Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ललकार पेपर Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ललकार पेपर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ललकार पेपर.

    LatestPopularVideo

आकिब सईद

उठ रही है सदाये गूंगी दीवारों से,
नदियों में चुपचाप बहती मझधार से,
ये देश के नौजवानों डरते हो किस वार से,
होना पड़ता है बागी गर मिले ना हक प्यार से,
गहरा रिश्ता है हमारा,
टीपू की तलवार से बिस्मिल की ललकार से,
ये देश के नवजवानो डरते हो तुम किस वार से,
होना पड़ता है बागी गर हक ना मिले प्यार से।

 #ललकार

Dhruv Bali aka Darvesh Danish

ललकार

read more
ललकार
कह दो जाकर देश के  सारे जय चंदो  गद्दारों से
नहीं बंटा है नहीं बंटे गा  देश ये  झूठे नारों पे
आओ याद रखें ना भूलें ,लहूलुहांन उस घरती को
वीर जवानों का बलिदां उस पुलवामा के शानों  पे
आतंकवाद से डर कर रहना नहीं कोई मजबूरी है
नहीं रुकेंगे नहीं सहेंगे खेल जायेंगे प्रा णों  पर
अभिनंदन का अर्थ शौर्य है परिभाषित नव भारत मैं
जिसने साहस को तोला है दुश्मन की  तलवारों पे
अब न सुनेंगे बात तुम्हारी चैनो अमन के  रखवाले
नाच रहे तुम.    शत्रु  देश  के  नीच निक्रिष्ट इशारों पे
वीर जवानों के बलिदान को तुम क्या खाक समझ पाओगे 
बेच आये हो  देशभक्ति  तुम सत्ता के बाज़ारों पे
ये भी नहीं समझ पाये तुम पिछले 70 सालों में
 भ्रष्टाचार तुम्हारा  लाया  ,देश को इन अंगारों पे
राफेल मांग रही है सेना उस पर राजनीति करते हो
शऱम  करो  तुम सोच पे  अपनी , अपने तुच्छ विचारों पे
कह दो जाकर देश के  सारे जय चंदो  गद्दारों से
नहीं बंटा है नहीं बंटे गा  देश ये  झूठे नारों पे...... #NojotoQuote ललकार

अंशुल गुरु

Shivansh Dwivedi

ललकार दिवस #कविता

read more
।। "26 फरवरी 2019 प्रभात का समय"।।

 वीरता को दे चुनौती, पाक को ललकार आए शत्रुओं के घर में घुसकर, शत्रुओं को मार आए
 पुलवामा के इतिहास को 
पाक में दोहरा है आए 
सैनिकों के बदले में 
आतंकियों को मार आए 
मिग को मिग से ध्वस्त कर 
हम पाक को बतला है आए 
केसरी को केसरी  के घर
में वापस लेकर आए 
तीन सौ सत्तर हटा कर
 जंग को हम जीत आए 
वीरता को दे चुनौती पाक को ललकार आए ।।

©Shivansh Dwivedi ललकार दिवस

Jitendra Singh

ललकार #neerajchopra

read more
गोल्डन बॉय  नीरज  चोपड़ा  को समर्पित  मेरी  कुछ  पंक्तियां 

*******************************************************
         व्यर्थ  ना कोई वार कर ,
                जब  वार कर  अपार  कर ,
                                    स्वर्ण  को भेदता ,
                                          तू  भाल  का प्रहार  कर ,

               तु   स्वयं  समय  का  प्रहरी  है ,
                             स्वयं समय  भी  तेरा  ऋणी है ,
                                    अपनी  विशाल  भुजाओं  से ,
                                        तु  स्वयं  का  निर्माण  कर ,
                          
                तप  कर ही   स्वर्ण  निखरता  है ,
                               जल  कर  ही  खाद्य  पकता  है ,
                                   अपने  ह्रदय  की  अग्नि  से ,
                                                     तु  विजय  की  ललकार  कर ,                व्यर्थ ना कोई वार कर ,जब  वार  कर अपार  कर 
******************************************************
              copyright @ जितेन्द्र  सिंह  " जयेश "
 ****************************************************

©Jitendra Singh ललकार 

#neerajchopra

Laxmi Yadav

# माँ की ललकार #कविता

read more
आज स्वर्ग से श्वेत आँचल लहराय
आगाज हुआ डमरू का  ,
सजी वृषभ की सवारी
निकली महागौरी  ,
त्रिशूल हवा मे लहराती। 

इस आठ वर्षीय देवी की ,
महिमा बड़ी निराली
एक हाथ से संकट हरति 
दूजा बर मुद्रा धारी, 
निकली शांति के देवी की पालकी। 

चिंतित मुद्रा सोच रही ,
पृथ्वी पर बड़ी आशांति
आज कोरोना को शांति का पाठ पढ़ाऊँगी। 

पता नही कितनी ताकत फैल्लायेगा, 
जाने कितनी और बलि चड़ायेगा, 
ऐसी कैसी प्यास है तेरी
क्या जग मे कोई माँ नही तेरी, 
इसीलिए नरपिशाच बना तू घूम रहा, 
जन जन मे भय समा रहा। 

सुन देवी का तिरस्कार शब्द
कोरोना जोर से हंकार उठा, 
देवो का भी सिंहासन डोल उठा। 

मंदिर मस्जिद गिरिजाघर ने बाँट लिया भगवान को, 
धरती बांटी सागर बंटा बाँट लिया मां बाप को, 
इसीलिए अब मैंने अपना छ ल दिखलाया। 
मै भी देखु मंदिर मस्जिद
 गिरिजाघर से कौन बचाने आया। 

ये मुझको क्या समझायेंगे, 
और क्या मुझको सबक सिखायेंगे। 

मानव होकर मानवता भूल गये, 
इंसान होकर इंसानियत भूल गए, 
मुझको क्या मेरी हैवानियत बतलायेंगे? 

कैसे ना याद रहा इनको, 
हर माँ से बढ़कर है भारतमाता, 
हर प्रेम से बढ़कर है देशप्रेम, 
हर धर्म से बढ़कर है मजहब का धर्म। 

सुन इस असुर की बात निशब्द हो गई देवी, 
राक्षस होकर भी कितना गूढ़ ज्ञान दे रहा, 
धरा पर नर ही नर को सता रहा। 

हे 
इस वरदान का तू पात्र नही, 
पर कोरोना का भी इस पर कोई अधिकार नही।

©Laxmi Yadav # माँ की ललकार

संजीव

कोरोना को ललकार...

read more

Pritish Kumar

पेपर #शायरी

read more

Saraswat Dev Mohit

#पेपर

read more
जब भी किताबों से इश्क होता है 
कमब्ख्त फोन प्रपोज कर देता है ।। #पेपर

writer anil lodhi

वो वक्त बहुत खराब होता है, ऐ मेरे दोस्त !
जिस वक्त कोई आपको ललकार रहा हो और आप उसका जवाब ना दे पाओ ।
ऐसा वक्त भगवान करें किसी के जीवन में ना आए।

©anil foujdar #WorldAsteroidDay
#वक्त
#ललकार
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile