिंदी। ©Priya Gour कितना सुखद महसूस हो रहा हैं कि जिसे हम रोज लिखते हैं पढ़ते हैं आज हमारी हिंदी का दिवस हैं सोचिये अगर हिंदी ना होती तो भारत के सभी राज्यों के