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sachu bihaniya

उजाड़ #Shayari

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तेरे जाने से यह वादियां बादिया हो गई है
जैसे  बादिया मे बादा उड़ कर बादिया हो गई है।

बादिया =1,उजाड़ 2,मरूस्थल  3, प्याला 
बादा=शराब 
अलंकार =यमक उजाड़

Writer @143

#SAD उजाड़

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White तू उजाड़ गयी मुझे किसी और को बसाने
के चक्कर मे,,,
मैं हसाना छोड़ दिया यार,,
तुझे हसाने के चक्कर में,,।।।

©Writer @143 #SAD उजाड़

Mental_Writer Kishan

उजाड़ बैठा हूं #विचार

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दिल दुनिया उजाड़ बैठा हूं
मै किसी से बिगड़ बैठा हूं
mental उजाड़ बैठा हूं

पथिक

मुझमें बसने आए थे वो
जो घर मेरा उजाड़ चले #उजाड़ #बसना #nojoto

Divya Kisku

वो बिना दस्तक दिए मेरे दिल में आगाए,
और जाना हुआ तो मेरी ज़िन्दगी उजाड़ दी!
- Divya Kisku #DryTree 
#Zindagi 
#उजाड़

Pawan Paagal

©pawan_paagal खंड खंड भारती का खंड खंड जोड़ देंगे।। #Paralympics Advocate Suraj Pal Singh DELHI Madhu Chauhan✍️ Dr.Pawan Anshu writer Ankit

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Prakhar Pandey

#कुछ_छन्द_ क्रान्तिवीरों को नमन..भुजदंड ले प्रचंड शत्रु कर खंड खंड.... #poem #nojotovideo

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Vijay D Goyal

आंधी रो उजाड़##### #alone #बात #nojotovideo

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Abhishek Rajhans

मेरे अल्फाज (नया खंड) #touchthesky #शायरी

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जिस्मों का जनाजा तो रोज ही उठता है इस जमाने में
एक दिल ही जानता है ,दिल का जनाजा उठाना क्या होता है

रहते कहां हो ,करते क्या हो ,पूछ लेता है हर कोई
कोई पूछता ही नहीं दिल का ठिकाना कहाँ होता है

हर कोई पूछता है कमरा खाली है साहब या नहीं
जाने क्यों कोई दिल का कोना टटोलता नहीं


मर्ज बहुत है ,दवाएं भी अब कई
इश्क ही बीमारी है शायद जो अब भी लाईलाज कहीं

हर कोई कहता है कुछ तकलीफ हो तो बताना जरूर
यूँ कोई तकल्लुफ से फ़ोन करता  कोई

किसी को क्या पता ,रिश्ते निभाना है क्या
बेमतलब से मिलने आये तो कोई

वो उम्र भर करता रहा इश्क़ उसके जिस्म से
अब कब्र पर फूल चढ़ाने जाता दिखाई देता नहीं

©Abhishek Rajhans मेरे अल्फाज (नया खंड)

#touchthesky

Shashi Bhushan Mishra

#शंका ने उजाड़ दी लंका# #कविता

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शंका  ने  उजाड़ दी लंका, 
फ़क़त    पीटकर    डंका,

कैसे बुझे प्यास हृदय की, 
करते   केवल   मन   का, 

चिन्ताओं में घिरे हुए सब, 
ख़्याल  करें  इस तन का, 

अंदर का है रिक्त खज़ाना,
जुगत   लगाए   धन   का,

सगुण रूप में सद्गुरु आये, 
ज्ञान   दिया    निर्गुण   का, 

मिल  जाए  उपहार  सदृश, 
सेवा,  सत्संग, भजन   का,

अंतर्घट   फैला   उजियारा, 
आस   पूर्ण   'गुंजन'    का, 
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
     चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #शंका ने उजाड़ दी लंका#
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