Find the Latest Status about उज्वला जोग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उज्वला जोग.
someone special
कि अब मैं इश्क नहीं करता, मैंने जोग लिया है, सोचा था मैंने मोहब्बत की है, मुझे नहीं पता था मैंने रोग लिया है...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special कि अब मैं इश्क नहीं करता, मैंने जोग लिया है, सोचा था मैंने मोहब्बत की है, मुझे नहीं पता था मैंने रोग लिया है...! ---(GUSTAKHI MAAF)
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- विवशता मेरे भोले पन का अपने , किए खूब उपयोग । किस-किस का मैं नाम गिनाऊँ , सब अपने है लोग ।। मेरे भोले पन का अपने .... नहीं स्वार्थ की भाषा सीखी , कर दी हमने भूल । पल-पल हर पल चुभते हैं अब , हृदय हमारे शूल ।। विवश हुआ हूँ आज उन्हीं का , बनने को उपभोग । मेरे भोलेपन का अपने.... आज विवशता मत पूछो तुम , रोने दो भरपूर । जिन रिश्तों की मद में खोया , वही हुए है चूर ।। उनसे ही अब भिक्षा मागूँ , ऐसे दिखते योग । मेरे भोलेपन का अपने .... सोंच रहा था मन में अपने , जीवन है सेवार्थ । लेकिन अब तो बदल गये है , इसके भी भावार्थ ।। धर्म-कर्म के मानें क्या है , बनते कैसे जोग । मेरे भोलेपन का अपने ... चीखो जितना तुम्हें चीखना , सब बैठे हैं मौन । कोई न पहचान है तेरी , बतला तू है कौन ।। उसका कोई कैसे वारिश , जिसे गरीबी रोग । मेरे भोलेपन का अपने .... आज समझ ले यही जगत है , ये रिश्तों का मोल । उठा तराजू निकल यहाँ से , और इन्हें ले तोल ।। रख माया की गठरी तू भी , सब तेरे है लोग । मेरे भोलेपन का अपने ..... मेरे भोलेपन का अपने , किए खूब उपयोग । किस-किस का मैं नाम गिनाऊँ , सब अपने ही लोग ।। ०६/०७/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- विवशता मेरे भोले पन का अपने , किए खूब उपयोग । किस-किस का मैं नाम गिनाऊँ , सब अपने है लोग ।। मेरे भोले पन का अपने .... नहीं स्वार्थ
amar gupta
दुनिया की नजरो मे ये एक रोग है ... पर जिस मन ये लागे वही जाने प्रेम एक जोग है । ©amar gupta #प्रेम एक जोग हैं ...
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
वैभव विलास सब सोहत तोहे श्याम तोर रूप लुभावत मोहे द्वि कर पंकज मुरली साजती कान्हा तोरी प्रीत नचावति मोहे.! मोर हिय लेत हिलोर पल छन जागत सोवत सपन दिखत मोहे बियोग जोग रोग मोहू लागत है मनोहर तोरी प्रीत बौरावत मोहे.! दस दिसी सूरत दिखत तोही काहे तू जग बिसरावत मोहे कानन कुंज भटकत चाह तोहि मुरलीधर काहे बिसराये तू मोहे! मन कुमुद कुमलाये सोचत तोहे हिय पीर बढ़त ज्यों चांद मोहे आवहु गिरधारी देर भली अब होय थामहु छाँडि चलि सांस अब मोहे! 🌹 Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा वैभव विलास सब सोहत तोहे श्याम तोर रूप लुभावत मोहे द्वि कर पंकज मुरली लुभावती कान्हा तोरी प्रीत नचावति मोहे.! मोर हिय लेत हिलोर
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
ये जो लगा है मुझे रोग तेरा आनन्द में रहता मन मेरा तेरा पता पूछने लगे हैं, लोग तेरा, मेरे जैसा ही लगा है रोग तेरा. Do Collab ... 💐💐😊 #ajayarun ❣️❣️❣️ मैंने लिया हैं इश्क़ का जोग तेरा इस जोग की वज
Rabiya Nizam
In Caption एक छींटा मिल जाए तेरी ममता का तो क्यों चाहूं अमृत मैं..? जो छांव मिले तेरे आंचल की तो क्यों चाहूं स्वर्ग मैं...? जो लोरी सुन लूं तेरी तो क
AB
Dear Chikku Gujju Shukla,! - ' alps ' Dedicating a #testimonial to उज्वला शुक्ला🖤. Dear Chikku Gujju Shukla,!💚 Happy Shappy bday Dear,,🍼🍼🍼🍼🍼 पूरी पांच बोतलें हैं, दो दो घंटे बा
आदित्य शेखर त्रिपाठी (जज़्बाती_कलम)
गिरा भी,उठा भी ,उठ के चला भी जो था ज़रूरी सब कुछ किया भी मगर कारवाँ क्यों रहा बस सफ़र में क्यों मंज़िल है रुठी और रुठा खुदा भी। अब टूटा हूँ मैं और टूटा हौसला भी आशायें धुँधली ना होती सुबह भी ना भरोसा है ख़ुद पे ना भरोसा ख़ुदा पे एक डूबता सा सूरज मैं बना तो क्या बना भी। उनसे माँगा कभी उससे बढ़कर मिला भी बन सका ना सहारा है इसका गिला भी जो खुद है गिरा वो उन्हें क्या सम्भाले पिता ही ख़ुदा है और माँ ही दुआ भी। अपनी क़िस्मत पे आता है रोना हँसी भी ना क़िस्मत का खेला ना ख़ुदा है कहीं भी चंद सिक्कों में बिकती यहाँ पर है मंज़िल ना रस्तों की झंझट ना गिरना कहीं भी। समय समय का फेर है समय समय का जोग देखो लाखों में बिकने लगे दो कौड़ी के लोग #yqdidi #timechanges #parents #failure #success #end #truth #shaya
vasundhara pandey
तुम जानो या मैं जानूँ बेकार की बातें हैं तुम जानो या मैं जानूँ इतना तो वक़्त ठहरता है तुम सोचो या मैं सोचूँ इक इक बूँद बरसती है बादल की कोरों से ओस सुबह तक नम ह
JAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
छत्तीसगढ़ी गीत मया के रोगी दिये ये कईसे जोग रे सजनी तोर बिन जी ये नई लागे रे, तोर डहर भागे मन मोर कईसे का मोला रोग हमाये रे, के होगे हंव तोर मया के रोगी, तोर मया के रोगी, तोरे मया के रोगी ।। मोहनी के बान मारे रे सजना हिरदे म आस मोर जागे रे, चेहरा ह झूले आंखी म अईसे मन तिहि मोर समाये रे, के होगे हंव तोर के रोगी, तोर मया के रोगी, तोरे मया के रोगी ।। इस क़दर तैं मोला अपन करीब लगथस न जोही तोला मोर ले अलग जे सोचंव अईसे झिन होये न जोही मोर पिरित अउ मोर जिनगानी तोरे बर सम्हाले हो न जीबो मरबो एक दुनो के संग म किरिया खाए हो न मोहनी के बान मारे रे सजना हिरदे म आस मोर जागे रे, चेहरा ह झूले आंखी म अईसे मन तिहि मोर समाये रे, के होगे हंव तोर के रोगी, तोर मया के रोगी, तोरे मया के रोगी ।। तिहि मोर आधार अब जिनगी मोर तोरेच संग म होही गुजर जाए चाहे उमर मोर दिन रात तोरेच नाव म होही मोर सुरुज तैं चंदा मोर आज अउ कल म तिहीं हस छुटे झिन संग अब हमर जिये के तिहीं मोर आस अस दिये ये कईसे जोग रे सजनी तोर बिन जी ये नई लागे रे, तोर डहर भागे मन मोर कईसे का मोला रोग हमाये रे, के होगे हंव तोर मया के रोगी, तोर मया के रोगी, तोरे मया के रोगी ।। के होगे हंव तोर मया के रोगी, तोर मया के रोगी, तोरे मया के रोगी ।। के होगे हंव तोर मया के रोगी, तोर मया के रोगी, तोरे मया के रोगी ।। #छत्तीसगढ़ी_गीत दिये ये कईसे जोग रे सजनी #jainesh_kumar #pain #love #broken #heart #yqaestheticthoughts